राहुल गांधी ने झारखंड कांग्रेस के सभी MLA को दिल्ली बुलाया, आज करेंग वन टू वन बात
एक्स कांग्रेस प्रसिडेंट राहुल गांधी ने झारखंड कांग्रेस के सभी एमएलए को दिल्ली बुलायाहै। प्राय: सभी एमएलए सोमवार की देर रात तक दिल्ली पहुंच गये हैं।दिल्ली में राहुल गांधी से सभी एमएलए से वन टू वन मुलाकात करेंगे। इस मुलाकात को अहम माना जा रहा है। एमएलए के साथ प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राजेश ठाकुर भी नई दिल्ली में हैं।
रांची। एक्स कांग्रेस प्रसिडेंट राहुल गांधी ने झारखंड कांग्रेस के सभी एमएलए को दिल्ली बुलायाहै। प्राय: सभी एमएलए सोमवार की देर रात तक दिल्ली पहुंच गये हैं।दिल्ली में राहुल गांधी से सभी एमएलए से वन टू वन मुलाकात करेंगे। इस मुलाकात को अहम माना जा रहा है। एमएलए के साथ प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राजेश ठाकुर भी नई दिल्ली में हैं।
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बतया जाता है कि राहुल गांधी से मिलकर एमएलए अपने मन की बातें कहेंगे। एमएलए ने उनसे अलग-अलग मुलाकात की इच्छा जताई है। कई एमएलए का आरोप है कि आरपीएन सिंह के कारण वे अपनी बातें आलाकमान के समक्ष नहीं उठा पा रहे थे। उनकी बातों को कभी गंभीरता से नहीं लिया गया।
कांग्रेस कोटे के मिनिस्टर्स में बदलाव का प्रेशर बना सकतें हैं एमएलए
राहुल से मुलाकात के दौरान एमएलए हेमंत सोरेन कैबिनेट में शामिल कांग्रेस कोटे के मिनिस्टर्स में फेरबदल का दबाव भी बना सकते हैं। एमएलए का कहना है कि उन्हें भी काम करने का मौका मिलना चाहिए। राजस्थान की तर्ज पर अधिकाधिक युवा एमएलए को कैबिनेट में स्थान दिया जाए। हालांकि मुलाकात के क्रम में सभी मिनिस्टर भी राहुल गांधी को अपने कामकाज के बारे में जानकारी देंगे।
इरफान अंसारी ने की केसी वेणुगोपाल से मुलाकात
नई दिल्ली में जामताड़ा एमएलए डा. इरफान अंसारी ने सोमवार को कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल से मुलाकात की। उन्होंने कहा कि उन्हें कोई पद नहीं चाहिए। वे कांग्रेस के समर्पित सिपाही हैं। वे उन लोगों नहीं, जो दूसरी पार्टी में शामिल होकर पद लें। वे आम कार्यकर्ता बनकर भी सेवा करने को तैयार हैं।
एमएलए की आम कंपलेन, अफसर नहीं सुनते बात
आरपीएन सिंह के बीजेपी में जाने के बाद झारखंड कांग्रेस में ऊहापोह स्थिति के बीच नये प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडे के तीन दिवसीय राज्य दौरे पर आये थे। इसके बाद अब नेताओं की दिल्ली दौड़ आरंभ हुई है। कांग्रेस में मचे उथल-पुथल का असर सरकार पर भी पडऩे की पूरी संभावना है। नेताओं के अनुसार कांग्रेस अपने एजेंडे को लेकर मुखर होगी। खासकर चुनावी वादों को पूरा करना आवश्यक है। पिछड़ों को 27 प्रतिशत आरक्षण को लेकर एमएलए का दबाव है। एमएलए सरकार के निर्णय में भी विधायक भागीदारी चाहते हैं। एमएलए की शिकायत है कि अफसर उनकी सुनते नहीं है। ऐसे में आमलोगों की समस्याओं का निदान करने में परेशानी आती है।