मुबई: एंटीलिया केस में पुलिस अफसर सचिन वाझे अरेस्ट,एनआइए के एक्शन से शिवशेना गरम
इंडस्ट्रलिस्ट मुकेश अंबानी के घर एंटीलिया के बाहर खड़ी स्कॉर्पियो में मिले विस्फोटक सामग्री मामले में NIA ने पुलिस अफसर सचिन वझे को अरेस्ट कर लिया है।
- सचिन वझे को एनआईए आज कोर्ट में पेश कर कस्टडी मांगेंगी
मुंबई। इंडस्ट्रलिस्ट मुकेश अंबानी के घर एंटीलिया के बाहर खड़ी स्कॉर्पियो में मिले विस्फोटक सामग्री मामले में NIA ने पुलिस अफसर सचिन वझे को अरेस्ट कर लिया है। इस मामले की जांच कर रही एनआईए सचिन वझे को एनआईए आज कोर्ट में पेश करेगी और उनकी कस्टडी मांगेंगी।
मुकेश अंबानी के मुंबई स्थित घर ‘एंटीलिया के बाहर मिली स्कॉर्पियों के कथित मालिक मनसुख हिरेन की मौत मामले में विवादों में घिरे पुलिस अफसर सचिन वाझे से 12 घंटे की पूछताछ के बाद एनआईए ने शनिवार देर रात अरेस्ट कर लिया। जानकार सोर्सेज का कहना है कि सचिन वाझे ने 25 फरवरी को कारमाइकल रोड (एंटीलिया के पास) पर विस्फोटक से लदे स्कॉर्पियो लगाने वाले ग्रुप का हिस्सा होने की बात स्वीकार कर ली है। एएनआई ने वाझे को आईपीसी की धारा 286, 465, 473, 506(2), 120 B और विस्फोटक पदार्थ अधिनियम 1908 की धारा 4(a)(b)(I) के तहत अरेस्ट किया गया है। उनपर या धाराएं 25 फरवरी को मुकेश अंबानी के घर के बाहर विस्फोटक से भरी कार को प्लांट करने में शामिल होने के आरोप में लगाये गये हैं।
मनसुख के मोबाइल को बना रहस्यमय
मनसुख हिरेन मौत मामले की जांच महाराष्ट्र एटीएस कर रही है। अब तक न तो मुंबई पुलिस को और न ही एटीएस को मनसुख का मोबाइल मिल सका है। इस रहस्यमय मौत के मामले में मोबाइल अहम सुराग साबित हो सकता है क्योंकि पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट से पता चली मनसुख की मौत की टाइमिंग के बाद तक उसका मोबाइल ऑन था। इससे आशंका है कि मनसुख को कलवा खाड़ी में फेंकने से पहले उसकी मर्डर की और पुलिस को भ्रमित करने के लिए जानबूझ कर मोबाइल को ऑन रखा। यहीं पर पुलिस को फोन की लास्ट लोकेशन मिली थी।स्कॉर्पियो मालिक मनसुख हिरेन की मौत की गुत्थी अभी तक नहीं सुलझ पाई है। पुलिस को अब तक मनसुख का मोबाइल नहीं मिला है। उसका मोबाइल जांच में अहम सुराग साबित हो सकता है।
सचिन वाझे की टीम में शामिल चार अफसरों से NIA ऑफिस में पूछताछ
मुंबई पुलिस के क्राइम इंटेलिजेंस यूनिट के चार सदस्य जो कि वाझे की टीम का हिस्सा थे, पूछताछ के लिए एनआईए ऑफिस पहुंचे हुए हैं। आशंका जतायी जा रही है कि टीम से जुड़े अफसरों पर भी गाज गिर सकती है।
NIA के एक्शन से संजय राउत नाराज, सचिन वाझे को बताया ईमानदार अफसर
एनआईए द्वारा मुंबई के पुलिस ऑफिसर सचिन वाझे की अरेस्टिंग पर शिवसेना ने सवाल उठाया है। एमपी संजय राउत ने पुलिस ऑफिसर सचिन वाझे को ईमानदार और सक्षम अधिकारी बताया है। उन्होंने कहा कि एंटीलिया के बाहर कार में मिली जिलेटिन की जांच मुंबई पुलिस की जिम्मेदारी थी। इसके लिए किसी राष्ट्रीय एजेंसी की कोई जरूरत नहीं थी।
राउत ने कहा है कि हम एनआईए का सम्मान करते हैं, लेकिन हमारी पुलिस भी इसकी जांच कर सकती थी। उन्होंने कहा कि केंद्रीय एजेंसियां बार-बार मुंबई में प्रवेश करती हैं। इससे पुलिस का मनोबल गिराती है। यह राज्य में अस्थिरता पैदा करती हैं और मुंबई पुलिस और प्रशासन पर दबाव बनाती है। उन्होंने सेंट्रल गवर्नमेंट पर जांच एजेंसियों के जरिए महाराष्ट्र सरकार को अस्थिर करने का गंभीर आरोप भी लगाया।
