धनबाद: सिंफर डिगवाडीह में प्लेटिनम जयंती समारोह,CSIR डीजी ने कहा-आत्मनिर्भरता के लिए कोयले का अधिकाधिक दोहन जरूरी
सीएसआइआर के डीजी डॉ शेखर चिंतामणि मांडे ने कहा है कि कोयला के अधिकाधिक दोहन से मिलनेवाली आत्मनिर्भरता कोयले के आयात को ही कम नहीं करेगी। देश का उद्योग-धंधा भी यहीं के कोयले पर निर्भर करेगा।
- कोयले का दोहन कर गुणवक्ता बढ़ाने में लगे सिंफर साइंडिस्ट : डॉ पीके सिंह
धनबाद। सीएसआइआर के डीजी डॉ शेखर चिंतामणि मांडे ने कहा है कि कोयला के अधिकाधिक दोहन से मिलनेवाली आत्मनिर्भरता कोयले के आयात को ही कम नहीं करेगी। देश का उद्योग-धंधा भी यहीं के कोयले पर निर्भर करेगा। इससे कोयला, लिग्नाइट, कोक, प्राकृतिक कोक को वैज्ञानिक और त्वरित ढंग से चिह्नित कर सकते हैं, ताकि इसका दोहन कर कोयला कार्बनीकरण, कोयला गैसीकरण, सीबीएम, ऑयल शेल, शेल गैस से ऊर्जा के क्षेत्रों में हम उपयोग कर सकते हैं। डॉ शेखर चिंतामणि मांडे सोमवार को सीएसआइआर-सिंफर डिगवाडीह में प्लेटिनम जयंती समारोह के अवसर पर ‘कोल पेट्रोलॉजी की मूल अवधारणा’ पर आयोजित वर्कशॉप को बतौर चीफ गेस्ट संबोधित कर रहे थे
सीएसआइआर डीजी ने वर्कशॉप का उद्घाटन किया। सिंफर डायरेक्टर डॉ पीके सिंह ने कहा कि कोयले का दोहन कर गुणवक्ता बढ़ाने के लिए सिंफर के साइंटिस्ट काफी मेहनत करते हैं। रांची यूनिवर्सिटी के वीसी आरके पांडेय ने कहा कि कोल पेट्रोलॉजी को बढ़ावा देने के लिए जियोलॉजिकल डिपार्टमेंट को सुदृढ़ किया जा रहा है।
वर्कशॉप में मंच संचालन डॉ आशीष घोष व धन्यवाद ज्ञापन सिंफर के डॉ एके सिंह ने किया।