West Bengal Raju Jha murder case : धनबाद से जुड़े हैं कोल बिजनसमैन के मर्डर के तार, जांच में जुटी पुलिस
पश्चिम बंगाल के रानीगंज निवासी चर्चित कोल बिजनसमैन व बीजेपी लीडर राजू झा मर्डर का तार धनबाद से भी जुड़ता नजर आ रहा है। शूटरों ने राजू की मर्डर में जिस नीले रंग की कार का यूज किया है, वह एक अप्रैल को मैथन टोल प्लाजा से दो बार गुजरी थी। पूर्व बर्दवान जिले के शक्तिगड़ स्थित एनएच- 19 पर एक अप्रैल की शाम साढ़े सात बजे फॉर्च्यूनर सवार राजू झा को गोलियों से छलनी कर दिया था।
- मैथन टोल प्लाजा से दो बार गुजरी थी शूटरों की कार
आसनसोल। पश्चिम बंगाल के रानीगंज निवासी चर्चित कोल बिजनसमैन व बीजेपी लीडर राजू झा मर्डर का तार धनबाद से भी जुड़ता नजर आ रहा है। शूटरों ने राजू की मर्डर में जिस नीले रंग की कार का यूज किया है, वह एक अप्रैल को मैथन टोल प्लाजा से दो बार गुजरी थी। पूर्व बर्दवान जिले के शक्तिगड़ स्थित एनएच- 19 पर एक अप्रैल की शाम साढ़े सात बजे फॉर्च्यूनर सवार राजू झा को गोलियों से छलनी कर दिया था।
राजू झा अपने सयहोगी ब्रथिन मुखर्जी, मो. लतीफ और ड्राइवर के साथ फार्च्यूनर से कोलकाता जा रहे थे। शक्तिगढ़ हाइवे पर मूढ़ी घुघनी खाने के लिए रुके थे। मौके पर पहुंचे नीले रंग की कार में सवार क्रिमिनलों राजू झा के वाहन पर गोलियों की बौछार कर दी थी। इससे फार्च्यूनर कार के आगे की शीट पर बैठे राजू झा की गोली लगने से घटनास्थल पर ही मौत हो गई थी। उनकी कार में सवार अन्य तीन साथियों को कुछ नहीं हुआ था। क्रिमिनलों ने मर्डर में प्रयोग की गई नीली कार को शक्तिगढ़ स्टेशन रोड के समीप छोड़ दिया था। बाद में पुलिस उस कार को जब्त कर लिया था।
कार में कई नंबर प्लेट और गोली का खोखा भी मिला था। यह कार दिल्ली से चुराई गई थी। बंगाल पुलिस ने घटनास्थल से लेकर अन्य क्षेत्रों में लगे सीसीटीवी फुटेज खंगाला है। मैथन टोल प्लाजा में लगे सीसीटीवी फुटेज को भी खंगाला गया। सीसीटीवी से पता चला कि हत्या में प्रयोग की गई नीले रंग की कार एक अप्रैल को सुबह करीब 4 बजे सुबह पश्चिम बंगाल से धनबाद की ओर गई। वही कार उसी दिन दोपहर डेढ़ बजे धनबाद से बंगाल की ओर लौटी। इसके बाद ही राजू झा की मर्डर हुई।
कार में सवार लोगों की नहीं हो पाई पहचान
मैथन टोल प्लाजा के सीसीटीवी फुटेज में कार के आने और जाने का पूरा विवरण दर्ज है। हालांकि, कार में सवार लोगों की पहचान नहीं हो पा रही है। लेकिन घटनास्थल से बरामद कार व मैथन टोल प्लाजा से गुजरी कार के नंबर व रंग मिल रहे हैं।बंगाल पुलिस मैथन टोल प्लाजा के सीसीटीवी फुटेज को अपने साथ ले गई है। मैथन टोल प्लाजा में लगे सीसीटीवी फुटेज ने राजू झा हत्याकांड की जांच को नई दिशा दे दी। हत्याकांड में प्रयुक्त कार में सवार होकर शूटरों का बंगाल से धनबाद और फिर धनबाद से बंगाल की ओर जाना और उसी रात में राजू झा की मर्डर हो जाना, यह सब धनबाद के गैंगस्टर्स व शूटर्स की ओर इशारा कर रहा है।बंगाल पुलिस राजू झा मर्डर केस की तार धनबाद से जोड़कर जांच शुरू कर दी है। धनबाद पुलिस से भी इस मर्डर में सहयोग लिया जा रहा है, ताकि जल्द मामले में आगे कार्रवाई की जा सके।
