नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने कहा 31 अक्टूबर तक बकाया जमा करें आम्रपाली के बायर्स, नहीं तो फ्लैट का अलॉटमेंट होगा कैंसल
प्रीम कोर्ट ने सोमवार को आम्रपाली मामले सुनवाई करते हुए होम बायर्स को बकाया राशि देने के लिए 31 अक्टूबर तक का समय दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि अगर बायर्स 31 अक्टूबर तक अपना बकाया जमा नहीं करेंगे तो उनको फ्लैट का अलॉटमेंट कैंसल कर दिया जायेगा।
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को आम्रपाली मामले सुनवाई करते हुए होम बायर्स को बकाया राशि देने के लिए 31 अक्टूबर तक का समय दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि अगर बायर्स 31 अक्टूबर तक अपना बकाया जमा नहीं करेंगे तो उनको फ्लैट का अलॉटमेंट कैंसल कर दिया जायेगा। इन बकायादारों की पहचान फॉरेंसिक ऑडिट एक्सरसाइज के दौरान की गई।
जस्टिस यूयू ललित और अशोक भूषण की बेंच ने कहा कि फॉरेंसिक ऑडिटर्स द्वारा पहचान किये गये सभी डिफॉल्टर होमबॉयर्स को 31 अक्टूबर से पहले अपने बकाया का पेमेंट करना होगा। अगर बकाया देने में बायर्स विफल हुए तो प्राप्तकर्ता आवंटन कैंसिल करने के लिए कदम उठाने के हकदार होंगे। कोर्ट का यह आदेश प्राप्तकर्ता, सीनीयर एडवोकेट आर वेंकटरमनी की ओर से प्रस्तुत किये गये एक नोट पर आया।होमबॉयर्स के ग्रुप की ओर से पेश हुए एडवोकेट एमएल लाहोटी ने कहा कि ये जीनियस होमबॉयर्स नहीं हैं जिन्होंने आम्रपाली को किश्तों के भुगतान में चूक की है। फोरेंसिक ऑडिटरों ने 5856 फ्लैटों की पहचान की थी, जो आम्रपाली के डायरेक्टरों द्वारा असामान्य रूप से कम कीमतों पर बेचे गये थे। इसके बाद ऑडिटर्स ने इन फ्लैट के खरीदारों से मौजूदा मार्केट के आधार पर 321.31 करोड़ रुपए की वसूली की मांग की थी।
वहीं, सीनीयर एडवोकेट वेंकटरमनी ने कोर्ट को बताया कि आम्रपाली की संपत्तियों की नीलामी पर एमएसटीसी लिमिटेड के साथ एक एक्शन प्लान बनाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि पांच संपत्तियों की पहचान की गई है जो कि करीब 12 करोड़ रुपये के करीब की हो सकती है। सुनवाई के दौरान प्राप्तकर्ता ने अदालय को बताया कि एसबीआई कैपिटल मार्केट वेंचर्स के साथ एक विशेष प्रयोजन के माध्यम से फंड को देने के लिए तौर तरीकों को औपचारिक बनाने पर बातचीत चल रही है। जैसा कि एसबीआई कैपिटल मार्केट वेंचर्स (एसबीआई कैप) जो छह आम्रपाली परियोजनाओं को वित्तीय सहायता देने के लिए सहमत हुए थे।लोहाटी ने कोर्ट के बाताया कि NBCC को 46459 इकाइयों को पूरा करने के लिए 8016.88 करोड़ रुपये की आवश्यकता है, जिसमें से 3870.38 करोड़ रुपये केवल होमबॉयर्स का बकाया है। जबकि शेष 4146.5 करोड़ रुपये अन्य स्रोतों से वसूल किये जाने हैं।