सुशीला कार्की बनी नेपाल की अंतरिम प्रधानमंत्री ,"सत्ता नहीं, स्थिरता चाहिए, बताया छह महीने का मास्टर प्लान"

"नेपाल की पूर्व चीफ जस्टिस सुशीला कर्की बनीं अंतरिम प्रधानमंत्री। भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन के बाद कहा – सत्ता का स्वाद चखने नहीं, देश को स्थिर करने आए हैं। शहीदों को मिलेगा मुआवजा और सम्मान।"

सुशीला कार्की बनी नेपाल की अंतरिम प्रधानमंत्री ,"सत्ता नहीं, स्थिरता चाहिए, बताया छह महीने का मास्टर प्लान"
सुशीला कार्की (फाइल फोटो)।

काठमांडू। नेपाल में शुक्रवार देर रात ऐतिहासिक राजनीतिक बदलाव हुआ। सुप्रीम कोर्ट की पूर्व चीफ जस्टिस सुशीला कार्की ने  12 सितंबर 2025 को देश की पहली महिला प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली। 73 वर्षीय कर्की के शपथ ग्रहण के साथ ही नेपाल में जश्न का माहौल देखने को मिला।
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सुशीला कर्की ने नेपाल के लिए बनाया 6 महीने का मास्टर प्लान
काशी हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) से पढ़ाई कर चुकीं सुशीला कार्की को युवाओं की जीत और उम्मीदों का प्रतीक माना जा रहा है। उनकी अगुवाई वाली अंतरिम सरकार का मुख्य उद्देश्य आगामी आम चुनाव को सफलतापूर्वक संपन्न कराना है। नेपाल में भ्रष्टाचार के खिलाफ हुए जन-आंदोलन से राजनीतिक उथल-पुथल मची है। सुप्रीम कोर्ट की पूर्व चीफ जस्टिस सुशीला कर्की ने अंतरिम प्रधानमंत्री के रूप में कहा कि उनकी सरकार सत्ता का आनंद लेने नहीं बल्कि देश को स्थिर करने आयी है। हमारी जिम्मेदारी सिर्फ छह महीने की है। इसके बाद हम सत्ता नए संसद को सौंप देंगे। बिना जनता के समर्थन के हम सफल नहीं हो सकते।"
उन्होंने युवाओं के नेतृत्व वाले भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन की सराहना की और मृतकों के परिवारों को मुआवजा देने का एलान किया। सुशीला कर्की ने 'Gen Z' युवाओं के नेतृत्व वाले भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन की तारीफ की। इसी आंदोलन ने केपी शर्मा ओली की सरकार को सत्ता से बाहर किया। कर्की ने कहा कि जिन लोगों ने इस आंदोलन में अपनी जान गंवाई, उन्हें शहीद का दर्जा दिया जायेगा। उन्होंने एलान किया कि मृतकों के परिवार को 10 लाख नेपाली रुपये मुआवजा दिया जायेगा। घायल लोगों के इलाज के पूरा खर्च सरकार उठायेगी। जरूरत पड़नेपर आर्थिक मदद भी की जायेगी।
प्रभावित लोगों को मिलेगा मुआवजा
'द हिमालयन टाइम्स' के मुताबिक, हाल की घटनाओं में अब तक 72 मौतें हुई हैं, जिनमें 59 प्रदर्शनकारी, 10 कैदी और तीन पुलिसकर्मी शामिल हैं। कर्की ने आंदोलन के दौरान हुई तोड़फोड़ पर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि कई निजी संपत्तियों को नुकसान पहुंचाया गया और आगजनी की घटनाएं हुईं। सरकार इसकी जांच करेगी और प्रभावित लोगों को मुआवजा देने की व्यवस्था करेगी। उनका कहा था कि लगता है कि तोड़फोड़ और हिंसा योजनाबद्ध तरीके से हुई। यह किसी साजिश का हिस्सा हो सकता है। जो लोग इसमें शामिल पाये जायेंगे, उनके खिलाफ कार्रवाई होगी। सरकार ने संकेत दिया कि मुआवजा सॉफ्ट लोन या अन्य तरीकों से दिया जा सकता है।
ऐसे पीएम बनीं सुशीला कर्की
अंतरिम प्रधानमंत्री ने कहा कि नेपाल इस समय गंभीर आर्थिक संकट से गुजर रहा है। इसलिए उनकी प्राथमिकता अर्थव्यवस्था को स्थिर करना और पुनर्निर्माण का काम तेज करना होगी। बता दें, युवाओं के दबाव और तेज हुए आंदोलन के बाद ही कर्की को अंतरिम पीएम बनाया गया है। हिंसा और अस्थिरता के माहौल के बीच अंतरिम सरकार का गठन हुआ है। ऐसे समय में सत्ता परिवर्तन को जनआंदोलन और युवाओं द्वारा नेतृत्व में लाई गई क्रांति की बड़ी जीत माना जा रहा है।देश अब सुशीला कार्की से राजनीतिक स्थिरता, पारदर्शिता और लोकतांत्रिक प्रक्रिया को मजबूत करने की उम्मीद कर रहा है।