महाराष्ट्र: सेंट्रल मिनिस्टर नारायण राणे अरेस्ट, रत्नागिरी कोर्ट से अग्रिम जमानत याचिका खारिज
सेंट्रल मिनिस्टर नारायण राणे द्वारा उद्धव ठाकरे पर आपत्तिजनक बयान के बाद उनके के खिलाफ कई जगह एफआईआर दर्ज हुई है। पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। इससे पहले रत्नागिरी कोर्ट ने उनकी अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी थी। बाम्बे हाईकोर्ट से भी कोई राहत नहीं मिली है।
- सीएम उद्धव ठाकरे पर आपत्तिजनक भाषा के इस्तेमाल मामले में एफआइआर
मुंबई। सेंट्रल मिनिस्टर नारायण राणे द्वारा उद्धव ठाकरे पर आपत्तिजनक बयान के बाद उनके के खिलाफ कई जगह एफआईआर दर्ज हुई है। पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। इससे पहले रत्नागिरी कोर्ट ने उनकी अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी थी। बाम्बे हाईकोर्ट से भी कोई राहत नहीं मिली है।
राणे ने बीजेपी की जन आशीर्वाद यात्रा के दौरान उद्धव ठाकरे को थप्पड़ मारने की बात कही थी। न्यूज एजेंसी पीटीआइ के अनुसार, नारायण राणे राणे के बयान आपत्ति जताते हुए शिवसेना कई जगह तोड़फोड़ की। नासिक स्थित बीजेपी ऑफिस पर नारे लगाते हुए पत्थर फेंके गये। वहीं नारायण राणे के आवास के पास शिवसेना, भाजपा कार्यकर्ता और पुलिस के बीच झड़प हो गई।
महाराष्ट्र में सेंट्रल मिनिस्टर नारायण राणे के खिलाफ शिवसेना के कार्यकर्ताओं का गुस्सा बढ़ता जा रहा है। राणे पर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को 'कान के नीचे रख देने की' उनकी टिप्पणी को लेकर मामला दर्ज किया गया। नारायण राणे ने महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे के खिलाफ की टिप्पणी को लेकर उनके खिलाफ दर्ज हुई प्राथमिकी को रद करने के लिए बाम्बे हाईकोर्ट का रुख किया था।
न्यूज एजेंसी एएनआइ के अनुसार, युवा सेना की शिकायत के बाद मंगलवार को पुणे शहर के चतुरशृंगी पुलिस स्टेशन में भारतीय दंड संहिता की धारा 153 और 505 के तहत मामला दर्ज किया गया था। हालांकि, इस FIR के बारे में राणे को कोई जानकारी नहीं। इस बात का दावा उन्होंने खुद किया है।मामले दर्ज होने की बात पर उन्होंने कहा, 'मुझे इस बात की कोई जानकारी नहीं है कि मेरे खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। मैं कोई आम आदमी नहीं हूं। मैंने कोई अपराध नहीं किया है। 15 अगस्त के बारे में कोई नहीं जानता तो क्या यह अपराध नहीं है? मैंने कहा था कि मैं थप्पड़ मार दूंगा - ये शब्द थे और यह कोई अपराध नहीं है।'
क्या है मामला?
राणे ने सोमवार को रायगढ़ जिले में भाजपा की जन आशीर्वाद यात्रा को संबोधित करते हुए कहा कि ठाकरे 15 अगस्त को राज्य के लोगों के लिए अपने संबोधन के दौरान स्वतंत्रता के वर्ष को भूल गये थे। अगर वह मौके पर मौजूद होते, तो उनके कान के नीचे रख देते।राणे ने कहा था, 'यह शर्मनाक है कि सीएम को आजादी का साल नहीं पता। वह अपने भाषण के दौरान स्वतंत्रता के वर्षों के बारे में पूछने के लिए पीछे झुक गए। मैं वहां होता तो (उसे) एक जोरदार तमाचा मार देता।' राणे ने कहा कि ठाकरे को उस दिन भाषण के दौरान बीच में ही अपने सहयोगियों के साथ आजादी का साल देखना था।