Rajya Sabha Nomination: उज्जवल निकम, सदानंदन मास्टर, हर्षवर्धन श्रृंगला और मीनाक्षी जैन राज्यसभा के लिए मनोनीत 

राष्ट्रपति द्पौदी मुर्मू ने देश की चार हस्तियों को राज्यसभा के लिए मनोनीत किया है। इनमें सीनियर एडवोकेट उज्ज्वल निकम, केरल के सीनीयर सामाजिक कार्यकर्ता सी. सदानंदन मास्टर, पूर्व विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला और चर्चित इतिहासकार और शिक्षाविद् डॉ. मीनाक्षी जैन शामिल हैं।

Rajya Sabha Nomination: उज्जवल निकम, सदानंदन मास्टर, हर्षवर्धन श्रृंगला और मीनाक्षी जैन राज्यसभा के लिए मनोनीत 
राष्ट्रपति ने किया मनोनित।

धनबाद। राष्ट्रपति द्पौदी मुर्मू ने देश की चार हस्तियों को राज्यसभा के लिए मनोनीत किया है। इनमें सीनियर एडवोकेट उज्ज्वल निकम, केरल के सीनीयर सामाजिक कार्यकर्ता सी. सदानंदन मास्टर, पूर्व विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला और चर्चित इतिहासकार और शिक्षाविद् डॉ. मीनाक्षी जैन शामिल हैं। राष्ट्रपति ने संविधान के अनुच्छेद 80(1) के खंड (3) के तहत प्रदत्त शक्तियों का उपयोग करते हुए मनोनीत किया है। 
राष्ट्रपति ने विशेष अधिकार के तहत किया मनोनीत
ये नामांकन पूर्व में नामित सदस्यों की सेवानिवृत्ति के कारण उत्पन्न हुई रिक्त पदों के मद्देनजर किये गये हैं। यह नामांकन राष्ट्रपति द्वारा भारतीय संविधान के अनुच्छेद 80 के तहत किया गया है। यह अनुच्छेद राष्ट्रपति को यह अधिकार देता है कि वे उन लोगों को राज्यसभा में नामित करें जो साहित्य, विज्ञान, कला या समाजसेवा जैसे क्षेत्रों में विशेष ज्ञान या अनुभव रखते हों।
उज्ज्वल निकम
उज्ज्वल देवराव निकम देश के सबसे चर्चित आपराधिक मामलों में विशेष सरकारी वकील रह चुके हैं। उन्हें सबसे ज्यादा पहचान मुंबई में 26/11 आतंकी हमलों के आरोपी अजमल कसाब के मुकदमे में मिली, जिसमें उन्होंने सरकार का पक्ष प्रभावी तरीके से रखा।इसके अलावा वे 1993 के मुंबई बम धमाकों, प्रेरणा मर्डर केस और बहुचर्चित जलगंव सेक्स स्कैंडल जैसे मालमों में भी स्पेशल सरकारी वकील रहे हैं। उन्होंने अपने करियर में महाराष्ट्र सरकार की और से 600 से ज्यादा मामलों में पैरवी की है।
हर्षवर्धन श्रृंगला
हर्षवर्धन श्रृंगला 1984 बैच के भारतीय विदेश सेवा (IFS) ऑफिसर हैं। वे भारत के बांग्लदेश में उच्चायुक्त भी रह चुके हैं और उन्होंने जनवरी 2020 से अप्रैल 2022 तक भारत के विदेश सचिव के रूप में भी कार्य किया है।श्रृंगला ने कोविड-19 महामारी के दौरान भारत के विदेश नीति को संभालते हुए अंतरराष्ट्रीय रिश्तों को मजबूत बनाए रखने में अहम भूमिका निभाई थी। वे संयुक्त राष्ट्र और अमेरिका में भी भारत का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं। हर्षवर्धन श्रृंगला भारत के पूर्व विदेश सचिव हैं। उन्होंने 1984 में IFS (भारतीय विदेश सेवा) ज्वॉइन किया था। वे अपने बैच में सबसे कम उम्र के थे। हर्षवर्धन श्रृंगला ने दिल्ली यूनिवर्सिटी के सेंट स्टीफंस कॉलेज से ग्रेजुएशन किया है।विदेश सेवा में आने से पहले, उन्होंने कुछ समय के लिए भारत के कॉर्पोरेट और पब्लिक सेक्टर में भी काम किया।हर्षवर्धन श्रृंगला थाईलैंड में राजदूत (2014 से 2016 तक), बांग्लादेश में उच्चायुक्त (2016 से 2019 तक) और फिर संयुक्त राज्य अमेरिका में राजदूत (जनवरी 2019 से जनवरी 2020 तक) के रूप में काम किया। 
दो वर्ष से अधिक के लिए विदेश सचिव के रूप में काम किया
उन्होंने 29 जनवरी, 2020 से 30 अप्रैल, 2022 तक 33वें विदेश सचिव के रूप में काम किया। हर्षवर्धन श्रृंगला 2023 में भारत की G20 समिट की अध्यक्षता के दौरान चीफ कोऑर्डिनेटर के रूप में भी काम किया। उन्होंने नई दिल्ली में समिट के पहले दिन 'दिल्ली घोषणा'को सफलतापूर्वक आयोजित और पारित करवाया।
हर्षवर्धन श्रृंगला ने नई दिल्ली में विदेश मंत्रालय में कई महत्वपूर्ण पदों पर काम किया है। वे बांग्लादेश, श्रीलंका, म्यांमार और मालदीव के लिए संयुक्त सचिव थे। उन्होंने UN पॉलिटिकल और SAARC डिवीजनों का भी नेतृत्व किया। पहले, उन्होंने नेपाल, भूटान और पश्चिमी यूरोप के मामलों को संभाला था।
अमेरिका में राजदूत के रूप में, उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भारतीय-अमेरिकियों के साथ सबसे बड़े कार्यक्रम - 'हाउडी मोदी'को आयोजित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इस कार्यक्रम में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने भी भाग लिया था। हालांकि यह कार्यक्रम टेक्सास इंडिया फोरम द्वारा आयोजित किया गया था, लेकिन यह वाशिंगटन में भारतीय दूतावास के साथ मिलकर किया गया था, जिसका नेतृत्व तब श्रृंगला कर रहे थे।