Niraj Singh Murder Case Dhanbad: झरिया के एक्स MLA संजीव सिंह ने हाई कोर्ट में फिर दाख़िल की बेल पिटीशन
कोयला राजधानी धनबाद के बहुचर्चित एक्स डिप्टी मेयर नीरज सिंह समेत चार लोगों की मर्डर केस में सात साल से जेल में बंद झरिया के एक्स बीजेपी एमएलए संजीव सिंह ने हाई कोर्ट में एक बार फिर से बेल पिटीशन दाखिल की है। एक्स एमएलए पांचवीं बार झारखंड हाई कोर्टका दरवाजा खटखटाया है। संजीव ने अपने एडवोकेट माध्यम से कोर्ट में बेल पिटीशन दाखिल किया है।
धनबाद। कोयला राजधानी धनबाद के बहुचर्चित एक्स डिप्टी मेयर नीरज सिंह समेत चार लोगों की मर्डर केस में सात साल से जेल में बंद झरिया के एक्स बीजेपी एमएलए संजीव सिंह ने हाई कोर्ट में एक बार फिर से बेल पिटीशन दाखिल की है। एक्स एमएलए पांचवीं बार झारखंड हाई कोर्टका दरवाजा खटखटाया है। संजीव ने अपने एडवोकेट माध्यम से कोर्ट में बेल पिटीशन दाखिल किया है।कोर्ट में मामला सूचीबद्ध होने के बाद इस पर सुनवाई हो सकती है।
यह भी पढ़ें:Dhanbad: धनबाद के इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के अफसर ने माउंट एवरेस्ट पर लहराया तिरंगा
एक्स डिप्टी मेयर नीरज सिंह समेत चार लोगों की मर्डर केस में हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने एक आरोपी जैनेंद्र सिंह उर्फ पिंटू सिंह को बेल पर रिहा करने का आदेश दिया था। इस मामले में एक अन्य आरोपी रिंकू सिंह अभी बेल पर हैं। हालांकि रिंकू सिंह का बेलबांड कोर्ट ने खारिज कर उसके खिलाफ वारंट जारी किया है। धनबाद सेशन कोर्ट ने अभी हाल ही में संजीव सिंह की बेल पिटीशन खारिज कर दी थी। संजीव सिंह अभी रांची मानसिक अरोग्यशाला में इलाजरत हैं।
21 मार्च 2017 की शाम हुई थी चार लोगों की मर्डर
धनबाद के एक्स डिप्टी मेयर नीरज सिंह समेत चार लोगों को सरायढेला स्टील गेट के समीप वर्ष 2017 की 21 मार्च की शाम गोलियों से भून दिया गया था। एक्स डिप्टी मेयर सह कांग्रेस लीडर नीरज सिंह 21 मार्च 2017 की शाम अपनी फॉर्च्यूनर (जेएच10एआर-4500) से झरिया से सरायढेला स्थित अपने आवास रघुकुल लौट रहे थे। नीरज गाड़ी में ड्राईवर के साथ आगे की सीट पर बैठे थे। पीछे की सीट पर उनके सहायक सरायढेला न्यू काॅलोनी निवासी अशोक यादव और प्राइवेट बॉडीगार्ड मुन्ना तिवारी बैठे थे। स्टील गेट के पास बने स्पीड ब्रेकर पर नीरज की फॉर्च्यूनर की स्पीड कम होते ही दो बाइक पर सवार हमलावरों ने उनकी चारों तरफ से घेर फायरिंग करनी शुरु कर दिया था। चारों तरफ से नाइन एमएम की पिस्टल और कारबाइन से 50 से अधिक राउंड फायरिंग की गई। घटना के बाद आसपास के इलाकों में भगदड़ मच गई थी। गाड़ी में सवार नीरज सिंह समेत अशोक यादव, मुन्ना तिवारी और ड्राइवर घलटू महतो की भी मौके पर ही मौत हो गई थी। नीरज की मर्डर में अत्याधुनिक आर्म्स का इस्तेमाल किया गया था। फॉर्च्यूनर सवार एक्स डिप्टी मेयर नीरज सिंह को निशाना बनाकर 70 से अधिक गोलियां चली थीं। नीरज सिंह बॉडी से 17 गोलियां निकाली गयी थीं, जबकि 36 जख्म के निशान मिले थे।