कोल और मवेशी तस्करों पर पुलिस को शक
पश्चिम बंगाल पुलिस को राजू झा मर्डर केस में निरसा के कुछ कोल बिजनसमैन व धनबाद के मवेशी तस्करों पर भी शक है। पुलिस का मानना है कि राजू झा शुरुआत के दिनों में निरसा व गोविंदपुर एरिया से कोयला का कारोबार करते थे। उनका यहां आना जाना लगा रहा था। वह मवेशी तस्करी के कारोबार से भी जुड़ गये थे। राजू झा यूपी, बिहार से झारखंड एनएच-2 होकर बंगाल जाने वाले मवेशी गाड़ियों को बंगाल में सुरक्षा प्रदान करते थे। दोनों कारोबार में उन्होंने करोड़ों की कमाई की थी। उन्होंने कई दुश्मन भी बना लिए थे। बंगाल पुलिस इन बिंदुओं पर भी जांच कर रही है। यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि धनबाद व झारखंड से जुड़े किन-किन लोगों से राजू झा की दुश्मनी थी।
मवेशी तस्कर अब्दुल लतीफ की थी फॉर्च्यूनर
पुलिस सोर्सेज का कहना है कि राजू झा बीरभूम जिले के पशु तस्करी से भी जुड़े थे।अजकल वह पशु तस्कर अब्दुल लतीफ के कारोबार को देख रहे थे। मर्डर के दौरान फरार अब्दुल लतीफ भी राजू झा के साथ फॉर्च्यूनर में था। राजू के इलम बाजार मवेशी हाट के सर्वेसर्वा' अब्दुल लतीफ से घनिष्ठ संबंध थे।सोर्सेज का कहना है कि राजू झा बीरभूम में लतीफ का बिजनेस बिना इनामुल के मैनेज कर रहे थे। वह गायों और कोयलेके साथ-साथ लतीफ का व्यवसायों की भी देखभाल कर रहे थे। राजू झा ने इस कारोबार में भारी निवेश किया था। राजू को जिस फॉर्च्यूनर में गोली मारकर मर्डर की गयी वह अब्दुल लतीफ का ही है। इलाम बाजार का अब्दुल लतीफ गौ तस्करी के सरगना इनामुल का करीबी था। लतीफ को सीबीआई ने भी तलब किया था, लेकिन अब्दुल लतीफ सीबीआई से बचने के लिए बांग्लादेश भाग गया था।
कोल माफिया से भाजपा नेता बनने तक राजू झा की कहानी
बिहार के मूल निवासी राजू झा 1980 और 90 के दशक मे एक ट्रक ड्राइवर था। दरभंगा से राजू के पिता रानीगंज आकर बसे थे। उनका परिवार रानीगंज कलोनी नंबर 6 और सात में एनएच- दो पर रहता था। राजू ने 9 वीं क्लास तक की पढ़ाई की थी। वह कोयले के ट्रक ड्राइवर होने के कारण बहुत ही कम उम्र मे कोयले के धंधे की एबीसीडी पूरी तरह जान गया था। देखते ही देखते वह कोयले के अवैध धंदे का बेताज बादशाह बन गया। हालांकि शुरू में वह बंगाल की सत्ताधारी पार्टी सीपीएम का समर्थन करता था। बाद मे जब तृणमूल की सरकार बनी तो वह टीएमसी का समर्थन करने लगा। फिर 2021 के बंगाल विधानसभा चुनाव के समय वह खुलकर बीजेपी में शामिल हुआ। राजू एक एक्टिव नेता के रूप मे उभरने लगा। उसपर बांकूड़ा मे कोयला तस्करी मामले मे हुई केस मे उसे जेल की हवा खानी पड़ी, हाल के समय में वह होटल व्यवसाय पर ज्यादा ध्यान दे रहा था। राजनीती में उसकी दिलचस्पी घट गई थी।
फ्लैश बैक
