Atique - Asraf murder case : अतीक अहमद के साम्राज्य के लिए छिड़ेगी जंग? पुलिस को गैंगवार का डर
उत्तर प्रदेश के माफिया एक्स एमपी अतीक अहमद और उसके भाई एक्स एमएलए खालिद अजीम उर्फ अशरफ की पुलिस कस्टडी में हुई मर्डर के बाद प्रयागराज में शांति का राज कायम होने की संभावना जताई जा रही थी। हालांकि पुलिस को अब एक अलग ही तरह की आशंका सताने लगी है। दोनों की मर्डर के बाद अब साम्राज्य का सत्ता हथियाने के लिए इनके गुंडों में गैंगवार छिड़ सकती है
प्रयागराज। उत्तर प्रदेश के माफिया एक्स एमपी अतीक अहमद और उसके भाई एक्स एमएलए खालिद अजीम उर्फ अशरफ की पुलिस कस्टडी में हुई मर्डर के बाद प्रयागराज में शांति का राज कायम होने की संभावना जताई जा रही थी। हालांकि पुलिस को अब एक अलग ही तरह की आशंका सताने लगी है। दोनों की मर्डर के बाद अब साम्राज्य का सत्ता हथियाने के लिए इनके गुंडों में गैंगवार छिड़ सकती है।
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अतीक अहमद और उसका भाई अशरफ मारा जा चुका है। उसके बड़े बेटे असद का एनकाउंटर हो चुका है। उसके चार अन्य बेटे भी दो जेल में दो सुधार गृह में हैं। उसकी वाइफ शाइस्ता परवीन भी जान बचाने के लिए दर-दर भटक रही है। ऐसे में अतीक के हजारों करोड़ रुपये के गैरकानूनी साम्राज्य का ताज हथियाने के लिए संघर्ष की आशंकायें पनपने लगी हैं।
गैंग के सदस्यों के खिलाफ पुलिस का ऑपरेशन
पुलिस को आशंका है कि अतीक के साम्राज्य का ताज हासिल करनेके लिए उसके गुर्गों में कभी भी संघर्ष शुरू हो सकता है। ऐसा होने पर प्रयागराज में गैंगवार छिड़ सकता है। हालांकि पुलिस इस कोशिश में है कि वह अतीक के गुर्गों पर समय रहते कंट्रोल पा ले। इसके लिए अलग-अलग जगहों पर उसके गुर्गों पर शिकंजा कसा जा रहा है। एक सीनीयर पुलिस अफसर ने बताया कि पुलिस गैंग के उन सदस्यों के खिलाफ भी ऑपरेशन चला रही है, जो फिलहाल बेल पर बाहर हैं।
पुलिस सोर्सेज से मिली जानकारी के मुताबिक अतीक के गैंग का नाम आईएस-227 है। इसके कुल सदस्यों की संख्या 135 से ज्यादा है। पुलिस का कहना है कि अतीक गैंग के सदस्य हालात के मुताबिक रणनीति बदलने की स्ट्रैटजी अपनाते हैं। एक एनालिसिस के अनुसार जब रेड होती है तो सभी सदस्य अंडरग्राउंड हो जाते हैं। बाद में जब हालात मुफीद होते हैं तो यह सभी एक्टिव हो जाते हैं।
अतीक का प्राइम लोकेशन पर है सैकड़ों बीघा जमीन
पिछले कई दशकों में अतीक अहमद ने प्राइम लोकेशन पर सैकड़ों बीघे की जमीनें खरीदी थीं। यह जमीनें लोगों को डरा-धमकाकर आधे दाम पर खरीदी गई थीं। पुलिस अफसरों का कहना है कि इस दौरान जिन लोगों ने अतीक का विरोध किया, या जमीन बेचने में आना-कानी की उसे मौत के घाट उतार दिया गया। अतीक अहमद ने यह सभी जमीनें अपने गुर्गों और गैंग के अन्य सदस्यों के नाम पर खरीदी थीं। यह जमीनें, झलवा, कसारी मसारी, पीपनलगांव, बमरौली, देवघाटा, करेंहदा, पुरामुफ्ती और कुछ तो कौशांबी जिले मेंभी खरीदी गई थीं। अतीक के टाउनशिप प्रोजेक्ट्स अलीना सिटी और अहमद सिटी भी उसके गैंग के सदस्यों द्वारा ही चलाये जा रहे थे।
