मुंबई: दुनिया को अलविदा कहने का वक्त..., पुलिस अफसर सचिन वाझे के वॉट्सऐप स्टेटस का क्या है मतलब?
मुंबई पुलिस के विवादास्पद अफसर सचिन वाझे के वॉट्सऐप स्टेटस ने सनसनी फैला दी है। अपने पुराने और नए विवाद का जिक्र करते हुए वाझे ने लिखा है कि अब दुनिया को अलविदा कहने का समय नजदीक आ रहा है।
- मुकेश अंबानी के घर के बाहर मिली विस्फोटक लदी स्कॉर्पियो-मनसुख हिरेन की मौत मामले में घिरे हैं वाझे
मुंबई। मुंबई पुलिस के विवादास्पद अफसर सचिन वाझे के वॉट्सऐप स्टेटस ने सनसनी फैला दी है। अपने पुराने और नए विवाद का जिक्र करते हुए वाझे ने लिखा है कि अब दुनिया को अलविदा कहने का समय नजदीक आ रहा है।
रिलायंस के चेयरमैन मुकेश अंबानी के घर के बाहर मिली विस्फोटक वाली कार और फिर कार के मालिक मनसुख हिरेन की मौत मामले में सचिन घिर गये हैं। बिजनेसमैन मनसुख हिरेन की मौत के मामले में एटीएस और एनआई ने सचिन वाझे से पूछताछ कर चुकी है।
वाझे ने वॉट्सऐप स्टेटस में लिखा है, ''3 मार्च 2004। सीआईडी में मेरे साथी अफसरों ने मुझे झूठे केस में अरेस्ट किया। आज तक उसका निष्कर्ष नहीं निकला। लग रहा है इतिहास खुद को दोहराने जा रहा है। मेरे साथी अफसर मुझे फंसाने जा रहे हैं। स्थिति अब कुछ अलग है। तब मेरे पास उम्मीद के 17 साल थे, धैर्य, जीन और सेवा भी। अब ना मेरे पास जीवन के 17 साल होंगे ना सर्विस ना ही जीने का धैर्य। मैं सोचता हूं कि दुनिया को अलविदा कहने का समय नजदीक आ रहा है।''
हिरेन मनसुख की पत्नी ने लगाया है आरोप
सचिन वाझे चैट में ख्वाजा यूनुस की पुलिस कस्टडी में मौत के मामले का उल्लेख कर रहे हैं, जिसकी वजह से उन्हें सस्पेंड कर दिया गया था। अरेस्ट होने के बाद उन्होंने पुलिस सर्विस से इस्तीफा भी दे दिया था। कोरोना महामारी के दौरान पुलिसकर्मियों की कमी होने पर उन्हें दोबारा बहाल कराया गया था। गुरुवार को एटीएस ने वाझे से पूछताछ की थी। हिरेन मनसुख की पत्नी विमला ने आरोप लगाया है कि उनके पति की मर्डर हुई है और इसमें वाझे का हाथ है।
आरोपों के बाद विस्फोटक लदी स्कॉर्पियो केस की जांच अफसर से वाझे का ट्रांसफर
एक्स देवेंद्र फडणवीस व मनसुख की पत्नी की ओर से लगाये गये आरोपों के गवर्नमेंट ने विस्फोटक लदी स्कॉर्पियो केस की जांच अफसर बनाये गये वाझे का ट्रांसफर कर दिया है। एनकाउंटर स्पेशलिट के रूप में मशहूर रहे वाझे ने ठाणे सेशन कोर्ट में अग्रिम जमानत की याचिका भी दायर की है। कोर्ट ने उनकी मांग खारिज कर दी है। मामले की अगली सुनवाई 19 मार्च को होगी।