CIL में कोल प्रोडक्शन व डिस्पैच दोनों में टारगेट में बीसीसीएल हुआ नंबर वन : CMD समीरण दत्ता
बीसीसीएल ने कोरोना काल में भी प्रोडक्शन व डिस्पैच और डिस्पैच में उंची छलांग लगाकर अपने टारगेट को पूरा किया है। वितीय वर्ष 2021-22 में 30 मिलियन टन कोल प्रोडक्शन के टारगेट के विरुद्ध 30.5 मिलियन टन अधिक प्रोडक्शन किया है। 32 मिलियन टन डिस्पैच के टागरेट के आलोक में 32.3 मिलियन टन अधिक डिस्पैच कर कंपनी ने रिकॉर्ड कायम किया है।
- धनबाद की साकारात्मक छवि बनाने में सभी करें सहयोग
- तभी तो बाहर से आयेंगे इन्वेस्टर
धनबाद। बीसीसीएल ने कोरोना काल में भी प्रोडक्शन व डिस्पैच और डिस्पैच में उंची छलांग लगाकर अपने टारगेट को पूरा किया है। वितीय वर्ष 2021-22 में 30 मिलियन टन कोल प्रोडक्शन के टारगेट के विरुद्ध 30.5 मिलियन टन अधिक प्रोडक्शन किया है। 32 मिलियन टन डिस्पैच के टागरेट के आलोक में 32.3 मिलियन टन अधिक डिस्पैच कर कंपनी ने रिकॉर्ड कायम किया है। मौके पर बीसीसीएल सीएमडी के अलावा डीटी संजय कुमार सिंह ,डीपी पीबीकेएम राव और सीवीओ कुमार अनिमेष उपस्थित थे
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बीसीसीएल हेडक्वार्टर कोयला भवन में शुक्रवार को प्रेस कांफ्रेस में सीएमडी समीरण दत्ता ने यह जानकारी दी। सीएमडी ने बताया की वितीय वर्ष 2021- 22 में बीसीसीएल ने पूरे कुल इंडिया में प्रोडक्शन और डिस्पैच दोनों में बीसीसीएल अव्वल आया है। पिछले तीन वर्षों की तुलना में प्रोडक्शन व डिस्पैच सर्वाधिक रहा है। उन्होंने बताया कि बीसीसीएल की सबसे टॉप आधुनिक अंडर ग्राउंड माइंस मुनीडीह प्रोजेक्ट ने अब तक के 25 वर्षों का रिकॉर्ड तोड़ते हुए सर्वाधिक प्रोडक्शन करने का कीर्तिमान बनाया है। हलांकि वहां कुछ तकनीकी खामी भी आई थी। वबीसीसीएल के 12 एरिया में से बस्ताकोला, लोदना, डब्ल्यू जे एरिया ने सर्वाधिक प्रोडरक्शन का रिकॉर्ड कायम किया है।
सबके सहयोग से मिली है सफलता
सीएमडी ने कहा कि सबसे अधिक प्रोडक्शन करने में कंपनी को अफसरों,मजदूरों ,यूनियन नेताओं का सहयोग मिला। तभी यह संभव हो पाया। यह बीसीसीएल के लिए एक बड़ी उपलब्धि है। उन्होंने कहा बीसीसीएल टारगेट हासिल नहीं करती तो कंपनी को बचाना मुश्किल था।सीएमडी समीरण दत्ता ने बताया कि बीसीसीएल सिर्फ कोल प्रोडक्शन पर ही ध्यान नहीं दे रही है बल्कि धनबाद के पर्यावरण संरक्षण पर भी विशेष फोकस कर रही है। साथ ही देश की कोयला जरूरतों को पूरा करने के लिए अपने प्रोडक्शन को बढ़ा रही है।..बीसीसीएल में कोल वाशरी की संख्या बढ़ने के साथ वाश कोल के सप्लाई में तेजी से वृद्धि हुई है। उन्होंने बताया फाइनेंशियल ईयर 2020- 21 जहां-जहां कोल प्रोडक्शन लागत प्रति टन ₹3092 आ रहा था वही 2021 -22 में यह घटकर 2981 रुपए प्रति टन हो गया है। एसा तब हुआ है जबकि डीजल और एक्सप्लोसिव की कीमतों में वृद्धि हुई है।