पूर्व बर्दवान जिलेके शक्तिगढ़ पुलिस स्टेशन एरिया अंतर्गत आमडा स्थित लेगचा हाट के पास दो नंबर हाईवे किनारे एक अप्रैल शनिवार की रात लगभग आठ बजे सफेद रंग के फॉर्च्यूनर में बैठे कोल माफिया राजू झा की नीले रंग की कार से आये क्रिमिनलों ने गोली मारकर मर्डर दी थी। इस घटना ना में राजू झा के साथी ब्रथिन मुखर्जी को भी गोली लगी है। ब्रथिन को इलाज के लिए बर्द्धमान के अनामय हॉस्पिटल एडमिट करवाया गया है। एक मामले में ED ने भी राजू झा को बुलाया था, ED के सामने हाजिर होने के पहले ही राजू झा की मर्डर कर दी गई। कहीं ऐसा तो नही की राजू को कोयला तस्करी मामले मे ईडी ने बुलाया था, राजू ईडी के सामने कोई ऐसा राज खोल सकता था जिस राज से किसी का पर्दाफाश हो सकता था। यह अब भी एक अनसुलझी गुत्थी है, जिसको सुलझाने की कोशिश चल रही है। मर्डर में प्रयुक्त नीले रंग की कार को पुलिस ने रविवार को लावारिस अवस्था में शक्तिगढ़ दो नंबर हाईवे स्थित रेलवे स्टेशन के किनारे से बरामद किया है। पुलिस ने जब कार की नंबर प्लेट की जांच की तो वह नंबर प्लेट फर्जी पाया गया है। कार मेंअन्य कई नंबर प्लेट भी मिले हैं। कार से पुलिस को शराब की कई बोतलें मिली है। आशंका है कि मर्डर के बाद क्रिमिनलों ने कार को रोड के किनारे खड़ी कर ट्रेन पकड़ कर फरार हो गये।
ईडी ने मवेशी तस्करी के आरोपी अब्दुल लतीफ को भेजा नोटिस
कोयला माफिया राजू झा मर्डर केस की जांच के दौरान सीसीटीवी फुटेज में गौ-तस्करी के आरोपी अब्दुल लतीफ को देखा गया है। फॉर्च्यूनर में राजू झा के साथ ब्रथिन व अब्दुल लतीफ भी था। जख्मी ब्रथिन का इलाज चल रहा है। वहीं अब्दुल लतीप फरार हो गया है। फोटो वायरल होनेके बाद ईडी ने जानवार तस्करी केआरोपी को नोटिस जारी किया है। ब्दुल लतीफ को पूछताछ के लिए ईडी ऑफिस दिल्ली बुलाया गया है। जानवर तस्करी के आरोपी अब्दुल लतीफ फरार चल रहा था। राजू झा मर्डर केस की जांच कर रही एसआईटी ने सीसीटीवी फुटेज में अब्दुल लतीफ को स्पॉट किया। जिस फॉर्च्यूनर में राजू झा की मौत हुई, उसके ड्राइवर नूर आलम हुसैन ने भी पुलिस को बताया कि राजू झा, अब्दुल लतीफ और ब्रतिन बंद्योपाध्याय को लेकर अब्दुल लतीफ की फॉर्च्यूनर से दुर्गापुर से कोलकाता के लिए निकले थे।
ईडी कुर्क कर सकती है लतीफ की संपत्ति
ईडी ने जानवर तस्करी मामलेके आरोपी अब्दुल लतीफ को तलब किया है। अब्दुल लतीफ को अगले वीक दिल्ली स्थित ईडी हेडक्वार्टर में हाजिर होने कहा गया है। ईडी सोर्सेज के अनुसार अगर वह इस बार वह पेश नहीं हुए तो ईडी लतीफ की संपत्ति कुर्क करने की प्रक्रिया शुरू कर देगी। अब्दुल लतीफ कोयला माफिया राजू झा की मर्डर के बाद कुछ समय तक वहीं रहा था। एक प्राइवेट हॉस्पिटल के फुटेज में भी उसकी मौजूदगी नजर आई है। इसके बाद वह अचानक गायब हो गया। फॉर्च्यूनर में रखे दो बैग भी गायब हो गये हैं। फॉर्च्यूनर ड्राइवर ने पुलिस को दिये बयान में कहा है कि गाड़ी अब्दुल लतीफ की है। अब्दुल लतीफ उस दिन फॉर्च्यूनर में था। अब्दुल लतीफ गौ-तस्करी मामलेके मुख्य आरोपी इनामुल हक का दाहिना हाथ और तृणमूल के बीरभूम जिलाध्यक्ष तिहाड़ जेल में बंद अनुब्रत मंडल का करीबी माना जाता है। अब्दुल लतीफ इलमबाजार सहित बीरभूम के कई मवेशी बाजारों में गायों की खरीद-फरोख्त को नियंत्रित करता था।
सीबीआई की चार्जशीट में है नाम
सीबीआई द्वारा दायर चार्जशीट में उल्लेख किया है कि अब्दुल लतीफ इलम बाजार सहित बीरभूम के कई मवेशी बाजारों में गायों की खरीद-फरोख्त को नियंत्रित करता था। पड़ोसियों नेबताया कि लतीफ हाल ही में बांग्लादेश से घर लौटा था।