अरेस्टिंग के बाद बदल गई थी वफादारी
पुलिस अफसर का कहना है कि प्रयागराज और अन्य जगहों पर रियल एस्टेट के प्रोजेक्ट्स अतीक के गैंग के लिए पैसों का सबसे बड़ा सोर्स थे। अतीक के गुर्गे सस्ती कीमत पर जमीनें खरीदकर गैरकानूनी टाउनशिप डेवलप करते थे। बाद में इन जमीनों को ऊंची कीमतों पर बेच दिया जाता था। इन डील्स में अतीक का हिस्सा सबसे ज्यादा होता था। अतीक और अशरफ रियल एस्टेट का धंधा करनेवालों पर करीबी निगाह रखते थे। पैसों के लेन-देन के विवरण की पूरी जानकारी भी लेते रहते थे। हालांकि अतीक और अशरफ की अरेस्टिंग के बाद उसके सहयोगियों और गैंग के सदस्यों की वफादारी बदलने लगी थी। इनमें से कुछ नेतो दोनों के खिलाफ मुकदमे भी लिखा दिए थे। इसके बाद इन लोगों ने उन जमीनों और संपत्तियों पर कब्जा कर लिया, जो अतीक नेउनके नाम पर लिखवाया था।
मौत के बाद फिर से वही ट्रेंड
अतीक के रिश्तेदार और एक समय उसके सहयोगी रहे जीशान उफ जानूने अतीक और उसके बेटे अली के खिलाफ दिसंबर 2021 में धनउगाही का आरोप लगाते हुए एफआईआर दर्जकराई। बाद में अली ने इसी केस में सरेंडर किया था। वह अभी भी जेल में है। अब अतीक और अशरफ की मौत के बाद भी यही ट्रेंड शुरू हो चुका है। अतीक के पुराने सहयोगी उसके और उसके बेटों के खिलाफ एफआईआर लिखा रहे हैं। बिल्डर मोहम्मद मुस्लिम ने शुक्रवार को अतीक के बेटों उमर और अली के खिलाफ किडनैपिंग और धनउगाही का केस द र्जकराया। अतीक के उसकी गैर कानूनी ढंग सेबनाई गई सैकड़ों बीघे की टाउनशिप पर भी कब्जा करनेके लिए भी आपस में भिड़ सकते हैं।
पुलिस कस्टडी में गोली मारकर कर दी गयी माफिया अतीक अहमद और अशरफ की मर्डर
उमेश पाल मर्डर केस में पुलिस कस्टडी रिमांड पर लिये गये माफिया अतीक अहमद और उसके छोटे भाई एक्स एमएलए खालिद अजीम उर्फ अशरफ की 15 अप्रैल को रात लगभग साढ़े 10 बजे पुलिस कस्टडी में गोली मार कर मर्डर कर दी गयी थी। दोनों मेडिकल टेस्ट के लिए कॉल्विन हॉस्पिटल लाया गया था। पुलिस कस्टडी में माफिया ब्रदर्स कॉल्विन हॉस्पिटल के बाहर पत्रकारों से बात कर रहे थे। एक पत्रकार ने पूछा- आज जनाजे में आप लोग नहीं गये। उस बारे में कुछ कहना है? इस पर अतीक बोला- नहीं ले गए तो नहीं गये। इसी समय अशरफ ने बोलना शुरू किया- 'मेन बात ये है कि गुड्डु मुस्लिम...' इसी बीच एक युवक पीछे से आता है और तुर्किये मेड जिगाना पिस्टल से अतीक की कनपटी पर फायर कर देता है। अगले एक सेकेंड से भी कम समय में दो और फायर होते हैं, जो अशरफ की पसलियों में धंस जाते हैं। मौके पर ही अतीक व अशरफ की मौत हो गयी। अफरा-तफरी के बीच सभी मीडियाकर्मी और पुलिसकर्मी पीछे हट जाते हैं। इसके बाद तीन हमलावर अगले 16 सेकेंड में 18 राउंड फायर करते हैं। फिर हाथ उठाकर धार्मिक नारे लगाते हुए तीनों हमलावरों लवलेश तिवारी (बांदा), मोहित उर्फ सनी (हमीरपुर) और अरुण मौर्य (कासगंज) सरेंडर कर दिये। पुलिस आरोपियों के पास से घटना में प्रयुक्त तुर्किये मेड जिगाना पिस्टल को बरामद ली।