जब तक स्टील की मांग रहेगी, कोल प्रोडक्शन होता रहेगा
उन्होंने कहा कि जब तक स्टील की मांग रहेगी, कोल प्रोडक्शन होता रहेगा। देश को आगे भी कोयले की जरूरत बनी रहेगी।बीसीसीएल देश को कोकिंग ,नन कोकिंग कोल की जरूरतों को पूरा करते रहेगा। सीएमडी ने कहा कि वह स्वास्थ्य के क्षेत्र में भी सुधार करने की दिशा में कदम उठा रहे हैं।खासतौर से बीसीसीएल के सेंट्रल हॉस्पिटल व दूसरे एरिया में डॉक्टरों की कमी को पूरा करने में जुटे है। अभी हाल ही में कई डॉक्टर्स की बहाली हुई है। सेंट्रल हॉस्पिटल में जल्द ही नई मशीन एवं नई तकनीक की सुविधा बहाल कर दी जायेगी। वह खुद सेंट्रल हॉस्पिटल का दौरा करेंगे। समीरण दत्ता ने बताया कि बीसीसीएल सोशल कॉरपोरेट रिस्पांसिबिलिटी(CSR) के क्षेत्र में भी बेहतरीन काम कर रहा है। धनबाद के विकास में बीसीसीएल का अहम योगदान है। सीएमडी ने कहा कि सामुदायिक विकास के तहत जगजीवन नगर में बच्चियों के लिए निशुल्क शिक्षा की व्यवस्था कंपनी की ओर से की जायेगी।
बंद पड़े पुराने माइंस को भी एमडीओ मोड यानी पीपीपी मोड पर शुरू करने की योजना
बीसीसीएल के डीटी ने बताया कि बंद पड़े पुराने माइंस को भी एमडीओ मोड यानी पीपीपी मोड पर शुरू करने की योजना बनाई गयी है। इसके लिए संशोधित प्लान तैयार किया गया है। धनबाद के बंद पड़े 16 पैच चिन्हित किये गये है। जहां 45 मिलियन टन से ज्यादा कोल रिजर्व है। अभी कपूरिया एरिया जिसकी क्षमता 1.83 मिलियन टन है। उसका टेंडर 29 मार्च को एमडीओ के माध्यम से निविदा आमंत्रित किया गया है। वहीं बंद पड़े आठ अंडरग्राउंड माइन्स को जल्द ही पीपीपी मोड पर शुरू करने की योजना है।
हाई वाल माइंस “की शुरुआत की जायेगी
बीसीसीएल में जमीन की समस्या को देखते हुए “हाई वाल माइंस “की शुरुआत की जायेगी। यहअब तक कोल इंडिया के दूसरी इकाई में सफलतापूर्वक की जा रही है। बीसीसीएल सीएमडी ने बताया कि इलिगल कोल माइनिंग को रोकने के लिए एक फूलप्रूफ योजना बनाई गयी है। इसके तहत बीसीसीएल विपर मशीन की खरीदारी करने जा रही है। जहां छोटे-छोटे जगह पर भी बंद माइंस के पास इसका इस्तेमाल कर कोल प्रोडक्शन किया जा सकेगा।इसके लिए रीपर मशीन के साथ शावेल और बकेट का इस्तेमाल होगा। जिसे आसानी से कोयला निकाला जा सकेगा।इस तकनीक में ब्लास्टिंग की भी जरूरत नहीं पड़ेगी। जिस एरिया में अभी कोयला चोरी हो रही है वह कोयला राष्ट्र के काम आ जायेगी। इलिगल माइनिंग पर भी लगाम लगाना आसान हो जायेगा। वर्तमान में रीपर मशीन की कीमत 50 लाख से लेकर एक करोड़ के आसपास आता है।
सकारात्मक बातें से सुधरेगी इमेज
डीपी ने कहा कि बीसीसीएल के संबंध में सकारात्मक बातें होनी चाहिए जिससे धनबाद की छवि देश और विदेश में अलग ढंग की बने। इससे फायदा यह होगा कि कोयलांचल में बड़ी-बड़ी निजी कंपनियां आयेंगी। लोगों को रोजगार के साधन बढ़ेंगे।