नई दिल्ली: रिटायर्ड IAS अफसर अमित खरे बने PM नरेंद्र मोदी के सलाहकार, चारा घोटाला को किया था उजागर
रिटायर्ड IAS अफसर व केंद्रीय मानव संसाधन और सूचना प्रसारण मंत्रालय में सचिव रह चुके अमित खरे को पीएम नरेंद्र मोदी का सलाहकार नियुक्त किया गया है। 1985 बैच के आईएएस अफसर अमित खरे 30 सितंबर को ही उच्च शिक्षा सचिव के पद से रिटायर हुए थे।कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय की ओर से अमित खरे को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का सलाहकार नियुक्ति करने के संबंध में आदेश जारी किया है।
- सेंट्रल एजुकेशन पॉलिसी तैयार करने में रहा है अहम रोल
नई दिल्ली। रिटायर्ड IAS अफसर व केंद्रीय मानव संसाधन और सूचना प्रसारण मंत्रालय में सचिव रह चुके अमित खरे को पीएम नरेंद्र मोदी का सलाहकार नियुक्त किया गया है। 1985 बैच के आईएएस अफसर अमित खरे 30 सितंबर को ही उच्च शिक्षा सचिव के पद से रिटायर हुए थे।
कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय की ओर से अमित खरे को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का सलाहकार नियुक्ति करने के संबंध में आदेश जारी किया है।
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मंत्रिमंडल की नियुक्ति समिति ने अमित खरे को पीएम का सलाहकार नियुक्त करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी। पीएमओ में उनकी संविदा नियुक्ति भारत सरकार के सचिव की रैंक और स्केल पर दी गई। वह दो साल तक इस पद पर रहेंगे।वह पीएमओ में सलाहकार के तौर पर काम करेंगे। उनका रैंक और स्केल भारत सरकार के किसी अन्य सचिव के बराबर होगा। उनकी यह नौकरी कॉन्ट्रैक्ट के आधार पर होगी। इसके अलावा पुनर्नियुक्ति को लेकर सरकार के सभी नियम उन पर लागू होंगे।फिलहाल उन्हें दो साल या फिर अगले किसी आदेश तक के लिए नियुक्ति दी गई है। इसे बाद में बढ़ाया भी जा सकता है।
अमित खरे को पीएम नरेंद्र मोदी के करीबी नौकरशाहों में शुमार किया जाता रहा है। 34 सालों बाद देश में नई शिक्षा नीति लागू में उन्होंने अहम भूमिका निभाई। उच्च शिक्षा के क्षेत्र में कई क्रांतिकारी बदलाव किए। आईआईटी, आईआईएम जैसे राष्ट्रीय महत्व का के संस्थानों को विश्वस्तरीय बनाने पर जोर दिया। वे लंबे समय तक केंद्रीय सूचना और प्रसारण सचिव के भी अतिरिक्त प्रभार में रहे। डिजिटल मीडिया को लेकर नियम तय करने में भी उनकी अहम भूमिका रही है। हाल ही में केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने डिजिटल मीडिया को लेकर नियमावली जारी की थी।
दूरदर्शन के दायरे का विस्तार
अमित खरे ने सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय में रहते हुए दूरदर्शन के दायरे का विस्तार किया। झारखंड समेत देश के लगभग एक दर्जन राज्यों को डीडी फ्री डिश की सेवा दिलाई। नवंबर 2018 में उनके नेतृत्व में गोव में अंतरारष्ट्रीय फिल्म महोत्सव का आयोजन हुआ। उन्होंने झारखंड में लोगों को डायन-बिसाही जैसे अंधविश्वास के खिलाफ जागरूक किया। इसके खिलाफ कड़े कानून बनवाये।
चारा घोटाला मामले को किया उजागर
अमित खरे 1985 बैच IAS अमित खरे बिहार-झारखंड कैडर के अफसर थे। 36 साल के अपने करियर में उन्होंने भारत सरकार के अलावा झारखंड और बिहार सरकार में महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां निभाई। उन्होंने चाईबासा के डीसी रहने के दौरान चारा घोटाला मामले को उजागर किया था। उन्होंने इस मामले में पहली बार एफआइआर दर्ज कराई थी। इसके बाद बिहार के कई हाईप्रोफाइल लीडर व अफसर जेल गये। बिहार के सीएम लालू प्रसाद यादव को भी जेल हुई।अमित खरे ने ही एकीकृत बिहार में पश्चिमी सिंहभूम के डीसी रहने के दौरान सबसे पहले चारा घोटाले का खुलासा किया था और पहली प्राथमिकी दर्ज करायी थी। इस मामले में कई हाईप्रोफाइल राजनेता, अधिकारी-आपूर्तिकर्ता जेल गए और सजा भी हुई।
1985 बैच के IAS अफसर ने उठाई कई अहम जिम्मेदारी
करीब 36 साल तक भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी के रूप में अमित खरे का योगदान यादगार रहा। जहां भी उन्होंने अपनी सेवा दी, उन्हें आज भी लोग ईमानदार और कर्त्तव्यनिष्ठ अधिकारी के रूप में याद करते हैं। झारखंड और बिहार सरकार के अलावा सेंट्रल में कई अहम जिम्मेवारियों का निवर्हन किया।