World Tribal Day 2023 : प्रताड़ना झेलने को मजबूर हैं आदिवासी: CM हेमंत सोरेन

झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन ने पूरे देश के आदिवासियों से एक होकर लड़ने और आगे बढ़ने की अपील की है। उन्होंने कहा, सभी आदिवासी एक होंगे तो ही हमारा कल्याण होगा। गौड़, मुंडा, भील, उरांव, चेरो आदि समुदाय अलग-अलग संघर्ष ना कर एक साथ एकजुट होकर आगे बढ़े तो ही समस्या का निदान होगा।

World Tribal Day 2023 : प्रताड़ना झेलने को मजबूर हैं आदिवासी: CM हेमंत सोरेन
आदिवासी दिवस पर पुस्तक का लोकापर्ण।
  • झारखंड आदिवासी महोत्सव-2023 का आयोजन 
  • सीएम ने आदिवासी समाज को एक साथ मिलकर रहने की बात कही
  • सीएम ने अपने पिता व झामुमो सुप्रीमो शिबू सोरेन के साथ डाक टिकट का किया लोकार्पण 

रांची। झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन ने पूरे देश के आदिवासियों से एक होकर लड़ने और आगे बढ़ने की अपील की है। उन्होंने कहा, सभी आदिवासी एक होंगे तो ही हमारा कल्याण होगा। गौड़, मुंडा, भील, उरांव, चेरो आदि समुदाय अलग-अलग संघर्ष ना कर एक साथ एकजुट होकर आगे बढ़े तो ही समस्या का निदान होगा।

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सीएम विश्व आदिवासी दिवस के मौके पर रांची के बिरसा मुंडा स्मृति उद्यान में आयोजित झारखंड आदिवासी महोत्सव-2023 कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। झारखंड में नौ और 10 अगस्त को झारखंड आदिवासी महोत्सव-2023 का आयोजन किया जा रहा है। इस कार्यक्रम में आदिवासी संस्कृति की एक झलक देखने को मिल रही है। सीएम हेमंत सोरेन इस मौके पर कार्यक्रम स्थल पर अपने पिता व झामुमो सुप्रीमो शिबू सोरेन के साथ पहुंचे हुए हैं। कार्यक्रम के दौरान दोनों ने संयुक्त रूप से डाक टिकट का लोकार्पण किया।

 
सीएम ने कहा कि आदिवासी समाज से कहा कि हम लोग अलग-अलग गुटों में बंटे हुए हैं, जबकि इस सब की संस्कृति एक है, खून एक है, तो समाज भी एक होना चाहिए हमारा लक्ष्य भी एक होना चाहिए। आदिवासी संस्कृति को आदर की दृष्टि से देखने की जरूरत है। हमें सिर्फ जंगल में रहने वाले के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए। जंगल एवं मानव विकास की कहानी हमारे पूर्वजों के पास है। जरुरत है आमजन के अन्दर आदिवासी समाज के प्रति सम्मान व सहयोग की भावना पैदा करने की।
आदिवासियों ने सहा है विस्थापन का दर्द
सीएम हेमंत ने कहा कि देश में सबसे अधिक विस्थापन का दर्द आदिवासी समुदाय के लोगों ने सहा है। खदानों, उद्योगों एवं डैम के निर्माण से विस्थापित होने वाले में 80 प्रतिशत से अधिक आदिवासी समुदाय के लोग हैं। केंद्र तथा राज्य में सरकार किसी की भी रही हो आदिवासी समुदाय के दर्द को कम करने के लिए प्रयास नहीं किये गये। हमारी व्यवस्था कितनी निर्दयी है कि कभी पता भी नहीं लगाया गया कि विभिन्न योजनाओं से विस्थापित हुए लोग आखिर गए कहां, किस ओर पलायन हुआ। उन्होंने कहा, पहले जो लोग किसान थे वे आज साइकिल पर कोयला बेचने के लिए मजबूर हैं। हमारे बच्चों को बर्तन मांजने, बंधुआ मजदूरी करने और महिलाओं को बच्चे पालने जैसे कार्यों के लिए विवश किया गया। हमारा झरिया शहर बरसों से आग में तप रहा है, लेकिन केंद्र सरकार और कोयला कंपनी इसकी सुध नहीं ले रही है।
सीएम ने मध्य प्रदेश में हुई घटना का किया जिक्र
सीएम ने हेमंत सोरेन ने मध्य प्रदेश कि उस घटना का जिक्र किया जब एक आदिवासी युवक के ऊपर पेशाब कर दिया गया था। मुख्यमंत्री ने कहा कि आदिवासी आज भी देश के विभिन्न हिस्सों में संघर्ष कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि देश के विभिन्न हिस्सों में हमारे आदिवासी भाई बहन प्रताड़ना झेलने को विवश हैं। वे अस्तित्व की लड़ाई लड़ने के लिए मजबूर हैं। क्या मध्य प्रदेश, क्या मणिपुर, क्या राजस्थान, और क्या छत्तीसगढ़, और क्या गुजरात क्या तमिलनाडु। हेमंत ने कहा, मणिपुर में हजारों घर जला दिये गये, सैकड़ों लोगों को मारा गया, महिलाओं की इज्जत के साथ खिलवाड़ हुआ, कहीं आदिवासी भाई के ऊपर पेशाब किया जा रहा है, तो कहीं उन्हें बांधकर पीटा जा रहा है। दरअसल, यह सदियों से चले आ रहे संघर्ष का ही विस्तार है।संघर्ष है वर्चस्व वादी ताकतों और समानता एवं भाईचारे की सोच के बीच। संघर्ष है धार्मिक कट्टरपंथियों और जिओ एवं जीने दो जैसी उदारवादी सोच के बीच। संघर्ष है प्रकृति का विनाश करने वाले तत्व एवं प्रकृति की रक्षा में लगे लोगों के बीच।
हमारी समस्या एक, लड़ाई भी एक होनी चाहिए
मौके पर शिबू सोरेन ने कहा कि आदिवासी समुदाय के लोग पढ़ेंगे और आगे बढ़ेंगे। पहले आदिवासी जंगल के सहारे पलते थे और पढ़ते थे, लेकिन कितने लोगों ने उसे काटा, सुखाया और बेचा कि अब जंगल बच ही नहीं गये हैं। समुदाय के लोगों को संबोधित करते हुए यह भी कहा कि हमारी समस्या एक जैसी है तो हमारी लड़ाई भी एक जैसी होनी चाहिए।
मौके पर मिनिस्टर चंपई सोरेन, एमएलए कुमार जयमंगल सिंह, चीफ सेकरेटरी सुखदेव सिंह व डीजीपी अजय कुमार सिंह समेत अन्य उपस्थित थे।