उत्तर प्रदेश: स्वामी प्रसाद मौर्य ने दिया मंत्रिमंडल से इस्तीफा, समाजवादी पार्टी में शामिल, तीन अन्य MLA ने भी छोड़ी BJP
उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी को बड़ा झटका लगा है। कैबिनेट मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने इस्तीफा दे दिया है। मौर्य के साथ तिलहर विधायक तो सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव से मुलाकात भी कर चुके हैं।इसके बाद तीन बीजेपी एमएलए ने भी बीजेपी छोड़ दी है।
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी को बड़ा झटका लगा है। कैबिनेट मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने इस्तीफा दे दिया है। मौर्य के साथ तिलहर विधायक तो सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव से मुलाकात भी कर चुके हैं।इसके बाद तीन बीजेपी एमएलए ने भी बीजेपी छोड़ दी है।
सामाजिक न्याय और समता-समानता की लड़ाई लड़ने वाले लोकप्रिय नेता श्री स्वामी प्रसाद मौर्या जी एवं उनके साथ आने वाले अन्य सभी नेताओं, कार्यकर्ताओं और समर्थकों का सपा में ससम्मान हार्दिक स्वागत एवं अभिनंदन!
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) January 11, 2022
सामाजिक न्याय का इंक़लाब होगा ~ बाइस में बदलाव होगा#बाइसमेंबाइसिकल pic.twitter.com/BPvSK3GEDQ
स्वामी मौर्य के इस्तीफे के बाद बांदा के तिंदवारी विधानसभा सीट से विधायक ब्रजेश प्रजापति , शाहजहांपुर की तिलहर सीट से विधायक रोशनलाल वर्मा और कानपुर के बिल्हौर के विधायक भगवती प्रसाद सागर ने भी इस्तीफा दिया है। स्वामी प्रसाद मौर्य ने पद से इस्तीफा देने के बाद समाजवादी पार्टी का दामन थाम लिया है। वहीं, अन्य तीन विधायकों के भी पार्टी छोड़कर समाजवादी पार्टी में जाने की चर्चा है।
'शिकायतों पर नहीं हुई सुनवाई'
एमएलए रोशन लाल ने कहा है कि योगी सरकार के पांच साल के कार्यकाल में उनकी शिकायतों पर कोई सुनवाई नहीं हुई। इस कारण हमें पार्टी छोड़ने का निर्णय लेना पड़ा। वहीं बीजेपी सेंट्रल लीडरशीप ने इस्तीफा देने वाले विधायकों को मनाने की भी तैयारी शुरू कर दी है। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह और प्रदेश संगठन मंत्री सुनील बंसल को इसके लिए लगाया गया है।
दलित जन प्रतिनिधियों को नहीं मिली तबज्जो
ब्रजेश प्रजापति ने पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष को भेजे गये इस्तीफे में कहा है कि पांच वर्षों के कार्यकाल के दौरान दलित, पिछड़े और अल्पसंख्यक समुदाय के नेताओं और जन प्रतिनिधियों को कोई तबज्जो नहीं दी गई। उन्हें उचित सम्मान नहीं मिला। प्रदेश सरकार की ओर से दलित, पिछड़ों, किसानों, बेरोजगार नौजवानों और छोटे, लघु एवं मध्यम श्रेणी के व्यापारियों की घोर उपेक्षा की उपेक्षा की गई। सरकार के कूटनीतिपकर रवैये के कारण मैं पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देता हूं। उन्होंने स्वामी प्रसाद मौर्य को अपना नेता बताया है।
अखिलेश ने ट्वीट कर कहा, ''सामाजिक न्याय और समता-समानता की लड़ाई लड़ने वाले लोकप्रिय नेता स्वामी प्रसाद मौर्य जी एवं उनके साथ आने वाले अन्य सभी नेताओं, कार्यकर्ताओं और समर्थकों का सपा में ससम्मान हार्दिक स्वागत एवं अभिनंदन। सामाजिक न्याय का इंक़लाब होगा, बाइस में बदलाव होगा।''
आगे की धार और आगे की वार देखते रहिए
त्तर प्रदेश में 18वीं विधानसभा योगी आदित्यनाथ सरकार ने इस्तीफा देने के साथ ही स्वामी प्रसाद मौर्य ने समाजवादी पार्टी की सदस्यता ले ली है। इसके बाद उन्होंने भारतीय जनता पार्टी पर जमकर हमला बोला।लखनऊ में अपने आवास पर स्वामी प्रसाद मौर्य के तेवर भाजपा को लेकर बेहद तल्ख थे। उनके आवास पर भारतीय जनता पार्टी के कई विधायक एकत्र थे। बसपा के चार बार तथा भाजपा से एक बार विधायक स्वामी प्रसाद मौर्य ने मीडिया से कहा कि आगे की धार और आगे की वार देखते रहिए। अभी तो भाजपा से 10 से 12 और विधायक इस्तीफा देंगे। इसके बाद मैं एक या दो दिन में पूरी स्थिति से मीडिया को रूबरू कराउंगा कि आगे मुझे क्या करना है। पत्रकारों से बातचीत में स्वामी प्रसाद ने कहा कि प्रदेश में किसान, दलित और नौजवानों के साथ जो व्यवहार हो रहा है वह बर्दाश्त नहीं है। मैंने मंत्रिमंडल के साथ बाहर भी मंत्रियों से बात की लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। ऐसे में बिना सम्मान के भाजपा में नहीं रह सकता था। उन्होंने कहा कि इस्तीफे से पहले उन्होंने सुनील बंसल और डिप्टी सीएम से बात की।
इस्तीफे के क्या हैं कारण
मौर्य ने इस्तीफे की वजह बताते हुये कहा, ''मैं अंबेडकर की विचारधारा से जुड़ा रहा हूं। पांच साल पहले तत्कालीन भाजपा अध्यक्ष अमित शाह और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के व्यक्तत्वि से प्रभावित होकर मैं भाजपा में शामिल हुआ था। लगातार गरीबों, पिछड़ों, किसानों और बेरोजगार नौजवानों के प्रति सरकार का नकारात्मक रवैया होने के कारण मैंने इस्तीफा दिया है।'
अखिलेश के साथ फोटो पर दी सफाई
अखिलेश से मुलाकात के सवाल पर उन्होंने कहा, ''मुझे नहीं मालूम वह तस्वीर कब की है। अभी अखिलेश से बातचीत होना बाकी है। अभी मैंने सिर्फ मंत्री पद से इस्तीफा दिया है। भविष्य की कोई बात अभी नहीं कह सकता हूं। अपने समर्थकों एवं कार्यकर्ताओं से विचार विमर्श करने के बाद ही कोई फैसला करूंगा।''