रांची: साहिबगंज की महिला थानेदार रूपा तिर्की मौत मामला, CBI टीम ने परिजनों से की पूछताछ
साहिबगंज महिला थाना प्रभारी एसआइ रूपा तिर्की की मौत मामले की जांच कर रही सीबीआई की टीम शुक्रवार की सुबह रांची पहुंची। सीबीआई टीम ने टेंडर रातू स्थित रूपा के आवास पर मांऔर बहनों से अलग-अलग कमरों में लगभग पांच घंटे तक पूछताछ की। शुक्रवार की सुबह नौ बजे से चल रही पूछताछ देर शाम तक चली।
- रूपा के माता-पिता से पूछा-आपको क्यों ऐसा लगता है कि पंकज मिश्रा ने करायी मर्डर
रांची। साहिबगंज महिला थाना प्रभारी एसआइ रूपा तिर्की की मौत मामले की जांच कर रही सीबीआई की टीम शुक्रवार की सुबह रांची पहुंची। सीबीआई टीम ने टेंडर रातू स्थित रूपा के आवास पर मांऔर बहनों से अलग-अलग कमरों में लगभग पांच घंटे तक पूछताछ की। शुक्रवार की सुबह नौ बजे से चल रही पूछताछ देर शाम तक चली। सीबीआई इससे पहले कई पुलिस अफसरों से पूछताछ कर चुकी है।
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आपको क्यों ऐसा लगता है कि पंकज मिश्रा ने करायी मर्डर
सीबीआइ की टीम ने रूपा तिर्की की मां व दोनों बहनों का बयान लिया। सीबीआइ ने परिजनों से पूछा कि उन्हें क्यों ऐसा लगता है कि रूपा तिर्की की मर्डर हुई है। उन्हें क्यों नहीं लगता कि उन्होंने सुसाइड की होगी। उन्हें ऐसा क्यों लगता है कि पंकज मिश्रा के इशारे पर रूपा तिर्की की मर्डर की गई है।सीबीआइ के इन सभी सवालों का उसकी मां व दोनों बहनों ने बखूबी जवाब दिया। उन्होंने सीबीआइ को बताया कि उनकी रूपा तिर्की से वाट्सअप काल व वीडियो काल पर बातें होती थीं। रूपा अक्सर बताती थी कि पंकज मिश्रा एक केस के मामले में उनपर दबाव बना रहे हैं। वह बहुत टेंशन में है। सीबीआइ ने पूछा कि रूपा तिर्की तो एक अन्य एशआइ शिव कुमार कनौजिया के साथ रिलेशन में थी और शादी करना चाहती थी। इसपर परिजनों ने कहा कि यह सच है, जिसका वे लोग विरोध भी करते थे, लेकिन इसका मतलब यह नहीं हुआ कि रूपा तिर्की सुसाइड कर लेगी।
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परिजनों ने सीबीआइ को बताया कि रूपा तिर्की एसआइ थी और बहुत मजबूत लड़की थी। वह सुसाइड कर ही नहीं सकती। परिजनों ने सीबीआइ को यह भी बताया कि इस घटना के बाद उनपर राजनीतिक दबाव भी रहा कि वे सीबीआइ से जांच न कराएं। इसके लिए उन्हें पेट्रोल पंप दिलाने तक का आफर भी दिया गया। यहां तक कि साहिबगंज के तत्कालीन बड़हरवा एसडीपीओ प्रमोद कुमार मिश्रा ने विधायक प्रतिनिधि पंकज मिश्रा के खिलाफ शिकायत करने पर धमकाया भी था। अब तक इस मामले में पुलिस ने जो जांच की, वह संदेहास्पद है और यह साबित करने के लिए काफी है कि रूपा तिर्की ने सुसाइड नहीं की, बल्कि उसकी मर्डर की गई है।
सीबीआइ ने परिजनों से इससे संबंधित साक्ष्य की भी मांग की है। सीबीआइ रविवार को भी परिजनों से बातचीत करेगी और कोशिश करेगी कि इससे संबंधित ज्यादा से ज्यादा एवीडेंस मिल सके। सीबीआई टीम इससे पहले जिरवाबाड़ी के मुंशी अनिल दूबे, एसआई सतीश कुमार, जीके अंशू से घंटों पूछताछ कर चुकी है। केस की पहली आईओ स्नेहलता सुरीन से घंटों पूछताछ कर चुकी है।
फ्लैश बैक
एसआइ रूपा तिर्की की बॉडी तीन मई साहिबगंज स्थित उनके सरकारी क्वार्टर में फंदे से लटकता मिली थी। मामले में पहले यूडी केस दर्ज की गयी थी। रूपा के मात-पिता ने विधायक प्रतिनिधि पंकज मिश्रा व दो महिला एसआइ के खिलाफ अपनी बेटी की मर्ड करने व करवाने का आरोप लगाया था। साहिबगंज पुलिस की एसआइटी जांच में तीनों को क्लीन चीट दे दी गयी। बाद में यूडी के को एफआइआर दर्ज किया गया। साहिबगंज के बोरियो पुलिस स्टेशन में नौ मई 2021 दर्ज एफआइआर में चाईबासा में पोस्टेड एसआइ शिव कुमार कनौजिया को आरोपित किया गया। शिव कुमार रूपा को सुसाइड के लिए प्रेरित करने आरोप लगाया गया। मामले में पुलिस देवघर जिले के मधुपुर स्थित भेड़वा निवासी एसआइ शिव कुमार कनौजिया को अरेस्ट कर जेल भेज दी।
रूपा के पिता ने सीबीआई जांच के लिए हाई कोर्ट में दाखिल की याचिका
रूपा तिर्की के पिता देवानंद उरांव ने अपनी पुत्री की मौत के बाद पुलिस की जांच रिपोर्ट पर सवाल उठाया था। उन्होंने सीबीआइ जांच को लेकर हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की। कोर्ट को बताया था कि उनकी पुत्री का जिस परिस्थिति में बॉडीला था, वह कहीं से भी ससुसाइड जैसा नहीं लगा। उसके बॉडीपर जख्म के पांच निशान थे। उन्होंने अदालत में साहिबगंज में पंकज मिश्रा नामक एक व्यक्ति पर संदेह जताया था और कहा था कि पंकज मिश्रा की पुलिस के साथ साठ-गांठ है, जिसके चलते झारखंड पुलिस निष्पक्ष जांच नहीं कर सकती है।उन्होंने रूपा तिर्की की मर्डर के मामले में पुलिस व पंकज मिश्रा की साठ-गांठ का भी आरोप लगाया था। कहा था कि पुलिस ने जांच में पंकज मिश्रा को क्लिक चिट दे दी है। पुलिस ने मामले में रूपा तिर्की के बैचमेट व कथित प्रेमी दारोग शिव कुमार कनौजिया को एफआिआर तथा रूपा तिर्की के पिता देवानंद उरांव को पुलिस ने नन एफआइआर एक्युज्ड बना दिया।
हाई कोर्ट ने एक सितंबर को मामले की सीबआई जांच का आदेश दिया। हाई कोर्ट के आदेश में कहा गया है कि प्रारंभिक रिपोर्ट से यह स्पष्ट है कि इसमें कई मामले संदेहास्पद हैं। रूपा तिर्की की मौत के बाद उनका बिसरा सुरक्षित नहीं रखा जाना, शरीर पर पांच स्थानों पर जख्म होना, रूपा के परिजनों को प्रलोभन दिया जाना, पेट्रोल पंप देने तक देने की बात कहा जाना संदेह पैदा करता है।