लखीमपुर खीरी हिंसा में मृतकों के आश्रितों को 45 लाख मुआवजा व एक सरकारी नौकरी,घायलों को मिलेंगे 10-10 लाख 

लखीमपुर  खीरी हिंसा में मृतकों के आश्रितों को 45 लाख मुआवजा व एक सरकारी नौकरी,घायलों को मिलेंगे 10-10 लाख 
  • किसान नेताओं तथा लखीमपुर जिला प्रशासन के बीच में कई बिंदुओं पर समझौता
  • किसान नेता चार मृतक किसानों का अंतिम संस्कार करने पर हुए राजी 

लखनऊ। लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में सरकार और किसानों के बीच छह दौर की वार्ता के बाद समझौते बाद मामला शांत हो रहा है। किसान नेताओं तथा लखीमपुर जिला प्रशासन के बीच छह दौर की वार्ता के बाद  कई बिंदुओं पर समझौता हो गया है। यूपी गवर्नमेंट ने मृतकों के परिवार को 45-45 लाख रुपये का मुआवजा देने का ऐलान किया है। मरने वालों के परिवार के एक-एक सदस्य को सरकारी नौकरी दी जायेगी। इसके साथ ही घायलों को 10-10- लाख रुपये मुआवजी दी जायेगी। 

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केन्द्रीय राज्य मंत्री के इस्तीफे और उनके पुत्र आशीष मिश्रा की 24 घंटे के भीतर गिरफ्तारी की मांग
मामले की हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज सेघटना की न्यायिक जांच करने का वादा भी किया गया है। आरोपियों की आठ दिनों के अंदर अरेस्टिंग की बात कही गयी है। समझौता होने के बाद किसान नेता चार मृतक किसानों का अंतिम संस्कार करने पर राजी हो गये हैं। सरकार की ओर से एडीजी लॉ एंड आर्डर प्रशांत कुमार और अपर मुख्य सचिव देवेश चतुर्वेदी तथा किसानों की ओर से भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत के बीच वार्ता में सहमति बनी। टिकैत ने केन्द्रीय राज्य मंत्री के इस्तीफे और उनके पुत्र आशीष मिश्रा की 24 घंटे के भीतर गिरफ्तारी की मांग दोहरायी। इस पर अफसरों ने कहा कि केन्द्रीय मंत्री का इस्तीफा राज्य सरकार के अधिकार क्षेत्र से बाहर है हालांकि उनकी मांग केन्द्र को प्रेषित कर दी जायेगी।आशीष मिश्र की जल्द गिरफ्तारी के प्रयास किये जायेंगे।

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धारा 144 लागू होने के कारण राजनीतिक दलों के नेताओं को का दौरा रोका गया

एडीजी (लॉ एंड ऑर्डर) प्रशांत कुमार ने आठ दिन के अन्दर दोषियों की गिरफ्तारी का भरोसा दिया है। एडीजी प्रशांत कुमार ने बताया है कि दोषियों के खिलाफ एफआइआर दर्ज हो गया है। जांच जारी है। किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएयेगा। एडीजी ने बताया कि मृतक किसानों के परिजनों को 45-45 लाख रुपये दिए जाएंगे। घायल किसानों को दस लाख देने की घोषणा की गई है। इसके साथ ही नई कमेटी का गठन किया जायेगा जो रिटायर्ड जज की अध्यक्षता में मामले की जांच करेगी। ए़डीजी ने कहा कि लखीमपुर खीरी में सीआरपीसी की धारा 144 लागू होने के कारण राजनीतिक दलों के नेताओं को का दौरा नहीं करने दिया गया है। किसान संघों के सदस्यों को यहां आने की अनुमति है।
समझौता के प्लाइंट्स
घटना की जांच हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज के करायी जायेगी
मृतकों के परिवार के एक-एक सदस्य को योग्यता के अनुसार सरकारी नौकरी मिलेगी
मृतकों के परिवार को 45-45 लाख और घायलों को 10-10 लाख रुपये मुआवा मिलेगा 
जिनके खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई है, उनके खिलाफ कानून सम्मत कार्रवाई होगी

हिंसा के मामले की जांच करेगी एसटीएफ

लखीमपुर खीरी में रविवार शाम किसानों और बीजेपी कार्यकर्ताओं के बीच हुए हिंसक झड़प की जांच अब एसटीएफ करेगी। एसटीएफ सोमवार शाम से ही जांच अपने हाथ में ले ली है। पुलिस ने हिंसा के बाद वायरल वीडियो से 24 लोगों की शिनाख्त की है। इनमें से सात लोगों को कस्टडी में लेकर पुलिस पूछताछ कर रही है। इससे पहले पूरे मामले में पुलिस ने केन्द्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे आशीष मिश्रा समेत 14 लोगों के खिलाफ मर्डर, आपराधिक साजिश और बलवा सहित कई सेक्शन में एफआईआर दर्ज कर ली।
प्रियंका व अखिलेश अरेस्ट
लखनऊ में लखीमपुर जाने से रोकने पर सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव सड़क पर ही धरने पर बैठ गये। अखिलेश ने कहा कि किसानों पर अंग्रेजों के शासन से भी ज्यादा जुल्म बीजेपी सरकार कर रही है। उन्होंने केंद्रीय गृह राज्य मंत्री के इस्तीफे और किसानों को दो-दो करोड़ का आर्थिक सहायता देने की भी मांग की। इसके बाद पुलिस ने उन्हें कस्टडी में ले लिया।  कांग्रेस महासचिव  प्रियंका गांधी को भी लखीमपुर जाते समय कांग्रेस पुलिस ने हिरासत में ले लिया। उन्हें सीतापुर के गेस्ट हाउस में रखा गया है। 
योगी सरकार की रणनीति से विपक्षी की राजनीति फेल 
उत्तर प्रदेश में लखीमपुर जिले के तिकुनिया क्षेत्र में रविवार को हुई हिंसा में के बादकिसान नेता राकेश टिकैत और सरकार की ओर से अपर पुलिस महानिदेशक कानून व्यवस्था प्रशांत कुमार एवं अन्य सीनीयर अफसरों के बीच हुई बातचीत में सहमति बनी। वहीं सरकार ने किसी भी विपक्षी पार्टी के नेताओं को लखीमपुर नहीं जाने दिया। सीएम योगी आदित्यनाथ ने 20 घंटे के अंदर स्थिति कंट्रोल कर विपक्ष की रणनीति फेल कर दी है।  

जांच में सारा सच आ जायेगा सामने: अजय मिश्र

सेंट्रल मिनिस्टर व लखीमपुर से एमपी अजय मिश्रा ने कहा कि हिंसा के दौरान मेरा बेटा वहां मौजूद नहीं था। इस बात का सच जांच के बाद सभी के सामने आ जायेगा। उन्होंने कहा कि भाजपा कार्यकर्ताओं पर लाठियों और तलवारों से हमला किया गया और उनकी मर्डर कर दी गई। वीडियो में दिख रहा है कि कुछ हमलावरों ने हमारे कार्यकर्ताओं से यह कहने को कहा कि मैंने उनसे किसानों को कुचलने के लिए कहा था। मेरे बेटे पर लगाये आरोप पूरी तरह से निराधार हैं। टेनी ने मांग की है कि सभी मृतक बीजेपी कार्यकर्ताओं के आश्रितों को 50-50 लाख रुपयेकी आर्थिक सहायता दी जाए। उनके बेटा इस मामले में निर्दोष है, जांच में सच सामने आ जायेगा। अगर वह वहां होता तो उसकी मर्डर कर दी जाती।