Bihar: BJP की स्टेट कमेटी में सोशल इंजीनियरिंग फार्मूला, गैर-यादव पिछड़ा और अति पिछड़ा पर दांव, भूमिहारों की संख्या घटी
बिहार बीजेपी की की स्टेट कमेटी( कार्यकारिणी) में सोशल इंजीनियरिंग फार्मूला अपनाया गया है। सामाजिक समीकरण का पूरा ध्यान रखा गया है। पार्टी ने इस बार पिछड़ा-अति पिछड़ा वर्ग पर विशेष फोकस किया है।
- पिछड़ा-अति पिछड़ा वर्ग पर विशेष फोकस
- कोर वोटर ऊंची जातियों को भी समुचित प्रतिनिधित्व
- कार्यकारिणी में यादव समाज से मात्र एक प्रतिनिधि को मिली जगह
पटना। बिहार बीजेपी की की स्टेट कमेटी( कार्यकारिणी) में सोशल इंजीनियरिंग फार्मूला अपनाया गया है। सामाजिक समीकरण का पूरा ध्यान रखा गया है। पार्टी ने इस बार पिछड़ा-अति पिछड़ा वर्ग पर विशेष फोकस किया है।
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बीजेपी स्टेट कमेटी में भले ही कोर वोटर मानी जानी वाली ऊंची जातियों को भी उचित प्रतिनिधित्व दि/s जाने की बात हो रही है लेकिन भूमिहार नेताओं का प्रतिनिधित्व पूर्व की अपेक्षा कम हो गया है। बिहार में बीजेपी के कोर वोट माने जाने वाले भूमिहार जाति के नेताओं के विगत दो-तीन टर्म से पदों की संख्या में कटौती देखने को मिल रही है। सम्राट चौधरी की कमेटी में भी अन्य अगड़ी जाति की तुलना में भूमिहार बिरादरी की संख्या कम है। बीजेपी के सेंट्रल कमेटी में तो पिछली बार की तरह इस बार भी किसी भूमिहार नेताओं को जगह नहीं दी गयी है।
BJP स्टेट कमेटी के 38 पदाधिकारियों में पूर्व प्रदेश अध्यक्ष डॉ संजय जायसवाल की कमेटी के आठ चेहरों को फिर से पदाधिकारी बनाया गया है। इस तरह कमेटी में 79 परसेंट नये चेहरे को मौका दिया गया है। कमेटी में 12 उपाध्यक्ष, पांच महामंत्री, 12 प्रदेश मंत्री, एक मुख्यालय प्रभारी व दो सह प्रभारी, एक कोषाध्यक्ष
व दो सह कोषाध्यक्ष, जबकि एक कार्यालय मंत्री व दो सह कार्यालय मंत्री बनाये गये हैं। टीम में छह महिला पदाधिकारियों को शामिल किया गया है।
17 सवर्ण, 14 ओबीसी, चार ईबीसी व तीन दलित नेता को मिली जगह
बीजेपी ने प्रदेश कमेटी में वोटरों का पूरा ख्याल रखा है। इस बार सवर्ण समुदाय से 17 पदाधिकारी शामिल किये गये हैंष हैं। जबकि 14 ओबीसी, चार ईबीसी और तीन एससी कोटे से पदाधिकारी बनाये गये हैं। पिछली बार की टीम में शामिल प्रदेश उपाध्यक्ष सिद्धार्थ शंभू इस बार भी प्रदेश उपाध्यक्ष बनाये गये हैं। जबकि पिछली बार प्रदेश मंत्री रहीं शीला प्रजापति और अमृता भूषण को इस बार प्रदेश उपाध्यक्ष बनाया गया है। किसान मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष सरोज रंजन पटेल और प्रवक्ता संतोष पाठक को भी प्रदेश उपाध्यक्ष बनाया गया है। पिछली बार उपाध्यक्ष रहे मिथिलेश तिवारी व राजेश वर्माको इस बार प्रदेश महामंत्री बनाया गया है। इस बार चार के बदले पांच महामंत्री बनाये गये हैं।
बिहार में बीजेपी ने कुशवाहा बिरादरी के सम्राट चौधरी को प्रदेश अध्यक्ष की कमान भी सामाजिक समीकरण के उद्देश्य से ही सौंपी थी। अपनी 38 सदस्यीय नई कार्यकारिणी की घोषणा कर दी है। सम्राट चौधरी की भाजपा कार्यकारिणी में यादव जाति से मात्र एक प्रतिनिधि है। पिछली बार की टीम में इस समाज के दो नेता कार्यकारिणी में थे। पार्टी ने अजय यादव को मंत्री, जबकि ओमप्रकाश यादव को उपाध्यक्ष बनाया था। उससे पहले तो प्रदेश अध्यक्ष (नित्यानंद राय) ही यादव बिरादरी से थे।
सामान्य वर्ग से पदाधिकारी
बीजेपी की स्टेट कार्यकारिणी में अति पिछड़ा वर्ग से आठ प्रतिनिधि हैं। भूमिहार जाति से जगन्नाथ ठाकुर, रीता शर्मा, संतोष रंजन और धीरेंद्र कुमार सिंह हैं। ब्राह्मण जाति से मिथिलेश तिवारी, संतोष पाठक, राकेश तिवारी, दिलीप मिश्रा, ज्ञान प्रकाश ओझा और सरोज झा हैं। राजपूत बिरादरी से राजेंद्र सिंह, नूतन सिंह, अमृता भूषण, त्रिविक्रम सिंह,आशुतोष शंकर सिंह और कायस्थ से राजेश वर्मा शामिल किये गये हैं।
पिछड़ा वर्ग के जिन नेताओं को मिली जगह
पिछड़ा समाज में कुर्मी बिरादरी से सरोज रंजन पटेल और प्रवीण चंद्र राय, कुशवाहा जाति से ललिता कुशवाहा, रत्नेश कुशवाहा और जितेंद्र कुशवाहा हैं। यादव समाज से स्वदेश यादव हैं। वैश्य से सिद्धार्थ शंभू, प्रियंवदा केसरी, संजय गुप्ता और संजय खंडेलिया।
अति पिछड़ा वर्ग के जिन नेताओं को मिली जगह
अति पिछड़ा में कहार से डॉ. भीम सिंह, कुम्हार से शीला प्रजापति, नाई से अनिल ठाकुर, नोनिया से नंदलाल चौहान, तेली से नितिन अभिषेक, साहनी से राज भूषण निषाद, धानुक से ललन मंडल, दांगी से अमित दांगी को जगह मिली है।
अनुसूचित वर्ग से इन नेताओं को किया गया शामिल
अनुसूचित जाति में चर्मकार वर्ग से शिवेश राम और सुग्रीव, पासवान जाति से गुरु प्रकाश पासवान को स्टेट टीम में शामिल किया गया है। गुरु प्रकाश अभी भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता भी हैं। वे एक्स सेंट्रल मिनिस्टर व एमएलसी संजय पासवान के पुत्र हैं। यह उनका दूसरा परिचय है।