एक्स एमएलए संजीव सिंह समेत 11 आरोपित जेल भेजे गये
नीरज सिंह के भाई अभिषेक सिंह ने मामले में संजीव सिंह, मनीष सिंह, पिंटू सिंह, महंथ पांडेय व गया सिंह के खिलाफ सरायढेला पुलिस स्टेशन में एफआइआर दर्ज करायी थी। नीरज के चचेरे भाई झरिया के तत्कालीन एमएलए संजीव सिंह ने 11 अप्रैल 2017 को सरायढेला पुलिस स्टेशन में सरेंडर किया था। पुलिस इस मामले 11 अप्रैल को नीरज के चचेरे भाई झरिया के तत्कालीन एमएलए संजीव सिंह, राकेश मिश्रा उर्फ डब्लू मिश्रा उर्फ डब्लू गिरि, रणधीर धनंजय सिंह उर्फ धनजी,संजय सिंह व जैनेंद्र सिंह उर्फ पिंटू सिंह को जेल भेजा था। बाद में घनुडीह निवासी बिनोद सिंह को भी अरेस्ट कर जेल भेजा गया। इसके बाद यूपी पुलिस ने इस मर्डर में शामिल शूटरों उत्तर प्रदेश के शूटर सोनू उर्फ कुर्बान अली, विजय उर्फ शिबू उर्फ सागर सिंह, अमन सिंह, रिंकू सिंह, सतीश सिंह व पंकज सिंह कोबारी-बारी से अरेस्ट कर धनबाद पुलिस को सौंपी थी। ये सभी झारखंड के अलग-अलग जेलों में बंद है।धनबाद जेल में तीन दिसंबर 2023 को गैंगस्टर अमन सिंह की मर्डर कर दी गयी थी।
राकेश मिश्रा उर्फ डब्लू मिश्रा उर्फ डब्लू गिरि के पकड़े जाने के बाद मिले अहम सुराग
नीरज मर्डर केस में पुलिस को राकेश मिश्रा उर्फ डब्लू मिश्रा उर्फ डब्लू गिरि की गिरफ्तारी के बाद अहम सुराग हाथ लगे थे। डब्ल्यू पर यूपी से आये शूटरों को किराये का मकान दिलाकर ठहराने का आरोप है।पुलिस ने नीरज सिंह मर्डर केस में पहले राकेश मिश्रा उर्फ डब्लू मिश्रा उर्फ डब्लू गिरि, रंधीर धनंजय सिंह उर्फ धनजी ( संजीव सिंह का प्राइवेट बॉडीगार्ड), संजय सिंह ( स्वर्गीय रंजय सिंह का भाई व एमएलए संजीव के अनुसेवक) व जैनेंद्र सिंह उर्फ पिंटू सिंह ( सिंह मैंशन के करीबी) को अरेस्ट कर जेल भेजी। अभी संजीव सिह रांची के रिनपास में इलाजरत हैं।
केस की अहम कड़ी संतोष सिंह उर्फ नामवर का पता नहीं लगा पायी पुलिस
पुलिस अभी तक इस केस की अहम कड़ी संतोष सिंह उर्फ नामवर का पता नहीं लगा पायी है।पुलिस के पास संतोष सिंह उर्फ नामवर की फोटो तक नहीं है। हालांकि इस केस में नामवर नाम पंकज सिंह के साथ शूटरों को लाने में शामिल था। संतोष उर्फ नामवर की तलाश में पुलिस बिहार व यूपी में कई बार दबिश दे चुकी है। बलिया व कैमूर के चक्कर लगा चुकी है। लेकिन पुलिस को संतोष नहीं मिला। पुलिस की जांच में पता चला था पंकज सिंह के आदेश पर संतोष ने सारे शूटरों को लाइनअप किया था। संतोष पुलिस को चकमा देकर फरार हो गया। उसके बाद आज तक पुलिस उसे ढूंढ नहीं पाई है।