उत्तर प्रदेश: लखीमपुर खीरी हिंसा मामले के मुख्य आरोपी आशीष मिश्रा अरेस्ट, ज्यूडिशियल कस्टडी में जेल भेजे गये
लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में मुख्य आरोपी केंद्रीय गृह राज्यमंत्री के बेटे आशीष मिश्रा उर्फ मोनू को शनिवार रात 10:50 बजे अरेस्ट कर लिया गया। पुलिस ने मोनू को 12 घंटे की लंबी पूछताछ के बाद अरेस्ट किया। मोनू को शनिवार देर रात विशेष न्यायिक अधिकारी दीक्षा भारती के समक्ष पेश किया गया। उन्होंने ने सोमवार को सुनवाई का निर्देश देते हुए उसे जेल भेजने का आदेश दिया।
- केंद्रीय गृह राज्य मंत्री के बेटे से 12 घंटे तक हुई पुलिस पूछताछ
- पुलिस जांच में सहयोग नकरने का आरोप
- सवालों के गैरतार्किक जवाब दिए
लखनऊ। लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में मुख्य आरोपी केंद्रीय गृह राज्यमंत्री के बेटे आशीष मिश्रा उर्फ मोनू को शनिवार रात 10:50 बजे अरेस्ट कर लिया गया। पुलिस ने मोनू को 12 घंटे की लंबी पूछताछ के बाद अरेस्ट किया। मोनू को शनिवार देर रात विशेष न्यायिक अधिकारी दीक्षा भारती के समक्ष पेश किया गया। उन्होंने ने सोमवार को सुनवाई का निर्देश देते हुए उसे जेल भेजने का आदेश दिया।
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हिंसा मामले में मोनू तीसरी गिरफ्तारी है। पुलिस ने मोनू से पहले आशीष पांडेय और लवकुश राणा को सात अक्टूबर को अरेस्ट किया गया था। दोनों को शुक्रवार को जेल भेज दिया गया। पूछताछ के दौरान मोनू ने 13 वीडियो पेश किए। ये वीडियो ही उनकी गिरफ्तारी की वजह बने। वीडियो की जांच के दौरान 2:20 से 3:36 बजे के बीच के फुटेज नहीं मिल सके। मोनू यह बात भी साबित नहीं कर सके कि हिंसा के दौरान वह दंगल में मौजूद थे। सोर्सेज का कहना है कि मोनू षड्यंत्र वाली जीप में बैठे थे।
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हिंसा मामले में स्पेशल सुपरविजन कमेटी के डीआईजी उपेंद्र अग्रवाल ने पुलिस लाइन स्थित क्राइम ब्रांच ऑफिस के बाहर आकर मोनू के अरेस्टिंग की पुष्टि की। उन्होंने बताया कि लंबी पूछताछ के बाद हमने पाया कि आशीष मिश्रा सहयोग नहीं कर रहे। विवेचना में कई बातें बताना नहीं चाहते। सवालों के गैरतार्किक जवाब दिए। इसलिए हम उन्हें अरेस्ट कर रहे हैं। पूछताछ की वीडियोग्राफी भी की गई है।
मर्डर, एक्सीडेंट में मौत, आपराधिक साजिश और लापरवाही से वाहन चलाने की सेक्शन में FIR
आशीष मिश्रा के खिलाफ मर्डर, एक्सीडेंट में मौत, आपराधिक साजिश और लापरवाही से वाहन चलाने की सेक्शन में एफआइआर दर्ज है। आईपीसी की सेक्शन 147, 148, 149 (दंगों से संबंधित), 279 (लापरवाही से गाड़ी चलाना), 338 (किसी शख्स को चोट पहुंचाना जिससे उसकी जान को खतरा हो), 304-ए (लापरवाही से मौत), 302 (मर्डर) और 120 बी (आपराधिक साजिश रचना) के तहत केस दर्ज है।
मोनू स्कूटी पर सवार होकर क्राइम ब्रांच खुद ही पहुंचे
इससे पहले शनिवार की सुबह 10:40 बजे आशीष मिश्रा उर्फ मोनू स्कूटी पर सवार होकर क्राइम ब्रांच ऑफिस हाजिर हुए। आशीष मिश्रा के साथ लखीमपुर सदर एमएलए योगेश वर्मा, अजय मिश्रा टेनी के प्रतिनिधि अरविंद सिंह संजय और जितेंद्र सिंह जीतू पुलिस लाइन आये थे।एसआइटी चीफ डीआईजी उपेंद्र अग्रवाल, एसपी विजय ढुल, एडिशनल एसपी अरुण कुमार सिंह के अलावा पुलिस स्पेशल जांच कमेटी के सदस्य पीएसी कमांडेंट सुनील सिंह, सीओ गोला संजय नाथ तिवारी आदि भी क्राइम ब्रांच के ऑफिस के अंदर आशीष से पूछताछ में शामिल थे।
कई फेज में लगभग 40 सवाल पूछे गये
मजिस्ट्रेट के सामने आशीष के बयान दर्ज किये गये।आशीष मिश्रा से हो रही पूछताछ कई राउंड तक चली। पहले अन्य अफसरों ने आशीष मिश्रा से सवाल पूछे। इसके बाद डीआईजी उपेन्द्र अग्रवाल ने खुद कमान संभाली।वह बार-बार कहर हे थे कि वह घटनास्थल पर थे ही नहीं। उन्होंने इस बात को साबित करने के लिए कई वीडियो और शपथ पत्र प्रस्तुत किये। कई फेज में चार-चार अफसरों ने मोनू से क्रॉस प्रश्न किये। जिनका जवाब देने के लिए आशीष मिश्रा मोनू को सभी वीडियो साक्ष्य प्रस्तुत करने पड़े। साथ ही उन लोगों की कथित तौर पर दी गई। गवाही के कागज भी पेश करने पड़े। आशीष मिश्रा से लखीमपुर हिंसा से जुड़े लगभग 40 सवाल पूछे जाने की बात कही जा रही है।
लखीमपुर खीरी बवाल मामला में मुख्य आरोपित है आशीष मिश्र
लखीमपुर खीरी तिकुनिया में तीन अक्टूबर को हुई किसानों की मौत में आशीष मिश्र मुख्य आरोपित हैं। पुलिस ने गुरुवार को उनके आवास पर नोटिस चस्पा कर शुक्रवार सुबह 10 बजे तक हाजिर होने को कहा था, लेकिन वह नहीं आये। पुलिस शुक्रवार को दोबारा समन चस्पा कर शनिवार दिन में 11 बजे पेश होने को कहा था। लेकिन, इससे 20 मिनट पहले ही वह मुंह पर रुमाल बांधकर नीले रंग की स्कूटी से क्राइम ब्रांच के आफिस हाजिर हो गये।
12 घंटे की पूछताछ में 14 बार भेजा गया चाय-नाश्ता
आशीष से पूछताछ के दौरान 14 बार चाय और नाश्ता अंदर गया था। आशीष मिश्रा के साथ उनके वकील अवधेश सिंह भी अंदर मौजूद रहे। क्राइम ब्रांच के ऑफिस में SDM सदर भी मौजूद रहे। पूछताछ में 10 एफिडेविट और एक पेन ड्राइव के साथ दो मोबाइल पेश किए गए। इनसे SIT संतुष्ट नहीं दिखी। बताया जा रहा है कि 13 वीडियो SIT को दिये गये हैं। इनकी जांच फॉरेंसिक एक्सपर्ट करेंगे।