झारखंड: स्टेट की सबसे बड़ी कपड़ा मिल ओरिएंट क्राफ्ट बंद, कंपनी की रांची  ईकाई में स्टाफ के आने पर रोक

राजधानी रांची में स्थित झारखंड की सबसे बड़ी कपड़ा मिल ओरियंट क्राफ्ट बंद हो गयी है। खेलगांव और इरबा में कंपनी की दोनों इकाइयों में प्रोडक्शन अनिश्चित काल के लिए बंद कर दिया गया है। अब मैनेजमेंट से जुड़े अफसर व स्टाफ के आने पर भी स्थायी रूप से रोक लगा दी गई है। दोनों यूनिटों को मिलाकर साढ़े तीन हजार कर्मचारी बेरोजगार हो गये हैं।

झारखंड: स्टेट की सबसे बड़ी कपड़ा मिल ओरिएंट क्राफ्ट बंद, कंपनी की रांची  ईकाई में स्टाफ के आने पर रोक

रांची। राजधानी रांची में स्थित झारखंड की सबसे बड़ी कपड़ा मिल ओरियंट क्राफ्ट बंद हो गयी है। खेलगांव और इरबा में कंपनी की दोनों इकाइयों में प्रोडक्शन अनिश्चित काल के लिए बंद कर दिया गया है। अब मैनेजमेंट से जुड़े अफसर व स्टाफ के आने पर भी स्थायी रूप से रोक लगा दी गई है। दोनों यूनिटों को मिलाकर साढ़े तीन हजार कर्मचारी बेरोजगार हो गये हैं।

ओरियंट क्राफ्ट के खेलगांव और इरबा स्थित कंपनी के भारी भरकम कैंपस में अब सिर्फ सिक्योरिटी कंपनी के कुछ गार्ड बचे हुए हैं। बताया जाता है कि कंपनी की ओर से कच्चा माल और मशीनरी एनसीआर यूनिटों में ट्रांसफर की गई है। अब लंबे समय तक कंपनी के नहीं खोले जाने या स्थायी रूप से बंद किए जाने की आशंका जताई जा रही है। हालांकि, ओरियंट क्राफ्ट के चेयरमैन सुधीर ढींगरा इससे इनकार करते हैं। कंपनी के मैनेजमेंट सोर्सेज का कहना है कि अगर कंपनी दोबारा खुलती भी है तो नये सिरे से स्टाफ की नियुक्ति होगी। स्टाफ की संख्या  पहले से आधी होगी।

 गवर्नमेंट से सब्सिडी नहीं मिलना बना कारण

झारखंड की टेक्सटाइल पॉलिसी के तहत तय सब्सिडी एक साल से नहीं दिया जाना कंपनी बंद करने के पीछे सबसे बड़ा कारण बताया जा रहा है। हालांकि, कोरोना के कारण भी इंटरनेशनल मार्केट से मांग में भारी कमी आई है। लेकिन मांग की कमी से कंपनी बंद होना दूसरा कारण है। उल्लेखनीय है कि झारखंड सरकार की टेक्सटाइल प़ॉलिसी के तहत स्टेट में कपड़ा प्रोडक्शन करने वाली कंपनियों के एक झारखंड को नौकरी देने के एवज में सात साल तक हर महीने पांच हजार रुपए देने के प्रावधान हैं।

अरविंद मिल व किशोर एक्सपोर्टस ने अपने आधे स्टाफ को हटाया

रांची की दो और बड़ी कपड़ा मिलों ने अपने स्टाफ को हटा दिया है। नामकुम केरामपुर स्थित अरविंद मिल में दो हजार स्टाफ काम करते थे। अभी केवल पांच सौ लोगों को काम करने के लिए कहा गया है। ओरमांझी स्थित किशोर एक्सपोर्टस में 1500 कर्मचारी में अभी 650 से  हीकाम लिया जा रहा है। शेष को हटा दिया गया है। ये दोनों कंपनियां और भी बड़े पैमाने पर स्टाफ घटाने की कोशिश कर रही हैं।