उत्तर प्रदेश, दिल्ली और महाराष्ट्र समेत कई स्टेट में कोरोना संक्रमण के नये मामलों में कमी, एक पॉजिटिव टेस्ट ही काफी
इंडिया में रोजाना नये कोविड मामलों और मौतों में गिरावट की शुरुआती प्रवृत्ति देखी गई है। मध्य प्रदेश, उत्तराखंड, झारखंड, तेलंगाना, चंडीगढ़, लद्दाख, दमन और दीव, लक्षद्वीप और अंडमान और निकोबार में पर डे नये कोरोना संक्रमण के मामलों में निरंतर कमी आ रही है।
नई दिल्ली। इंडिया में रोजाना नये कोविड मामलों और मौतों में गिरावट की शुरुआती प्रवृत्ति देखी गई है। मध्य प्रदेश, उत्तराखंड, झारखंड, तेलंगाना, चंडीगढ़, लद्दाख, दमन और दीव, लक्षद्वीप और अंडमान और निकोबार में पर डे नये कोरोना संक्रमण के मामलों में निरंतर कमी आ रही है। महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, आंध्र प्रदेश, दिल्ली, राजस्थान, हरियाणा, छत्तीसगढ़, बिहार और गुजरात में भी प्रतिदिन नये कोरोना मामलों में निरंतर कमी आ रही है।
हेल्थ मिनिस्टरी ज्वाइंट सेकरटेरी लव अग्रवाल आइसीएमआर के डीजी डॉ. बलराम भार्गव ने देश में कोरोना की स्थिति पर प्रेस कांफ्रेस में जानकारी दी। लव अग्रवाल ने कहा कि देश में 13 राज्य ऐसे हैं जहां एकलाख से भी ज्यादा एक्टिव मामले हैं। छह स्टेट में 50,000 से एक लाख के बीच एक्टिव मामलों की संख्या बनी हुई है। 17 स्टेट ऐसे हैं जहां 50,000 से कम एक्टिव मामलों की संख्या है।
26 स्टेट में पॉजिटिविटी रेट 15 परसेंट से ज्यादा
लव अग्रवाल ने बताया कि कर्नाटक, केरल, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल, उड़ीसा, पंजाब, असम, जम्मू और कश्मीर, गोवा, हिमाचल प्रदेश, पुदुचेरी, मणिपुर, मेघालय, त्रिपुरा, नागालैंड और अरुणाचल प्रदेश में पर डे मामलों में बढ़ोतरी हो रही है। 26 स्टेट में पॉजिटिविटी रेट 15 परसेंट से अधिक है।
देश में पॉजिटिविटी रेट लगभग परसेंट
आइसीएमआर के डीजी डॉ. बलराम भार्गव ने कहा कि देश में पॉजिटिविटी रेट लगभग 21 परसेंट के करीब है। देश में 310 जिले ऐसे हैं जिनमें पॉजिटिविटी रेट देश की औसत पॉजिटिविटी रेट से अधिक है। 30 अप्रैल, 2021 को, 19 लाख 45 हजार 299 कोविड टेस्ट किये गये जो वर्ल्ड में अब तक के सबसे अधिक है। सभी सरकारी और निजी स्वास्थ्य सुविधाओं में रैपिड एंटीजन टेस्ट (आरएटी) की अनुमति होनी चाहिए। इसके लिए किसी भी अनुमति की आवश्यकता नहीं है। घर आधारित टेस्ट के समाधान का पता लगाया जा रहा है।
एक पॉजिटिव टेस्ट ही काफी, अब हर अस्पताल में एंटीजन टेस्ट
आईसीएमआर के डीजी डॉ. बलराम भार्गव ने कहा है कि एक बार टेस्ट पॉजिटिव आ जाने के बाद बार-बार आरटी-पीसीआर टेस्ट नहीं कराना चाहिए। अगर कोई पूरी तरह स्वस्थ है तो एक राज्य से दूसरे राज्य जाने के लिए भी उसे आरटीपीसीआर टेस्ट की जरूरत नहीं है।आईसीएमआर ने कहा होम बेस्ड टेस्टिंग सल्यूशन पर भी काम हो रहा है। यानी ऐसा तरीका जिससे घर पर ही टेस्ट हो जाए कि किसी को कोरोना है या नहीं। डीजी डॉ. बलराम भार्गव ने कहा कि कोरोना की दूसरी लहर में हमने रैपिड एंटीजन टेस्ट पर जोर दिया है ताकि जल्दी रिजल्ट पता चल जाए। डॉ. भार्गव ने कहा कि देश में आरटीपीसीआर टेस्ट कैपेसिटी प्रतिदिन 16 लाख की है।र रैपिड एंटीजन टेस्ट की कैपेसिटी 17 लाख प्रतिदिन की है।
डॉ. भार्गव ने कहा कि कोरोना की दूसरी लहर में हमने आरटीपीसीआर को रेशनलाइज किया। जल्दी पहचान हो इसलिए एंटीजेन टेस्ट पर जोर दिया। आइसोलेशन और होम केयर पर भी जोर दिया।उन्होंने कहा कि अगर आरटीपीसीआर टेस्ट से यह पता चल गया कि कोई पॉजिटिव है तो फिर कोई और टेस्ट कराने की जरूरत नहीं है। हॉस्पिटल से डिस्चार्ज करने के लिए भी निगेटिव चेक करने के लिए टेस्ट की जरूरत नहीं हैं। कारण है कि आरटीपीसीआर आरएनए पार्टिकल को पकड़ता है और शरीर में लाइव वायरस न भी हो तो भी टेस्ट पॉजिटिव दिखा सकता है।
कब आरटीपीसीआर टेस्ट की जरूरत नहीं!
डॉ. भार्गव ने कहा कि अगर कोई पूरी तरह स्वस्थ है तो एक राज्य से दूसरे राज्य जाने के लिए आरटीपीसीआर टेस्ट की जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि कोरोना की पहली लहर में हमने 70 परसेंट आरटीपीसीआर 30 परसेंट एंटीजन के लिए कहा था। पर, अब एंटीजन पर ज्यादा जोर है। डॉ. भार्गव ने कहा कि हमने कोरोना की दूसरी लहर को एनालाइज किया। पहली और दूसरी लहर का डेटा अगस्त से ही जुटा रहे हैं। जो लोग हॉस्पिटल में एडमिट हुए हैं, उन्हें एनालाइज कर रहे हैं।उन्होंने बताया कि दोनों लहर में संक्रमितों की उम्र में ज्यादा अंतर नहीं है। 40 या इससे ज्यादा उम्र के लोगों में ही संक्रमण का ज्यादा चांस दिखा है। उन्होंने कहा कि युवा इसलिए ज्यादा संक्रमित दिख रहे हैं क्योंकि वह अचानक बाहर आने लगे और नया वैरियंट भी वजह हो सकता है।