उत्तर प्रदेश: ब्रजेश सिंह 14 साल बाद जेल से बाहर, हाईकोर्ट से मिली मिली बेल
उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल का माफिया मुख्तार अंसारी का जानी दुश्मन डॉन बृजेश सिंह 14 साल बाद जेल से निकल गया है। ब्रजेश 2016 से वाराणसी सेंट्रल जेल में बंद था। मुख्तार अंसारी पर हमले के मामले में बुधवार को ही हाईकोर्ट के जस्टिस अरविंद कुमार मिश्र ने बृजेश सिंह को बेल दी थी।
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल का माफिया मुख्तार अंसारी का जानी दुश्मन डॉन बृजेश सिंह 14 साल बाद जेल से निकल गया है।
ब्रजेश 2016 से वाराणसी सेंट्रल जेल में बंद था। मुख्तार अंसारी पर हमले के मामले में बुधवार को ही हाईकोर्ट के जस्टिस अरविंद कुमार मिश्र ने बृजेश सिंह को बेल दी थी।
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हाईकोर्ट के आदेश की कॉपी गुरुवार कोब्रजेश सिंह के वकील ने गाजीपुर के अपर सत्र न्यायाधीश (प्रथम) रामसुध सिंह की विशेष एमपी/एमएलए कोर्ट में जमा करा दी। कोर्ट ने एक-एक लाख के दो जमानतदारों के बांड के आधार पर बृजेश सिंह की रिहाई का आदेश जारी कर दिया। कोर्ट का परवाना वाराणसी केंद्रीय कारागार पहुंचते ही गुरुवार शाम 6.59 बजे बृजेश सिंह को रिहा कर दिया गया।
बताया जा रहा है कि गाजीपुर की कोर्ट से बेल मिलने के बाद दोपहर से ही समर्थकों का सेंट्रल जेल के बाहर जमवाड़ा लग गया था। जेल से शाम को छूटने के बाद बृजेश सिंह काफिला के साथ सिद्धगिरी बाग स्थित आवास पर पहुंचे।
मुख्तार पर 15 जुलाई, 2001 को हुआ था हमला
मुहम्मदबाद एरिया में 15 जुलाई, 2001 को दिन में 12.30 बजे उसरी चट्टी के पास मऊ जा रहे बाहुबली मुख्तार अंसारी के काफिले पर स्वचालित हथियारों से हमला किया गया। इसमें बाहुबली के गनर की मौके पर मृत्यु हो गई। एक हमलावर शूटर भी मारा गया। मामले में मुख्तार ने बृजेश सिंह और त्रिभुवन सिंह के खिलाफ नेम्डऔर 15 अज्ञात हमलावरों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कराया था। पुलिस ने चार लोगों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की। दो आरोपियों की मौत विवेचना के दौरान मौत हो गई।
कई वर्षों फरार रहने के बाद बृजेश सिंह को 2008 में भुवनेश्वर से अरेस्ट किया गया है। इस दौरान वह विभिन्न जेलों में रहा और एमएलसी भी बना।