Suresh Singh Murder Case: सुरेश सिंह की मर्डर के 11 साल, मुख्य आरोपी शशि को नहीं खोज सकी धनबाद पुलिस
कोल किंग के नाम से फेमस धनबाद जिला कांग्रेस के कैशियर सुरेश सिंह की मर्डर के 11 साल बाद भी पुलिस मुख्य आरोपी शशि सिंह को नहीं पकड़ पायी है। 11 साल में जिले में पांच एसपी व छह एसएसपी आये लेकिन आरोपी शशि सिंह को नहीं खोज सके। पुलिस शशि सिंह पर 50 हजार का इनाम घोषित कर रखी है।
- पांच SP व छह SSP भी 50 हजार के इनामी शशि सिंह को नहीं पकड़ पाये
- तीन सिटी एसपी रुरल एसपी, सात डीएसपी व आधा दर्जन से अधिक इंस्पेक्टर की नजर से भी दूर है शशि
धनबाद। कोल किंग के नाम से फेमस धनबाद जिला कांग्रेस के कैशियर सुरेश सिंह की मर्डर के 11 साल बाद भी पुलिस मुख्य आरोपी शशि सिंह को नहीं पकड़ पायी है। जिले में 11 साल में पांच एसपी व छह एसएसपी आये लेकिन आरोपी शशि सिंह को नहीं खोज सके। पुलिस शशि सिंह पर 50 हजार का इनाम घोषित कर रखी है।
रामधीर, संजीव व शशि के खिलाफ दर्ज हुई थी एफआआर
तेजनारायण सिंह रामधीर सिंह, संजीव सिंह व शशि सिंह (सिेंह मैंशन) के खिलाफ अपने बेटे की मर्डर करने की एफआइआर दर्ज करायी थी। पुलिस अनुसंधान में शशि के अलावा उसके करीबी मोनू सिंह, आलोक वर्मा, प्रमोद लाला समेत चार लोगों की संलिप्ता सामने आयी। एक अन्य आरोपी छपरा जिला निवासी मनोज सिंह को भी पुलिस अभी तक पकड़ नहीं पायी है। पुलिस रिकार्ड में मनोज अभी असत्यापित है। पुलिस इन्विस्टीगेशन में संजीव रामधीर के खिलाफ एडीडेंस नहीं मिला था। लगभग पांच माह के इन्विस्टीगेशन के बाद वर्ष 2012 की 20 मई को पुलिस ने शशि सिंह, प्रमोद लाला, मोनू सिंह, आलोक वर्मा को फरार दिखाते हुए कोर्ट में चार्जशीट दायर कर दिया था।
चारों फरार आरोपियों की हुई थी कुर्की
पुलिस चारों फरार आरोपियों की कर्की-जब्ती की थी। बारी-बारी से मोनू सिंह, आलोक वर्मा, प्रमोद लाला कोर्ट में सरेंडर कर बेल पर है। 11 साल में पुलिस शशि को पकड़ नहीं पाई है। फरारी के दौरान शशि ने शादी रचाई। तीन-तीन बच्चे का पिता बना। वाइफ आसनी सिंह को यूपी के बलिया जिले के दोआबा विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ाया। बावजूद शशि को पुलिस नहीं पकड़ पायी।शशि सिंह को अरेस्ट करने के लिए रांची हाईकोर्ट अबतक दो बार आदेश दे चुकी है। हाईकोर्ट ने 16 मई 2016 को दूसरी बार धनबाद पुलिस को शशि को अरेस्ट करने का सख्त आदेश दिया था। 20 दिसंबर 2011 को उसके खिलाफ इश्तेहार निकला था। 23 जनवरी 2012 को कुर्की जारी किया गया। वारंट, इश्तेहार व कुर्की के बावजूद शशि ने न तो कोर्ट में सरेंडर किया और न ही पुलिस उसे पकड़ पाई।
10-10 पुलिस कप्तान बदल गये
सुरेश सिंह की मर्डर के समय रविकांत धान धनबाद एसपी थे। श्री धान के बाद जतिन नरवाल, अनूप टी मैथ्यू, हेमंत टोप्पो व राकेश बसंल जिले के एसपी बने। इसके बाद धनबाद जिला को अपग्रेड कर एसएसपी, सिटी एसपी व रुरल एसपी का पोस्ट स्वीकृत किया गया। सुरेंद्र कुमार झा एसएसपी बने, उनके बाद मनोज रतन चोथे, किशोर कौशल, अखिलेश बी वारियर व अभी असीम विक्रांत मिंज धनबाद के एसएसपी रहे हैं। डेढ़ साल से संजीव कुमार एसएसपी हैं लेकिन शशि का पता नहीं चल पाया। केस के आधा दर्जन से अधिक आइओ भी बदल चुके हैं। वर्ष 2016 से अब तक धनबाद में सिटी व रुरल एसपी के रुप में आठ आईपीएस आये-गये लेकिन शशि को खोज नहीं सके।
