Ranchi Land Scam Case: हेमंत सोरेन जमीन घोटाला मामले में कोलकाता कनेक्शन, ईडी को मिली नई जानकारी
झारखंड एक्स सीएम हेमंत सोरेन से जुड़े केस में गिरफ्तार सद्दाम हुसैन से अब ईडी 16 अप्रैल तक पूछताछ करेगी। अब तक की पूछताछ में उसने स्वीकार कर लिया है कि बरियातू में लालू खटाल के समीप स्थित 8.86 एकड़ जमीन के 12 प्लाट में से दो प्लाट का फर्जी डीड तैयार किया था। दोनों प्लाट के डीड 1940 व 1947 से संबंधित थे, जिसमें कोलकाता में हेराफेरी किया था।
- मामले में नया मोड़
- सद्दाम से अब 16 अप्रैल तक पूछताछ करेगी ईडी
- बरियातू की 8.86 एकड़ जमीन से जुड़े 12 प्लाट में से दो प्लाट का बनाया था फर्जी डीड
रांची। झारखंड एक्स सीएम हेमंत सोरेन से जुड़े केस में गिरफ्तार सद्दाम हुसैन से अब ईडी 16 अप्रैल तक पूछताछ करेगी। अब तक की पूछताछ में उसने स्वीकार कर लिया है कि बरियातू में लालू खटाल के समीप स्थित 8.86 एकड़ जमीन के 12 प्लाट में से दो प्लाट का फर्जी डीड तैयार किया था। दोनों प्लाट के डीड 1940 व 1947 से संबंधित थे, जिसमें कोलकाता में हेराफेरी किया था।
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ईडी यह जानने की कोशिश में है कि फर्जी डीड तैयार करने के लिए उसे किसने कहा था। इसके बदले में उसे क्या मिला व किसके सहयोग से उसने ऐसा किया था। सद्दाम हुसैन ने फर्जी डीड तैयार करने में अपने खास सहयोगी अफसर अली उर्फ अफ्सू का नाम लिया है। अफसर अली भी जमीन घोटाला केस में जेल में बंद है। बहुत जल्द ईडी अफसर अली से भी पूछताछ करेगी। पहले चार दिनों की रिमांड मिली थी, जो शुक्रवार को समाप्त हो गई। रिमांड अवधि पूरी होने के बाद ईडी ने सद्दाम को ईडी की स्पेशल कोर्ट में प्रस्तुत किया। कोर्ट से रिमांड अवधि बढ़ाने का आग्रह किया, जिसके बाद और चार दिनों तक पूछताछ की अनुमति मिली है।
सद्दाम हुसैन का बड़ा कबूलनामा
एक्स सीएम हेमंत सोरेन से जुड़ी बरियातू की 8.86 एकड़ जमीन हड़पने की कोशिश मामले में रिमांड पर सद्दाम ने यह स्वीकारा है कि बरियातू फायरिंग रेंज के पास की जमीन की उसने फर्जी डीड बनाई। उस जमीन की बाउंड्रीवाल के लिए उसने आर्मी से अनुमति को लेकर पत्राचार किया था। हालांकि, आर्मी से उसे अनुमति नहीं मिली थी। ईडी ने सद्दाम हुसैन के माध्यम से आर्मी को किये गये पत्राचार की कापी को सबूत के लिए एकत्रित कर लिया है। सद्दाम ने ईडी को बताया है कि फर्जी डीड बनाने में उसे अफसर अली उर्फ अफ्सू ने सहयोग किया, वहीं मूल दस्तावेज उपलब्ध कराने से लेकर फर्जी डीड बनवाने तक में बड़गाईं अंचल का तत्कालीन राजस्व उप निरीक्षक भानु प्रताप प्रसाद व अन्य शामिल थे। कुछ तो रांची के होटवार स्थित बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा में बंद हैं। बरियातू रोड की 12 प्लाट की जिस 8.86 एकड़ जमीन के मूल दस्तावेज में हेराफेरी करने की तैयारी थी, उनमें दो प्लाट की 1940 व 1947 की फर्जी डीड सद्दाम हुसैन ने बनवाई थी।
स्टेशन कमांडर को संबोधित करते हुए लिखा था पत्र
सद्दाम ने बरियातू फायरिंग रेंज के पास वाली जमीन पर चारदीवारी करवाने के लिए स्टेशन कमांडर इंडियन आर्मी दीपाटोली से पत्राचार किया था।पत्र में उसने बताया था कि बड़गाईं मौजा के सदर थाना क्षेत्र में खाता नंबर 234, प्लाट नंबर 1055, कुल रकबा 11 डिसमिल जमीन असगर हुसैन की खरीदी हुई भूमि है। इस जमीन को असगर हुसैन ने बलका पाहन से वर्ष 1940 में रजिस्टर्ड पट्टा से खरीदा था। इसका बुक नंबर 1, वाल्यूम नंबर 80, पेज नंबर 297 से 298 और डीड नंबर 3985 है जो रजिस्ट्रार आफ एश्योरेंश कोलकाता से निबंधित है। उसने यह भी बताया था कि पट्टाधारी असगर हुसैन अपने पीछे एक मात्र पुत्र उत्तराधिकारी नवाब हुसैन को छोड़कर स्वर्गवासी हो गये। नवाब हुसैन ने उक्त जमीन का एकरानामा उनके नाम पर किया है। उक्त भूमि आर्मी की जमीन से सटी हुई है, इसलिए उन्हें उक्त जमीन पर बाउंड्रीवाल की अनुमति दें।
