Ranchi Land Scam Case: बड़गाईं मौजा की एक जमीन के लिए IAS छवि रंजन को मिले थे एक करोड़ रुपये घूस
झारखंड की राजधानी रांची में ED ईडी की पूछताछ व मामले की छानबीन में अहम खुलासा हुआ है। ईडी को जानकारी मिली है कि बड़गाईं मौजा की एक जमीन के लिए छवि रंजन को एक करोड़ रुपये घूस मिले थे। ये रुपये पूर्व में अरेस्ट अन्य आरोपितों ने प्रेम प्रकाश के माध्यम से छवि रंजन को दिया था।
रांची। झारखंड की राजधानी रांची में ED ईडी की पूछताछ व मामले की छानबीन में अहम खुलासा हुआ है। ईडी को जानकारी मिली है कि बड़गाईं मौजा की एक जमीन के लिए छवि रंजन को एक करोड़ रुपये घूस मिले थे। ये रुपये पूर्व में अरेस्ट अन्य आरोपितों ने प्रेम प्रकाश के माध्यम से छवि रंजन को दिया था।
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ED की पूछताछ में लगातार झूठ बोलते रहे छवि रंजन
रांची के तत्कालीन डीसी छवि रंजन को जिस जमीन के लिए एक करोड़ रुपये का घूस मिला था, वह जमीन प्रतिबंधित थी। प्रतिबंधित सूची से बाहर करने के एवज में ही छवि रंजन को उक्त राशि का पेमेंट किया गया था। ईडी ने 24 अप्रैल को छवि रंजन का बयान लिया था। ED की पूछताछ में छवि रंजन ने कहा कि आर्मी के कब्जे वाली 4.55 एकड़ जमीन की जगतबंधु टी इस्टेट प्राइवेट लिमिटेड को रजिस्ट्री मामले में उनकी कोई भूमिका नहीं है। वह प्रेम प्रकाश व अमित अग्रवाल को नहीं जानते हैं। वहीं, उनके सामने कस्टडी में अफसर अली, सद्दाम हुसैन ने ईडी की पूछताछ में यह स्वीकार किया कि उनकी उपस्थिति में ही छवि रंजन के ऑफिस में बड़गाईं के अंचलाधिकारी मनोज कुमार व प्रेम प्रकाश बैठे थे। वहीं पर छवि रंजन ने सीओ मनोज कुमार को आदेश दिया कि वे प्रदीप बागची के दावे का कोलकाता के रजिस्ट्री ऑफिस से सत्यापन करायें।
अमित अग्रवाल के पक्ष में छवि रंजन ने एडवोकेट को धमकाया
ईडी ने छानबीन में पाया कि रांची के तत्कालीन डीसी छवि रंजन का प्रेम प्रकाश व अमित अग्रवाल से बेहतर संबंध था। छवि रंजन ने उनके पक्ष में जमीन पर कब्जा भी दिलवाया। सीबीआइ दिल्ली ने भी अमित अग्रवाल के विरुद्ध एक केस दर्ज किया है, जिसमें अमित अग्रवाल व अन्य ने मिलकर न्यायिक व सरकारी अफसरों की छवि धूमिल करने की कोशिश की है। छानबीन में यह भी पता चला कि छवि रंजन ने अमित अग्रवाल के विरुद्ध दाखिल जनहित याचिका वापस लेने के लिए एडवोकेट राजीव कुमार को धमकाया भी था।
फर्जी डीड पर हेहल मौजा की 7.16 एकड़ जमीन पर दिलाया कब्जा
ईडी की जांच के दौरान जानकारी मिली कि रांची के हेहल मौजा की 7.16 एकड़ जमीन पर तत्कालीन डीसी छवि रंजन ने गैर कानूनी तरीके से कब्जा दिलाया था। फर्जी डीड के आधार पर उक्त जमीन का म्यूटेशन विनोद सिंह के नाम पर किया गया था। विनोद सिंह एक कथित मालिक हैं, जो जमीन दलालों के अधीन थे। इस जमीन का म्यूटेशन होने के बाद उक्त संपत्ति श्याम सिंह व रवि सिंह भाटिया के नाम पर रजिस्टर्ड हो गई। यह जमीन 15 करोड़ 10 लाख 76 हजार रुपये में खरीदी गई थी, जबकि तब जमीन की सरकारी कीमत 29 करोड़ 88 लाख 93 हजार 800 रुपये थी। कुल 15 करोड़, 10 लाख 76 हजार रुपये में से केवल 3.45 करोड़ रुपये ही विभिन्न चेक व स्थानांतरण के माध्यम से विनोद सिंह को रजिस्ट्री के वक्त पेमेंट किया गया था।
पुरानी जमाबंदी रद्द कर विनोद के नाम करवा दी जमाबंदी
डीसी छवि रंजन ने पद का दुरुपयोग कर हेहल मौजा की 7.16 एकड़ जमीन की पुरानी जमाबंदी को रद्द करवाकर विनोद सिंह के नाम पर म्यूटेशन करवा दिया था। पुरानी जमाबंदी साहू परिवार की थी, जिसके मालिक मालगोविंद साहू थे। एक ही दिन में विनोद सिंह के नाम पर 82 साल का लगान भुगतान करवा दिया था। इतना ही नहीं 25 जून 2021 को छवि रंजन ने पुलिस को आदेश दिया कि उक्त विवादित जमीन की चारदीवारी करवायें। छवि रंजन ने गलत तरीके से पुलिस बल की प्रतिनियुक्ति करवाकर उक्त जमीन की रजिस्ट्री करवा दी थी।