Manish Kashyap को सुप्रीम कोर्ट से नहीं मिली राहत, बिहार और तमिलनाडु गवर्नमेंट को नोटिस जारी

तमिलनाडु में बिहारी श्रमिकों पर हमले का फर्जी वीडियो प्रसारित करने के मामले में अरेस्ट यूट्यूबर मनीष कश्यप को मंगलवार को भी सुप्रीम कोर्ट से राहत नहीं मिली सकी।  मनीष की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में मंगलवार को सुनवाई हुई। कोर्ट ने इस मामले में सेंट्रल गवर्नमेंट के साथ-साथ बिहार और तमिलनाडु गवर्नमेंट को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। 

Manish Kashyap को सुप्रीम कोर्ट से नहीं मिली राहत, बिहार और तमिलनाडु गवर्नमेंट को नोटिस जारी

नई दिल्ली। तमिलनाडु में बिहारी श्रमिकों पर हमले का फर्जी वीडियो प्रसारित करने के मामले में अरेस्ट यूट्यूबर मनीष कश्यप को मंगलवार को भी सुप्रीम कोर्ट से राहत नहीं मिली सकी।  मनीष की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में मंगलवार को सुनवाई हुई। कोर्ट ने इस मामले में सेंट्रल गवर्नमेंट के साथ-साथ बिहार और तमिलनाडु गवर्नमेंट को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। 

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सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस कृष्ण मुरारी और संजय करोल की पीठ ने याचिका की आगे की सुनवाई 21 अप्रैल के लिए सूचीबद्ध की है।यूट्यूबर मनीष कश्यप ने सुप्रीम कोर्ट ने याचिका दायर की है, जिसमें उसने अपने खिलाफ विभिन्न स्थानों पर दर्ज एफआइआर को एक साथ सम्बद्ध करने का अनुरोध किया है। याचिका में कहा गया है कि उसके खिलाफ कई एफआइआर दर्ज की गईं हैं। इनमें बिहार में तीन और तमिलनाडु में दो एफआइआर शामिल है। मनीष कश्यप ने अर्जी दाखिल कर अंतरिम जमानत की भी मांग की है।

मनीष कश्यप की ओर से सीनीयर एडवोकेट सिद्धार्थ दवे ने पत्रकार अर्नब गोस्वामी के मामले का जिक्र करते हुए कहा कि एक ही क्राइम के लिए अलग-अलग मामले दर्ज नहीं किये जा सकते। सिद्धार्थ दवे ने बिहार में यूट्यूबर के खिलाफ दर्ज एफआइआर को मेन एफआइआर बनाने की अपील की। मनीष कश्यप की तरफ से कहा गया कि मुझे तमिलनाडु ले जाया जा रहा है, जहां मुझे भाषा भी समझ में नहीं आती है। यह आश्चर्यजनक है और देश की संप्रभुता के लिए खतरा है। वहीं, तमिलनाडु की ओर से पेश सीनीयर एडवोकेट कपिल सिब्बल जवाब दाखिल करने के लिए समय मांगा। उन्होंने कहा कि कश्यप की हरकत से मौतें हुई हैं और यह कोई साधारण मामला नहीं है। कश्यप को पहले ही राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम के तहत हिरासत में लिया जा चुका है। इस मामले को त्वरित सुनवाई के लिए पिछले सप्ताह चीफ जस्टिस डी. वाई. चंद्रचूड़ के समक्ष उल्लेख किया गया था, हालांकि उन्होंने याचिकाकर्ता को तत्काल राहत देने से इनकार कर दिया था।

NSA के तहत भी दर्ज किया गया है मामला
हिंसा के फर्जी वीडियो प्रसारित करने के मामले में आरोपी मनीष कश्यप के खिलाफ NSA के तहत मामला दर्ज किया गया है। बता दें कि फिलहाल आरोपी मनीष कश्यप अभी तमिलनाडु पुलिस की कस्टडी में है। सूत्रों की मानें तो पूछताछ के दौरान मनीष कश्यप ने तमिलनाडु पुलिस को फर्जी वीडियो प्रसारित करने के मामले में अहम जानकारी दी है। तमिलनाडु पुलिस के साथ बिहार पुलिस इस मामले में सभी अहम कड़ियां जोड़ने में लगी है। पुलिस का मानना है कि मनीष के पीछे एक बड़ा नेटवर्क काम कर रहा है। उस नेटवर्क से जुड़े लोगों को लेकर भी पूछताछ की जायेगी।

तमिलनाडु के जेल में बंद है मनीष कश्यप
पिछले महीने 29 मार्च को तमिलनाडु पुलिस मनीष कश्यप को प्रोडक्शन वारंट पर अपने साथ चेन्नई ले गई थी। वहां मदुरई कोर्ट में पेश करने के बाद पुलिस को तीन दिनों की रिमांड मिली थी, जिसमें उससे पूछताछ की गई थी। अभी फिलहाल वह 19 अप्रैल तक ज्यूडिशियल कस्टडी में है। मनीष के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (NSA) के तहत भी मामला दर्ज किया गया है।

बिहार में कुर्की जब्ती के दौरान मनीष कश्यप ने किया था सरेंडर
तमिलनाडु में बिहारी श्रमिकों पर हमले का झूठा वीडियो शेयर करने के आरोपित यूट्यूबर मनीष कश्यप ने 18 मार्च को बिहार के बेतिया में सरेंडर किया था। पुलिस ने बेतिया जिले के जगदीशपुर ओपी स्थित मनीश कश्यप के घर पर कुर्की जब्ती की थी। पुलिस उसके घर के दरवाजे और खिड़कियां तक उखाड़ कर ले गई। 

मनीष के चार बैंक अकाउंट्स सीज, लाखों रुपये हैं जमा
मनीष कश्यप के खिलाफ बिहार पुलिस की आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) पहले ही कार्रवाई करते हुए उसके यूट्यूब चैनल के बैंक अकाउंट्स को फ्रीज कर चुकी है। मनीष के अलग-अलग चार बैंक अकाउंट्स में कुल 42 लाख 11 हजार 937 रुपये जमा हैं।