वीरता पदक से सम्मानित IPS अरविंद नेगी को NIA ने किया अरेस्ट, लश्कर-ए-तय्यबा को दे रहा था गोपनीय जानकारी
एनआईए में सर्विस मेडल से सम्मानित आईपीएस अफसर अरविंद नेगी को अरेस्ट कर लिया गया है। नेगी पर लश्कर-ए-तय्यबा को गोपनीय सूचना लीक करने का आरोप है। हिमाचल प्रदेश काडर के आईपीएस अफसर नेगी 11 साल एनाआइए में काम कर चुके है।
- नेगी के ठिकानों से अनेक गोपनीय दस्तावेज मिले
नई दिल्ली। एनआईए में सर्विस मेडल से सम्मानित आईपीएस अफसर अरविंद नेगी को अरेस्ट कर लिया गया है। नेगी पर लश्कर-ए-तय्यबा को गोपनीय सूचना लीक करने का आरोप है। हिमाचल प्रदेश काडर के आईपीएस अफसर नेगी 11 साल एनाआइए में काम कर चुके है।
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नेगी पर आरोप उन्होंने लश्कर ए तयैबा के आतंकी को खुफिया दस्तावेज दी है।इसके बाद नेगी को यूएपीए के तहत अरेस् किया गया है।खुफिया जानकारी लीक करने मामले को। नेगी के ठिकानों से अनेक गोपनीय दस्तावेज मिले. जिसके बाद नेगी को पूछताछ के लिए कस्टडी में ले लिया गया। एनआईए की जांच में भी इसका पता चला है कि, नेगी के जरिए सूचनाएं लीक हुई हैं। इसके बाद अरेस्ट कर लिया गया।
बताया जाता है कि एनआईए ने लश्कर को सपोर्ट करने वाले ओवरग्राउंड वर्कर्स को अरेस्ट किया था। उससे पूछताछ में पता चला कि नेगीलश्कर-ए-तय्यबा को मदद करते थे।आतंकी संगठन को सूचनाएं देने का काम करते थे।इस सिलसिले में एनआईए ने नेगी के ठिकानों पर रेड की तो कई दस्तावेज मिले।उल्लेखनीय है कि 2011 बैच के आईपीएस अफसर अरविंद नेगी को गैलेंट्री अवार्ड से भी सम्मानित किया जा चुका है। इससे पहले अरविंद नेगी नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी में ही बतौर एसपी तैनात थे। इस मामले की जांच आरंभ होने के बाद उन्हें वापस उनकी कैडर में भेजा गया था। उन्हें 11 साल तीन महीने एनआईए में डिपुटेशन मिली थी।अपने सेवाकाल में नेगी एनआईए के सबसे प्रतिष्ठित अफसरों में से एक थे।वह कई प्रमुख मामलों की जांच में शामिल थे।
हिमाचल प्रदेश पुलिस में काम करते हुए अरविंद नेगी ने बहुचर्चित सीपीएमटी पेपर लीक केस की जांच की थी। बहुचर्चित शिमला तेजाब कांड की गुत्थी सुलझाने में भी नेगी ने अहम भूमिका निभाई थी।हिमाचल में नेगी की गिनती तेज-तर्रार अफसरों में होती थी। उन्हें पुलिस मेडल से भी सम्मानित किया जा चुका है।हुर्रियत नेतृत्व से जुड़े जम्मू कश्मीर टेरर फंडिंग मामले की जांच के लिए वीरता पदक मिला था।