ईडी को मिली नयी जानकारी
झारखंड के एक्स सीएम हेमंत सोरेन के खिलाफ जमीन घोटाले में ईडी को नई जानकारी मिली है। जांच एजेंसी को जानकारी मिली है कि कोलकाता के रजिस्ट्रार आफ एश्योरेंस में जमीन का फर्जीवाड़ा कर इसे कब्जाने वाले गैंग ने एक्स सीएम हेमंत सोरेन की कथित जमीन के दो प्लॉट के दस्तावेज मेंभी छेड़छाड़ करवायी थी। हेमंत पर ईडी नेजिस 8.86 एकड़ जमीन को फर्जी तरीके से कब्जाने का आरोप लगाया है, वह जमीन कुल 12 प्लॉट को मिलाकर है। ईडी ने जांच में पाया है कि 12 में दो प्लाट की जमीन के दस्तावेज में हेरफेर कराया गया था। इसकी पुष्टि भी फॉरेंसिक जांच में हो चुकी है।
पूरे मामले में कोलकाता के रजिस्ट्रार आफ एश्योरेंस ने एक एफआइआर अननोन लोगों पर करायी थी। इसमें भी कई दस्तावेज में छेड़छाड़ की बात सामने आयी है। ईडी की रिपोर्ट के आधार पर रजिस्ट्रार आफ एश्योरेंस ने अननोन आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करायी थी। कोलकाता पुलिस ने भी जांच में पाया हैकि रांची व उसके आसपास की जमीनों के लैंड रिकॉर्ड में
गड़बड़ी कर जमीन घोटालेको अंजाम दिया गया।
किस-किस प्रकृति की जमीन
ईडी ने जांच में पाया हैकि 8.86 एकड़ जमीन में .21 एकड़ जमीन प्लाट संख्या 983, 1.16 एकड़ जमीन प्लाट संख्या 985 की है, इस जमीन की रजिस्टर 2 में इंट्री नहीं है। ये जमीन बाउंड्री के भीतर है। वहीं, प्लाट संख्या 987 में कुश कुमार भगत व बुधन राम, जगेश्वर राम के नाम पर गैर भूईंहरी जमीन है। प्लाट संख्या 984 की .30 एकड़ भूमि भी बकाश्त भूईहरी है। इसका भी रजिस्टर 2 में इंट्री नहीं है। प्लाट संख्या 988 की 2.06 एकड़ बकाश्त भूमि शशिभूषण सिंह, भवानी शंकर लाल, बुधन राम के नाम पर रजिस्टर 2 में दर्ज थी।
प्लाट 986 एकड़ जमीन लोधा पाहन, प्लाट 990 की .48 जमीन बकाश्त भूईहरी बुधन राम, प्लाट 989 की बकाश्त भूईहरी जमीन भरत राम, जगदीश राम, सुधीर जायसवाल, अनिल जायसवाल के नाम पर है। वहीं प्लाट संख्या 992 की .61 एकड़ बकाश्त भूईंहरी पहनाई जमीन महेश्वर दास गुप्गुता के नाम पर रजिस्टर 2 मेंथी। प्लाट संख्या 993 की .41 एकड़ की जमाबंदी उपलब्ध नहीं थी। वहीं प्लाट 996 की .32 एकड़ जमीन उमाशंकर जायसवाल, प्लाट 980 की 42 डिसमिल जमीन विनिव्रत राय के नाम पर थी। ये सारी जमीनें एक ही बाउंड्री के भीतर थीं। लेकिन ईडी की जांच शुरू होने के बाद पुरानी जमाबंदी रद्द कर पूरी जमाबंदी राजकुमार पाहन के नाम पर की गई।
सद्दाम से भी पूछताछ में खुले राज
रांची जमीन घोटालेमेंईडी ने अरेस्ट राजस्व उपनिरीक्षक भानुप्रताप प्रसाद के खास सहयोगी मो सद्दाम को रिमांड पर लेकर पूछताछ की। मो सद्दाम के पास भी एक्स सीएम की कथित जमीन सेजुड़े दस्तावेज मिलेथे। ईडी नेइसी आधार पर उसे रिमांड पर भी लिया था। ईडी नेसंबंधित जमीन के दस्तावेजों के रिकार्ड में कोलकाता में हेरफेर के पहलुओं पर भी सद्दाम से सवाल-जवाब किया।
वर्ष 2010-11 मेंही अपने कब्जेमें ली थी जमीन
हेमंत सोरेन के द्वारा जिन 12 प्लॉट को मिलाकर कथित 8.86 एकड़ जमीन पर कब्जा किया गया था। उसके लिए भी जमीन के रिकॉर्ड में भारी छेड़छाड़ की बात ईडी ने जांच में पायी है। ईडी की जांच में यह बात सामने आयी है कि हेमंत सोरेन ने इस जमीन को साल 2010-11 मेंही अपने कब्जे में लिया था। इसके बाद इस जमीन के लिए दस्तावेजी हेरफेर किये गये।