पटना। बिहार के मुजफ्फरपुर जिले के बोचहां विधानसभा उपचुनाव में वोटिंग से पहले BJP को अपने कोर वोट बैंक भूमिहार में टूट की आशंका है। बीजेपी ने अब डैमेज कंट्रोल के लिए अपनी पूरी मशीनरी यहां लगा दी है। पार्टी की तरफ से दो प्रमिख फायर ब्रांड लीडर सेंट्रल मिनिस्टर गिरिराज सिंह और एमएलए हरिभूषण ठाकुर बचौल को मैदान में उतार दिया था।
गिरिराज व बचौल पिछले एक सप्ताह से लगभग आधा दर्जन पंचायतों में प्रतिनिधियों के साथ बैठक कर डैमेज कंट्रोल करने की कोशिश की है। वे डोर-टू-डोर पहुंच कर ब्रह्मर्षि समाज ( भूमिहार समाज) के प्रतिनिधियों के साथ बैठक कर रहे हैं।बीजेपी में सांगठनिक उपेक्षा के अलावा पिछले दिनों राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री का भूमिहार जाति के दो बड़े नेताओं के खिलाफ टिप्पणी और लोकल कैंडिडेट को टिकट नहीं मिलना इसकी वजह मानी जा रही है।पार्टी प्रदेश अध्यक्ष की एक सभा में लोग खुल कर इस बात का विरोध भी जताया। बेबी कुमारी को यहां से कैंडिडेट बनाने का भी लोग विरोध कर रहे हैं। BJP भी जानती है कि इस इलाके में भूमिहार निर्णायक भूमिका में हैं। वे यहां जीत-हार का समीकरण बिगाड़ सकते हैं।
RJD का सफल होता भूमाई समीकरण बीजेपी के लिए टेंशन
RJD अपने यादव और मुस्लिम कोर वोट बैंक के साथ तेजी से भूमिहार वर्ग में अपनी पकड़ मजबूत कर रहा है। एमएलसी चुनाव में आरजेडी यह दांव कामयाब भी रहा। अब तेजस्वी की सभा में इस जाति से जुड़े कई संगठन के नेताओं की मौजूदगी ने बीजेपी की चिंता बढ़ा दी है। विधानसभा क्षेत्र में भूमिहार जाति के लगभग 44 हजार वोटर और 30 हजार एक्टिव वोटर हैं।
तीन मिनिस्टर के साथ 35 एमएलए ने बूथ स्तर पर किया कैंप
बीजेपी की ओर से बोचहां में पंचायत वार एमएलए को जिम्मेदारी दी गई है। यहां के 35 पंचायतों में एमएलए कैंडिडेट से इतर बूथ स्तर पर जाकर पार्टी कैंडिडेट के पक्ष में वोट मांग रहे हैं। रणनीति के अनुसार, 29 मार्च से 10 अप्रैल तक लगभग एक दर्जन मिनिस्टर व 35 एमएलए, 16 एमएलसी, 1500 से अधिक कार्यकर्ता बोचहां में कैंप किये हैं। बोचहां विधानसभा के तहत तीन मंडल बोचहां, मुशहरी और अहियापुर की जिम्मेवारी मिनिस्टर जीवेश मिश्रा, जनक राम और रामप्रीत पासवान को गई थी।
रामसूरत राय व अजय निषाद ने प्रति भूमिहारों में आक्रोश
बिहार के राजस्व व भूमि सुधार मंत्री सह जिले के एमएलए राम सूरत राय तथा लोकल एमपी अजय निषाद के प्रति यहां के भूमिहारों में काफी आक्रोश देखा जा रहा है। ब्रह्मर्षि समाज के लोगों के निशाने पर मुख्य रुप से मिनिस्टर रामसूरत राय व अजय निषाद हैं। आरोप है कि दोनों ने पिछले कई सालों से इस जाति के खिलाफ अभियान चला रखा है। आरोप है कि इन दोनों ने ही मिलकर मुजफ्फरपुर में विधानसभा चुनाव में तत्कालीन मंत्री सह बीजेपी कैंडिडेट सुरेश शर्मा को हराने का काम किया है। दोनों ने पार्टी के साथ भीतघात किया है। दोनों बीजेपी कल्चर के नहीं है। दूसरे दल से आकर सत्ता का सुख भोग रहे हैं।
पार्टी के कुछ नेताओं का वरदहस्त इन दोनों नेताओं के हैं। कोटा के आधार पर सत्ता में हिस्सा लेकर राज भोग रहे हैं। मुजफ्फरपुर में बीजेपी को सींचने वाले सुरेश शर्मा की अनदेखी से लोगों में आक्रोश देखा जा रहा है। यही कारण है कि दो दिन पहले बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल श्री शर्मा से मिलकर साथ में फोटो सोशल मीडिया पर डालकर आत्मीय मुलाकात बताया है।