पुलिस रिकार्ड में मोस्ट वांटेड शशि सिंह
कोयला राजधानी धनबाद और यूपी के बलिया में शशि किसी परिचय का मोहताज नहीं है। झारखंड पुलिस ने शशि सिंह के सिर पर 50 हजार रुपये का इनाम घोषित कर रखा है। राजनीतिक रूप से शशि का परिवार काफी मजबूत है। शशि झरिया के चर्चित MLA दिवंगत सूरजदेव सिंह के भतीजे हैं। शशि के पिता रामधीर सिंह भी यूपी के बलिया जिला परिषद के चेयरमैन रह चुके हैं। फिलहाल धनबाद के विनोद सिंह मर्डर केस में उम्र कैद की सजा के बाद रांची के बिरसा मुंडा सेंट्रल जेल होटवार में बंद हैं। शशि की मां इंदु देवी धनबाद नगर निगम की मेयर रह चुकी हैं। राजनीतिक रूप से शशि का फैमिली काफी मजबूत है। शशि की चाची सह मौसी कुंती देवी दो-दो बार झरिया की एमएलए रह चुकी हैं। शशि के चचेरे भाई संजीव सिंह भी झरिया से बीजेपी एमएलए रह चुके हैं। संजीव अभी अपने चचेरे भाई एक्स डिप्टी मेयर नीरज मर्डर केस में साढ़े पांच साल से अधिक समय से धनबाद जेल में हैं। शशि के चचेरे भाई नीरज सिंह की वाइफ पूर्णिमा नीरज सिंह अभी झरिया से कांग्रेस की एमएलए हैं।
शशि सिंह का फिलहाल नहीं होगा सरेंडर
झारखंड पुलिस का मोस्ट वांटेड शशि सिंह के फिलहाल धनबाद कोर्ट में सरेंडर करने की योजना नहीं है। धनबाद क्लब में सात दिसंबर, 2011 की रात धनबाद क्लब में सैकड़ों लोगों के सामने शशि ने कोल किंग सुरेश सिंह की मर्डर कर दी थी। इसके बाद से पुलिस शशि के पीछे पड़ी है। इनाम भी घोषित है। बावजूद 11 साल में पुलिस पकड़ नहीं पाई। इस दौरान शशि ने शादी रचाई। तीन-तीन बच्चे पैदा किए। वाइफ आसनी सिंह को यूपी के बलिया जिले के दोआबा विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ाया। इतनी सक्रियता के बावजूद पुलिस शशि को पकड़ने में विफल साबित रही है। 2020 की सितंबर माह में झारखंड के धनबाद से लेकर यूपी के बलिया तक शशि के सरेंडर की चर्चा शुरू हुई है। यह चर्चा झरिया के एक्स एमएलए संजीव सिंह के भाई जनता मजदूर संघ के संयुक्त महामंत्री सिद्धार्थ गौतम के एक फेसबुक पोस्ट के बाद शुरू हुई थी।
फ्लैश बैक
बनारस से लेकर कोलकाता की कोयला मंडियों में कोल किंग के नाम से मशहूर सुरेश सिंह को शशि सिंह ने सात दिसंबर, 2011 की रात धनबाद क्लब में गोली मार मर्डर कर दी। आरोप है कि नूनू सिंह के बेटे के रिशेप्शन में सुरेश सिंह ने सिंह मेंशन के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी की थी। मौके पर मौजूद यह शशि को नागवार गुजरा।शशि ने पिस्टल निकाल सुरेश को भून दिया। इस दौरान सैकड़ों लोग मूकदर्शक बने रहे। सुरेश के दर्जन भर प्राइवेट बॉडीगार्ड भी काठ बन गये थे। मर्डर करने के बाद शशि आराम से निकल गये। मर्डर के 11 साल बाद भी धनबाद पुलिस शशि को पकड़ नहीं पाई है।
दो-दो बार झरिया विधानसभा कांग्रेस के टिकट पर लड़ा चुनाव लड़े थे सुरेश
कोल बिजनस में कोयला राजधानी धनबाद ही नहीं कोलकाता से लेकर वाराणसी की कोयला मंडियों में कोल किंह सुरेश सिंह का सिक्का चलता था। धनबाद जिला कांग्रेस के कैशियर रहे सुरेश सिंह 2005 और 2009 में झरिया विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ा। 2009 में तीन हजार कुछ वोटों के अंतर से वह चुनाव हार गये थे। दोनों चुनाव में कुंती देवी ने उन्हें पराजित किया था।