Uttar Pradesh : यूपी में छेड़खानी से तंग छात्रा ने किया सुसाइड, SO लाइन हाजिर, गांव में टेंशन
इटावा में बीएससी की एक छात्रा द्वारा जहर खाकर सुसाइड़ करने के मामले में पुलिस ने दो आरोपियों रिजवान और उसके भाई सलमान को अरेस्ट कर लिया है। परिवार का आरोप है कि पुलिस ने समय पर कार्रवाई नहीं की जिसके कारण यह घटना हुई। लापरवाही के आरोप में थानाध्यक्ष को लाइन हाजिर कर दिया गया है।

इटावा। उत्तर प्रदेश के इटावा एरिया के एक गांव में शुक्रवार को जहर खाकर जान देने वाली बीएससी की छात्रा के मामले में पुलिस ने दो आरोपितों रिजवान व उसके भाई सलमान के खिलाफ एफआइआर दर्ज किया है। उनके खिलाफ मारपीट, आईटी एक्ट और सुसाइ़ड के लिए उकसाने का मुकदमा दर्ज किया गया है। पुलिस ने दोनों भाईयों को अरेस्ट कर लिया है।
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छात्रा की बॉडी शनिवार को जैसे ही गांव में पहुंचा, वैसे ही ग्रामीणों का गुस्सा थानाध्यक्ष मंसूर अहमद के खिलाफ उमड़ पड़ा। परिजन ने कहा कि थानाध्यक्ष अगर समय रहते कार्रवाई कर देते तो आज यह दिन नहीं देखना पड़ता। परिजन कार्रवाई की मांग को लेकर एक घंटा गांव में बॉडी रखे रहे। एसएसपी व उपजिलाधिकारी के आश्वासन के बाद वे अंतिम संस्कार के लिए तैयार हुए। थाना अध्यक्ष मंसूर अहमद की भूमिका को लेकर एसएसपी संजय कुमार वर्मा ने एसपी क्राइम सुबोध गौतम को जांच सौंपी है। मंसूर अहमद को लाइन हाजिर कर दिया गया है।
26 अप्रैल को ही पिता ने पुलिस को दी थी तहरीर
बताया जाता है कि कि क्षेत्र के गांव में 19 वर्षीय बीएससी की छात्रा को गांव के ही रिजवान व उसके भाई सलमान ने इतना परेशान किया कि उसने 26 अप्रैल को जहर खा लिया। 26 अप्रैल को ही छात्रा के पिता ने पुलिस को तहरीर दी थी, लेकिन थानाध्यक्ष ने कोई कार्रवाई नहीं की। उल्टा पीड़ित को ही हड़का दिया, जिसके बाद छात्रा ने जहर खा लिया, उसकी शुक्रवार को उत्तर प्रदेश आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय में मौत हो गयी।बेटी की मौत से स्वजन आक्रोशित हो गए। शनिवार सुबह पोस्टमार्टम परिसर पर विश्व हिंदू परिषद के जिलाध्यक्ष अमित दीक्षित, जिला मंत्री भानु ठाकुर, जिला सह मंत्री दीपक चतुर्वेदी, आदित्य गुप्ता, जिला सह संयोजक बजरंग दल सुमित सिंह पहुंचे। सभी ने एसएसपी से थानाध्यक्ष की कार्यशैली को लेकर कार्रवाई की मांग की।
परिजनों को समझाने का प्रयास
सीओ अतुल प्रधान व एसडीएम श्वेता मिश्रा ने स्वजन को समझाने का प्रयास किया, लेकिन स्वजन थानाध्यक्ष पर कार्रवाई की मांग को लेकर अड़े थे। ग्रामीण थानाध्यक्ष को मौके पर बुलाने की मांग कर रहे थे। बाद में एएसपी ग्रामीण सत्यपाल सिंह ने विश्व हिंदू परिषद के जिलाध्यक्ष अमित दीक्षित को कार्रवाई का भरोसा दिया। उपजिलाधिकारी ने शासन से आर्थिक मदद दिलाने की बात कही तब जाकर छात्रा के स्वजन माने। अंतिम संस्कार के लिए बॉडी को श्रृंगीरामपुर-फर्रुखाबाद कड़ी सुरक्षा के बीच भेजा गया। सीओ अतुल प्रधान ने बताया कि मामले में आरोपित रिजवान व उसके भाई सलमान के खिलाफ धारा 352 यानी जानबूझकर अपमान करना, धारा 351(3) यानी धमकी देना, 115(2) यानी स्वेच्छा चोट पहुंचाना, 108 यानी आत्महत्या के लिए उकसाना, 66-डी आइटी एक्ट की धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है।
पुलिस ने सात दिन पुरानी तहरीर पर दर्ज किया मुकदमा
पुलिस ने जब छात्रा की मौत हो गई तो सात दिन पुरानी तहरीर पर शुक्रवार की रात्रि को लगभग11 बजे मुकदमा दर्ज कर लिया। यह तहरीर पिता द्वारा दी गई थी। उस समय थानाध्यक्ष मंसूर अहमद ने 26 अप्रैल को कार्रवाई नहीं की थी, केवल शांतिभंग में रिजवान अहमद का चालान किया था। जिसको एक घंटे बाद छोड़ दिया गया था।
गांव में लगे लाउडस्पीकर उतरवाये गये
सीओ अतुल प्रधान ने छात्रा के भाई की शिकायत पर गांव में बनी मस्जिद पर लगे लाउडस्पीकर उतरवा लिए। यह बिना अनुमति के बजाय जा रहे थे। उन्होंने बताया कि थानाध्यक्ष की सह पर मस्जिद में कुछ दिन पहले ही लाउडस्पीकर लगवाये गये थे जिससे पूरे गांव के पढ़ने वाले बच्चों को तकलीफ हो रही थी।