झारखंड में नया संगठन ‘कोयलांचल शांति सेना उभरा, अपराधियों-माओवादियों को दी खुली चुनौती
झारखंड में अपराधियों और माओवादियों के खिलाफ नया संगठन ‘कोयलांचल शांति सेना’ सामने आया है। इंटरनेट मीडिया पर हथियारों के वीडियो वायरल कर संगठन ने 4 का जवाब 40 से देने की धमकी दी है।

- कहा- चार का जवाब 40 से देंगे
रांची। झारखंड में अपराध और माओवादी गतिविधियों पर नकेल कसने के लिए अब एक नया संगठन सामने आया है। कोयलांचल शांति सेना (KSS) नाम से यह संगठन इंटरनेट मीडिया पर सक्रिय हुआ है।
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आर्म्स का वीडियो वायरल
संगठन की ओर से आर्म्स का एक वीडियो वायरल किया गया है, जिसमें खुले तौर पर अपराधियों और माओवादियों को चुनौती दी गयी है। इंटरनेट मीडिया पर वायरल वीडियो में संगठन के लोग हथियारों के साथ नजर आ रहे हैं। वीडियो पोस्ट करते हुए केएसएस के प्रतिनिधि कुबेर ने संदेश दिया— “अगर कोई चार करेगा तो हम 40 से जवाब देंगे।” इस पोस्ट के बाद से इलाके में सनसनी फैल गयी है।
अपराधियों और माओवादियों को सीधी चेतावनी
इंटरनेट मीडिया पर इस संगठन ने कुख्यात सुजीत सिन्हा के साथ खुद को टैग भी किया है। अब पुलिस इस संगठन के सत्यापन में जुटी है। जारी बयान में इस संगठन की ओर से कहा गया है कि आज के बाद कोई भी आपराधिक या माओवादी संगठन कोयलांचल (लातेहार, चतरा, हजारीबाग, रामगढ़, रांची, बोकारो व धनबाद) में चार गोलियां चलायेगा तो उसके जवाबी कार्रवाई में 40 गोलियां दागेंगे।
जारी बयान के अनुसार किसी भी कोल कंपनी, कोल कारोबारियों के साइट या ऑफिस पर फायरिंग करवाने वाले अपराधियों या माओवादियों के मुखिया के ठिकाने पर यह संगठन फायरिंग करेगा। जो जैसा करेगा, उसे उसी भाषा में जवाब दिया जायेगा।कोयलांचल शांति सेना ने कहा है कि झारखंड में अपराध और माओवाद का गढ़ तोड़ा जायेगा। संगठन का दावा है कि वे आम जनता की सुरक्षा के लिए खड़े हुए हैं और किसी भी तरह के अपराध या माओवादी गतिविधि को बर्दाश्त नहीं करेंगे।
इंटरनेट मीडिया पर मिला समर्थन और सवाल
केएसएस की पोस्ट पर इंटरनेट मीडिया यूजर्स की अलग-अलग प्रतिक्रियायें आ रही हैं। कुछ लोग इस पहल का समर्थन कर रहे हैं तो कई लोग इसे कानून-व्यवस्था के लिए चुनौती बता रहे हैं। सवाल यह भी उठ रहे हैं कि क्या संगठन को वैधानिक मंजूरी मिली है या यह सिर्फ डर फैलाने का नया तरीका है।
पुलिस प्रशासन सतर्क
संगठन के वीडियो के वायरल होने के बाद पुलिस प्रशासन भी सतर्क हो गया है। हालांकि अब तक इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है कि संगठन के लोग कौन हैं और उनके इरादे क्या हैं। पुलिस की नजर इंटरनेट मीडिया की गतिविधियों पर बनी हुई है।
बड़ा सवाल
झारखंड में लंबे समय से अपराध और माओवादी गतिविधियाँ प्रशासन के लिए चुनौती रही हैं। अब ऐसे नए संगठन के सामने आने से एक तरफ अपराधियों में डर बैठ सकता है, वहीं दूसरी तरफ कानून-व्यवस्था पर नए सवाल भी खड़े हो रहे हैं।