CM हेमंत सोरेन को माइनिंग लीज-शेल कंपनी केस में राहत, सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट में सुनवाई पर लगायी रोक
झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन को माइनिंग लीज-शेल कंपनी केस सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। सुप्रीम कोर्ट ने हेमंत सोरेन एवं उनके सहयोगियों से जुड़ी शेल कंपनियों में निवेश से जुड़े मामले की झारखंड हाईकोर्ट में चल रही सुनवाई पर बुधवार को रोक लगा दी। हाईकोर्ट ने हेमंत सोरेन के खिलाफ दायर जनहित याचिका को स्वीकार कर लिया था। झारखंड सरकार ओर श्री सोरेन ने इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी।
नई दिल्ली। झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन को माइनिंग लीज-शेल कंपनी केस सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। सुप्रीम कोर्ट ने हेमंत सोरेन एवं उनके सहयोगियों से जुड़ी शेल कंपनियों में निवेश से जुड़े मामले की झारखंड हाईकोर्ट में चल रही सुनवाई पर बुधवार को रोक लगा दी। हाईकोर्ट ने हेमंत सोरेन के खिलाफ दायर जनहित याचिका को स्वीकार कर लिया था। झारखंड सरकार ओर श्री सोरेन ने इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी।
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हेमंत सोरेन के करीबियों की शेल कंपनियों में निवेश के मामले में झारखंड सरकार हाईकोर्ट में स्पेशल लीव पिटीशन (एसएलपी) दायर की थी। सरकार की ओर से पूरक शपथ पत्र भी दाखिल किया गया। सरकार ने झारखंड हाईकोर्ट के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी। सुप्रीम कोर्ट ने उनकी याचिका पर सुनवाई करते हुए झारखंड हाईकोर्ट में होने वाली सुनवाई पर अभी रोक लगा दी है।
.तीन जून 2022 को हाईकोर्ट में दायर हुई थी जनहित याचिका
उल्लेखनीय है कि झारखंड हाईकोर्ट ने तीन जून 2022 को झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन के करीबियों के शेल कंपनियों में निवेश व रांची जिला के अनगड़ा में हेमंत सोरेन को माइनिंग लीज आवंटन मामले की जांच को लेकर दायर जनहित याचिकाओं को मेंटेनेबल माना था। इसके बाद याचिकाकर्ता शिव शंकर शर्मा द्वारा दायर याचिकाओं की मेरिट पर झारखंड हाईकोर्ट में सुनवाई शुरू हुई थी। मेरिट पर अगली सुनवाई 26 अगस्त को निर्धारित थी। सुप्रीम कोर्ट के आज के आदेश के बाद इस मामले की सुनवाई 26 अगस्त को नहीं हो पायेगी।सुप्रीम कोर्ट ने झारखंड हाईकोर्ट की कार्रवाई पर फ़िलहाल रोक लगा दी है। इसके साथ ही अदालत ने SLP पर फ़ैसला सुरक्षित रख लिया है।
पिछली सुनवाई के दौरान PIL के प्रार्थी के द्वारा डिस्चार्ज याचिका दाखिल कर कोर्ट को बताया गया था कि उनके एडवोकेट पुलिस कस्टडी में हैं। इसके बाद कोर्ट ने मौखिक रूप से इस मामले से जुड़े सभी पक्षों को स्टेटस को (यथा स्थिति) बनाये रखने का निर्देश दिया था। जिससे झारखंड की सीएम हेमंत सोरेन को बड़ी राहत मिली थी।
सुप्रीम कोर्ट में अलग-अलग याचिका दायर की गई
उल्लेखनीय है कि झारखंड सरकार और सीएम हेमंत सोरेन की ओर से सुप्रीम कोर्ट में अलग-अलग याचिका दायर की गई है। सुप्रीम कोर्ट में दोनों याचिकाओं में हाईकोर्ट के उस आदेश को चुनौती दी गई है. जिसमें माइनिंग लीज के पट्टे देने में कथित अनियमितताओं का हवाला हुए सीएम हेमंत सोरेन के खिलाफ जांच के लिए जनहित याचिका दाखिल की गई थी।इसे झारखंड हाईकोर्ट ने स्वीकार कर लिया था।
सीनीयर एडवोकेट ने अपनी खराब तबियत का हवाला दिया
पिछली सुनवाई के दौरान इस केस की सुनवाई से पूर्व एक सीनीयर एडवोकेट ने अपनी ख़राब तबियत का हवाला दिया था। कोर्ट से इस मामले की सुनवाई के लिए समय देने का आग्रह किया था। जिसे कोर्ट ने स्वीकार कर किया है।