Agnipath Scheme Protes:उपद्रवियों के खिलाफ एक्शन शुरु, 35 वॉट्सऐप ग्रुप बैन, 10 अरेस्ट, आज भारत बंद
सेंट्रल गवर्नमेंट ने आर्मी बहाली के लिए लाई गयी अग्रिपथ योजना के विरोध में उपद्रव हिंसक वारदात के खिलाफ कड़ा एक्शन शुरु कर दिया है। अग्निपथ योजना और अग्निवीरों को लेकर फर्जी खबरें फैलाने के लिए 35 वॉट्सऐप ग्रुप पर बैन लगा दिया है। अफवाह फैलाने और विरोध प्रदर्शन आयोजित करने के आरोप में कम से कम 10 लोगों को अरेस्ट किया गया है।
- भारत बंद को लेकर कई स्टेट में स्कूल-कॉलेज बंद
नई दिल्ली। सेंट्रल गवर्नमेंट ने आर्मी बहाली के लिए लाई गयी अग्रिपथ योजना के विरोध में उपद्रव हिंसक वारदात के खिलाफ कड़ा एक्शन शुरु कर दिया है। अग्निपथ योजना और अग्निवीरों को लेकर फर्जी खबरें फैलाने के लिए 35 वॉट्सऐप ग्रुप पर बैन लगा दिया है। अफवाह फैलाने और विरोध प्रदर्शन आयोजित करने के आरोप में कम से कम 10 लोगों को अरेस्ट किया गया है।
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अग्निपथ योजना के खिलाफ सोमवार 20 जून को कुछ संगठनों द्वारा भारत बंद का एलान किया गया है। भारत बंद के मद्देजर बिहार व झारखंड में स्कूल-कॉलेज को बंद कर दिया गया है। झारखंड के स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता सचिव राजेश शर्मा ने बताया कि कुछ संगठनों द्वारा आहूत भारत बंद के मद्देनजर, झारखंड में सभी स्कूल 20 जून को बंद रहेंगे।
सरकारी सूत्रों ने बताया कि उक्त व्हाट्सएप ग्रुप्स पर अग्निपथ स्कीम को लेकर भ्रामक मैसेज फैलाए जा रहे थे। हालांकि इन ग्रुप्स के एडमिन पर क्या एक्शन ली गई ये अभी स्पष्ट नहीं है। यह एक्शन गृह मंत्रालय ने लिया है।सेंट्रल होम निस्टरी ने कहा है कि व्हाट्सएप फैक्ट-चेकिंग के लिए 8799711259 नंबर भी जारी किया है। बिहार जैसे राज्यों में विरोध प्रदर्शनों को जुटाने के लिए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म विशेषकर व्हाट्सएप का इस्तेमाल करने की खबरों के बीच यह कार्रवाई हुई है, कई ट्रेनों में आग लगाने की घटना देखऩे को मिली है।
कोचिंग सेंटरों की भूमिका भी संदेहास्पद
बिहार सरकार ने 17 जून को रविवार तक 12 जिलों में इंटरनेट सेवाओं को निलंबित करते हुए कहा था कि जनता को भड़काने और जान-माल को नुकसान पहुंचाने के इरादे से अफवाहें फैलाने के लिए आपत्तिजनक सामग्री प्रसारित करने के लिए इंटरनेट का इस्तेमाल किया जा रहा है। पटना में जिला प्रशासन ने यह भी कहा कि गिरफ्तार प्रदर्शनकारियों के मोबाइल फोन से मिली जानकारी कोचिंग सेंटरों की भूमिका की ओर इशारा करती है।
बिहार और तेलंगाना में कोचिंग संस्थानों पर कार्रवाई
बिहार और तेलंगाना में हिंसा के पीछे कोचिंग संस्थानों की भूमिका सामने आई है। बिहार में छह कोचिंग संस्थानों और तेलंगाना में एक के खिलाफ FIR दर्ज की गई है। तेलंगाना में एक कोचिंग संचालक को गिरफ्तार भी किया गया है। पुलिस ने बताया कि संचालक ही हिंसा के पीछे का मास्टरमाइंड था। तेलंगाना के सिकंदराबाद में हिंसा मामले में पुलिस ने एक कोचिंग संचालक सुब्बाराव को अरेस्ट किया है। सुब्बाराव आर्मी के जवान रहे हैं और आंध्र-तेलंगाना में करीब 8 कोचिंग संस्थान के मालिक हैं। पुलिस के मुताबिक सुब्बाराव ने हकीमपेट आर्मी सोल्जर्स नाम का एक वॉट्सएप ग्रुप बनाया था, जिसमें लोगों को प्रदर्शन के लिए बुलाया था।
बिहार में यथार्थ कोचिंग इंस्टीट्यूट, मसौढ़ी, डीडीएस कोचिंग इंस्टीट्यूट, मसौढ़ी, आरक्षण कोचिंग इंस्टीट्यूट, मसौढ़ी, आसरा कोचिंग इंस्टीट्यूट, मसौढ़ी, टारगेट कोचिंग, मनेर व निरंजन कोचिंग, दानापुर के खिलाफ एफआइआर दर्ज की गयी है। पटना के समीप तारेगना स्टेशन पर हुए उपद्रव के बाद मसौढ़ी सीओ के बयान पर मसौढ़ी थाने में एक FIR दर्ज हुई है। इसमें तीन कोचिंग पैराडाइज, आदर्श, बीडीएस के संचालकों सहित 70 नामजद और 500 अज्ञात शामिल हैं। पटना के डीएम चंद्रशेखर सिंह ने मीडिया से कहा- मसौढ़ी मामले में छह-सात कोचिंग संस्थानों की भूमिका सामने आई है। पुलिस केस की जांच कर रही है। हमें जानकारी मिली है कि वॉट्सऐप ग्रुप में मैसेज कर लोगों को भड़काया गया है। जांच के बाद सख्त कार्रवाई की जायेगी।
बताया जाता है कि बिहार में लगभग हजार कोचिंग संस्थान है, जिसमें ज्यादा राजधानी पटना में है। वहीं इन संस्थानों का सालाना कारोबार लगभग पांच सौ करोड़ रुपये का है।पटना के मसौढ़ी में तारगेना स्टेशन के शनिवार सुबह पत्थरबाजी और फायरिंग हुई। प्रदर्शनकारी स्टेशन में तोड़फोड़ करने लगे। पार्किंग में खड़ी गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया। प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर पथराव किया है। बचाव में पुलिस ने 100 से ज्यादा राउंड गोलियां चलाई।
बिहार में सात सौकरोड़ रुपये से ज्यादा का नुकसान
हिंसक आंदोलन से सिर्फ बिहार को 700 करोड़ रुपये से ज्यादा का नुकसान हुआ है। अब तक चार दिन में ट्रेनों की 60 बोगियों के साथ 11 इंजन को आग के हवाले किया गया है।,20 से अधिक जगह रेल संपत्ति, दानापुर में पार्सल की एक दर्जन से अधिक गाड़ियां और पटना सहित राज्य के 15 जिलों में रेल संपत्ति को जलाया गया है।