'जल में रहकर मगर से बैर की भावना शुभ संकेत नहीं'
शिवसेना के मुखपत्र सामना के संपादकीय में संजय राउत ने लिखा कि 'मुंबई पुलिस की जांच पर राज्य के विपक्ष के नेता आरोप लगाते हैं। पुलिस का मनोबल ही तोड़ देते हैं। यह राज्यव्यवस्था पर दबाव लाने का प्रयास है। इस दबाव के चलते ही पुलिस और प्रशासन विपक्ष के नेताओं को गुप्त जानकारी मुहैया कराते हैं। ऐसा होना सरकार के लिए शुभ संकेत नहीं है, लेकिन सभी को पानी में रहना है। मगरमच्छ से बैर क्यों करना, ऐसा सबको लगने लगे तो राज्य का प्रवाह दूषित हो जायेगा।वहीं, महाराष्ट्र के होम मिनिस्टर अनिल देशमुख ने कहा, 'स्कॉर्पियो कार में जिलेटिन स्टिक और मनसुख हिरेन मर्डर केस की जांच एनआईए और एटीएस कर रही है। जो सच निकलेगा उसके आधार पर ऐक्शन लिया जायेगा।'
बीजेपी ने की सचिन वझे के नार्को टेस्ट की मांग, महाराष्ट्र सरकार बड़े नामों को बचाना चाहती है
सचिन वझे की गिरफ्तारी के बाद बीजेपी ने महाराष्ट्र गवर्नमेंट के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। बीजेपी लीडर राम कदम ने ट्वीट कर सचिन वाजे का नार्को टेस्ट कराने की मांग की है। राम कदम ने ने अपने ट्वीट में कहा है कि आखिरकार सचिन वझे को एनआईए ने गिरफ्तार कर ही लिया। क्या अब सचिन वाजे को बचाने का कुकर्म करने वाली शिवसेना की सरकार देश से माफी मांगते हुए सचिन वझे का नार्को टेस्ट करेगी? उन्होंने कहा कि हमारी मांग है सचिन वझे का नार्को टेस्ट कराया जाए जिससे पता चले कि महाराष्ट्र सरकार उसे बचाना क्यों चाहती थी? राम कदम ने ट्वीट कर आरोप लगाया कि महाराष्ट्र सरकार कुछ बड़े नामों को बचाने के लिए सचिन वाझे का इस्तेमाल कर रही थी।
'वझे गैंग के अन्य लोगों के खिलाफ हो कार्रवाई'
बीजेपी लीडर किरीट सौमेया ने कहा, 'मुंबई पुलिस अफसर सचिन वझे की तो जेल रवानगी हो चुकी है, लेकिन वझे गैंग के अन्य लोगों के खिलाफ भी जल्द कार्रवाई होगी। मुझे शंका है कि इसमें पुलिस के लोगों को भी शामिल हो सकते हैं। ठाकरे सरकार ने वझे को बचाने के लिए पुलिस का इस्तेमाल किया। अनिल देशमुख को हटाया जाना चाहिए। मुंबई पुलिस कमिश्नर और वझे के बीच तीन दिन तक क्या बात हुई, यह भी सामने लाया जाए।'
फ्लैश बैक
मुकेश अंबानी के घर एंटीलिया के समीप 25 फरवरी को एक संदिग्ध स्कार्पियो कार मिली थी। इसमें जिलेटिन की छड़े व एक धमकी भरा लेटर मिला है। इस घटना के एक सप्ताह बाद ही स्कार्पियो के कथित मालिक मनसुख हिरेन की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई थी। मुंबई पुलिस के एपीआइ सचिन वझे ही वह स्कार्पियो चार महीने से चला रहे थे। कार मुकेश अंबानी के घर के निकट पाए जाने के बाद भी वह लगातार मनसुख हिरेन के संपर्क में थे। इसलिए मनसुख की वाइफ उनकी मर्डर का शक सचिन वझे पर जता रहा है। मुंबई एटीएस द्वारा मनसुख हिरेन मामले में दर्ज केस में सचिन वझे की ओर इशारा किए जाने के बाद विपक्ष लगातार उनकी गिरफ्तारी की मांग कर रहा था। इसे देखते हुए सचिन वझे ने शुक्रवार को ठाणे की एक कोर्ट में अग्रिम जमानत की याचिका दायर की थी। शुक्रवार को ही न्यायालय ने यह कहते हुए याचिका खारिज कर दी थी कि याचिकाकर्ता के खिलाफ पहली नजर में पर्याप्त सुबूत दिख रहे हैं। इसलिए उसे हिरासत लेकर पूछताछ करने की जरूरत है।