हार्डकोक इंडस्ट्रीज की हालत खराब, कोयला नहीं दे पा रहा BCCL : इंडस्ट्रीज एंड कॉमर्स एसोसिएशन
इंडस्ट्रीज एंड कॉमर्स एसोसिएशन का 88वां एनुअल जनरल मीटिंग बुधवार को संपन्न हुआ। इसमें जिले के उद्योग और व्यवसाय तथा हार्ड कोक की चिंताजनक स्थिति पर चर्चा हुई। आमसभा की अध्यक्षता बीएन सिंह, संचालन डॉ प्रमोद पाठक ने किया। धन्यवाद ज्ञापन एसोसिएशन के वरीय उपाध्यक्ष एसके सिन्हा ने की।
- कोल व्यापारी धनबाद के रंगदारों से परेशान
धनबाद। इंडस्ट्रीज एंड कॉमर्स एसोसिएशन का 88वां एनुअल जनरल मीटिंग बुधवार को संपन्न हुआ। इसमें जिले के उद्योग और व्यवसाय तथा हार्ड कोक की चिंताजनक स्थिति पर चर्चा हुई। आमसभा की अध्यक्षता बीएन सिंह, संचालन डॉ प्रमोद पाठक ने किया। धन्यवाद ज्ञापन एसोसिएशन के वरीय उपाध्यक्ष एसके सिन्हा ने की।
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इंडस्ट्रीज एंड कॉमर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष बीएन सिंह ने कहा कि कोयला राजधानी धनबाद में हार्डकोक इंडस्ट्रीज की हालत बहुत खराब है। बीसीसीएल कोयला नहीं दे रहा है। लिंकेज से मिलने वाला कोयला कब का बंद हो चुका है। ऐसे में इंडस्ट्रीज बंद करने की नौबत आ गई है। अच्छी क्वालिटी का कोला वह पर्याप्त कोयला नहीं देगा। ऐसे विदेशों से कोयला मंगाने पर मजबूर हो जायेंगे। यह बातें इंडस्ट्रीज एंड कॉमर्स की वार्षिक सम्मेलन उन्होंने कहा कोरोना काल में हार्डकोक बिजनसमैन की कमर तोड़ दी है। ऊपर से अब बीसीसीएल भी कोयला नहीं दे रहे हैं। इस लेकर हार्डकोक व्यवसाइयी पीएम तक अपनी फरियाद रख चुके हैं। बावजूद इसके कोई सुनने को तैयार नहीं है।
26,6000 टन कोयला प्रत्येक माह की जरूरत
बीएन सिंह ने बताया कि एक हार्डकोक इंडस्ट्रीज को प्रत्येक माह 266,000 टन कोयले की जरूरत है। मगर एक इंडस्ट्री को 30 से 40 हजार टन ही कोयला मिल रहा है। यह कोयला भी हार्डकोक व्यापारी बीसीसीएल से नहीं ले रहे हैं इसके लिए उन्हें डब्ल्यूसीएल, एनसीएल व विदेशों पर निर्भर रहना पड़ रहा है।
साइंटिफिक तरीके से होनी चाहिए ओपन कास्टिंग
आम सभा में धन्यवाद ज्ञापन करते हुए वरीय उपाध्यक्ष एसके सिन्हा उर्फ पलटन बाबू ने कहा कि बीसीसीएल तथा सरकार कोयलांचल में उद्योग के विकास के प्रति गंभीर नहीं है। समस्याएं दिन-प्रतिदिन विकट रूप लेती जा रही है। कोयले की कमी जैसे जैसी समस्याओं से कोयलांचल के हार्ड कोक उद्योग प्रभावित हो रहे हैं। ऐसे में भारत कोकिंग कोल लिमिटेड के प्रति ‘बिना भय के प्रीत नहीं’वाली कहावत चरितार्थ होती है।धनबाद से कोयला खनन करने वाली कंपनी बीसीसीएल अगर नहीं डरेगी तो फिर कोयला उन्हें नहीं मिल पाएगा। धनबाद के हार्ड कोक व्यवसायियों के समक्ष विदेशों से कोयला आयात आखिरी विकल्प प्रतीत हो रही है। विदेशों से आने वाले कोयले की क्वालिटी काफी अच्छी है।
उन्होंने कहा कि अभी विदेशी कोयला बिचौलियों के मार्फत आयात किये जाते हैं। जिसके वजह से व्यापारियों का आय कम हो जाता है। अगर बिचौलियों की भूमिका खत्म कर दी जाए तो व्यवसायियों और उद्योगों को इससे काफी मदद मिलेगी।पलटन बाबू ने कहा के ओपन कास्टिंग साइंटिफिक तरीके से होना चाहिए। सीआइएल को अभी नहीं पता इस तरह से और किन-किन लोगों को ओपन कास्टिंग करने दे ताकि हार्ड कोक इंडस्ट्रीज को उच्च क्वालिटी का कोयला मिले। अच्छे कोयले के लिए सरफेस मैन की जरूरत होती है। ऐसा हो रहा है मगर बीसीसीएल ओपन गैलरी पत्थर युक्त कोयला प्रदान कर रही है। बंदूक के जोर पर बाहुबलियों को आउटसोर्सिंग का ठेका मिलता है।
कनीय उपाध्यक्ष रतन अग्रवाल ने सूचना पढ़ा। मौके पर इंद्रमोहन मेन, केदारनाथ मित्तल, वाइएन नुरुला, रमेश गुटगुटिया,शंभूनाथ अग्रवाल,राकेश गुटगुटिया,अनिल सावंरिया, रामेश्वर सिंह, सच्चिदानंद, हरश गर्ग, बीरेद्र सिन्हा, एसडी सिंह, प्रदीप चटर्जी,चिन्मय बनर्जी समेत अन्य उपस्थित थे।