नई दिल्ली: संस्कृत को लेकर बढ़ी जागरुकता, विदेश में हो रही पढ़ाई, मन की बात में बोले PM मोदी
पीएम नरेंद्र मोदी अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम मन की बात के जरिए देश को संबोधित करते हुए रविवार को मेजर ध्यानचंद को याद किया। पीएम ने कहा कि मेजर ध्यानचंद का जीवन खेल को समर्पित था। देश को कितने ही पदक क्यों न मिल जाएं, लेकिन जब तक हाकी में पदक नहीं मिलता भारत का कोई भी नागरिक विजय का आनंद नहीं ले सकता है। इस बार ओलंपिक में चार दशक के बाद पदक मिला।
नई दिल्ली। पीएम नरेंद्र मोदी अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम मन की बात के 80 वें एपिसोड में देश को संबोधित करते हुए रविवार को मेजर ध्यानचंद को याद किया। पीएम ने कहा कि मेजर ध्यानचंद का जीवन खेल को समर्पित था। देश को कितने ही पदक क्यों न मिल जाएं, लेकिन जब तक हाकी में पदक नहीं मिलता भारत का कोई भी नागरिक विजय का आनंद नहीं ले सकता है। इस बार ओलंपिक में चार दशक के बाद पदक मिला।
संस्कृत साहित्य में मानवता और ज्ञान का है दिव्य दर्शन
उन्होंने कहा कि हाल के दिनों में जो प्रयास हुए हैं, उनसे संस्कृत को लेकर एक नई जागरूकता आई है। अब समय है कि इस दिशा में हम अपने प्रयास और बढाएं। हमारी संस्कृत भाषा सरस भी है, सरल भी है। संस्कृत अपने विचारों, अपने साहित्य के माध्यम से ये ज्ञान विज्ञान और राष्ट्र की एकता का भी पोषण करती है, उसे मजबूत करती है। संस्कृत साहित्य में मानवता और ज्ञान का ऐसा ही दिव्य दर्शन है जो किसी को भी आकर्षित कर सकता है।पीएम ने हम अपने पर्व मनाएं, उसकी वैज्ञानिकता को समझे, उसके पीछे के अर्थ को समझे। इतना ही नहीं हर पर्व में कोई न कोई सन्देश है, कोई-न-कोई संस्कार है। हमें इसे जानना भी है, जीना भी है और आने वाली पीढ़ियों के लिए विरासत के रूप में उसे आगे बढ़ाना भी है।
अब खेल-कूद को रूकना नहीं है
मोदी ने कहा कि हर परिवार में अब खेलों के बारे में चर्चा होने लगी है। क्या हमें अब इसे रूकने देना चाहिए? अब खेल-कूद को रूकना नहीं है। इस गति को अब रोकना नहीं है। अब हमारे खेल के मैदान भरे हुए होने चाहिए। मेरे देश का युवा मन अब सर्वश्रेष्ठ की तरफ अपने आपको केंद्रित कर रहा है। सर्वोत्तम करना चाहता है, सर्वोत्तम तरीके से करना चाहता है। ये भी राष्ट्र की बहुत बड़ी शक्ति बनकर उभरेगा। देश के युवाओं ने मन में ठान लिया कि कैसे दुनिया में भारत के खिलौनों की पहचान बनानी है। वे अब नए-नए प्रयोग कर रहे हैं। आज युवा इसपर ध्यान केंद्रित कर रहा है।
बदल चुका है युवा का मन
पीएम ने कहा कि हमने अभी कुछ समय पहले ही अपने अंतरिक्ष क्षेत्र को खोला था और देखते ही देखते युवा पीढ़ी ने उस मौके को पकड़ लिया। इसका लाभ उठाने के लिए कालेजों के छात्र, यूनिवर्सिटी और निजी क्षेत्र में काम करने वाले नौजवान बढ़-चढ़ करके आगे आये हैं। मुझे पक्का भरोषा है कि आने वाले दिनों में बहुत बड़ी संख्या ऐसे उपग्रह की होगी, जिसपर हमारे युवाओं ने काम किया होगा। उन्होंने कहा कि - आज का युवा बने बनाए रास्तों पर चलना नहीं चाहता है। वो नये रास्ते बनाना चाहता है। अनजानी जगह पर कदम रखना चाहता है। मंजिल भी नयी, लक्ष्य भी नए, राह भी नयी और चाह भी नयी। भारत का युवा एक बार मन में ठान लेता हैं, तो उसे पूरा करने के लिए जी-जान से जुट जाता है। दिन-रात मेहनत कर रहा है। साथियो, जब खेल-कूद की बात होती है न, तो स्वाभाविक है हमारे सामने पूरी युवा पीढ़ी नजर आती है और जब युवा पीढ़ी की तरफ गौर से देखते हैं कितना बड़ा बदलाव नजर आ रहा है। युवा का मन बदल चुका है।
पीएम मोदी की मन की बात कार्यक्रम को आकाशवाणी, दूरदर्शन के पूरे नेटवर्क और मोबाइल एप पर भी प्रसारित किया जाता है। आज पीएमओ और सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के यूट्यूब चैनलों पर भी मन की बात देखा गया। पीएम हर महीने के अंतिम रविवार को मन की बात कार्यक्रम में ज्वलंत मुद्दों पर अपने विचार लोगों के साथ शेयर करते हैं।इससे पहले पीएम मोदी ने देशवासियों से अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम मन की बात के लिए सुझाव मांगे थे। बुधवार को अपने ट्वीट में प्रधानमंत्री ने कहा, 'इस महीने के मन की बात कार्यक्रम में आप की किस तरह के विषयों में रुचि है। इन विषयों को आप माई गोव या नमो एप पर साझा कर सकते हैं। आप फोन नंबर 1800117800 पर अपना संदेश रिकार्ड करके भी भेज सकते हैं।