Atul Subhash Suicide Case: अतुल सुभाष केस में बड़ा एक्शन, वाइफ,सास व साला अरेस्ट
बेंगलुरु में एआई इंजीनियर रहे अतुल सुभाष की सुसाइड मामले में बेंगलुरू पुलिस ने उनकी वाइफ निकिता सिंघानिया, सास निशा सिंघानिया, व साला अनुराग सिंघानिया को अरेस्ट कर लियाहै। निकिता की अरेस्टिंग गुरुग्राम के सेक्टर 57 स्थित ब्लॉसम स्टेज पीजी से हुई है। निकिता की मां व भाई को प्रयागराज से पकड़ा गया है।
- हसबैंड को छोड़ गुरुग्राम के पीजी में रहती थी निकिता
- सास व साला प्रयागराज से अरेस्ट
नई दिल्ली। बेंगलुरु में एआई इंजीनियर रहे अतुल सुभाष की सुसाइड मामले में बेंगलुरू पुलिस ने उनकी वाइफ निकिता सिंघानिया, सास निशा सिंघानिया, व साला अनुराग सिंघानिया को अरेस्ट कर लियाहै। निकिता की अरेस्टिंग गुरुग्राम के सेक्टर 57 स्थित ब्लॉसम स्टेज पीजी से हुई है। निकिता की मां व भाई को प्रयागराज से पकड़ा गया है।
यह भी पढ़ें:Dhanbad: बरवाअड्डा में क्रिमिनलों ने बेटे के सामने जमीन कारोबारी को मारी गोली
बताया जाता है कि निकिता सिंघानिया एक्सेंचर इंडिया कंपनी में बतौर सीनियर एआई इंजीनियरिंग कंसल्टेंट के पद पर नौकरी करती है। यह कंपनी मुख्य रूप से आईटी कंसल्टिंग, टेक्नोलॉजी सर्विसेज और बिजनेस ऑपरेशंस में विशेषज्ञता रखती है। एक्सेंचर का भारत में मुख्यालय बेंगलुरु में है। गुरुग्राम के डीएलएफ साइबर सिटी में भी ऑफिस है। इसी ऑफिस में निकिता कई सालों से काम कर रही थी। यह यहां सेक्टर 57 स्थित ब्लॉसम पीजी में रहती थी।
अतुल सुभाष ने नौ दिसंबर को की थी सुसाइड
बिहार के समस्तीपुर निवासी अतुल सुभाष ने नौ दिसंबर को बेंगलुरु में अपने घर में लगे पंखे से लटककर फंदा लगा सुसाइड कर लिया था। उन्होंने सुसाइड के वक्त जो टीर्शट पहनी थी, उस पर जस्टिस इस ड्यू लिखा था। इससे पहले डेढ घंटे का वीडियो और 24 पन्नों की लेटर में अतुल ने सुसाइड के लिए पत्नी, ससुराल वालों और न्यायिक व्यवस्था को जिम्मेदार ठहराया था।
2019 में हुई थी अतुल और निकिता की शादी
अतुल की शादी वर्ष 2019 में निकिता सिंघानिया से हुई थी। जिससे उनका एक बच्चा था। शादी के दो साल बाद वाइफ ने दहेज उत्पीड़न और अप्राकृतिक यौन शोषण समेत नौ केस अतुल के खिलाफ दर्ज करा दिये।
मामला सेटल करने के लिए मांगे थे तीन करोड़
अतुल ने आरोप लगाया था कि इन मामलों को सेटल करने के लिए उनसे तीन करोड़ रुपये की डिमांड की गई थी। अतुल सुभाष की सुसाइड के मामले में अतुल के भाई विकास कुमार ने बेंगलुरु के मराठाहल्ली पुलिस स्टेशन में कंपलेन की थी। बेंगलुरु पुलिस ने उनकी वाइफ निकिता, सास निशा सिंघानिया, साले अनुराग सिंघानिया और चाचा ससुर सुशील सिंघानिया के खिलाफ एफआइआर दर्ज किया गया था।
निकिता ने दाखिल की थी अग्रिम जमानत अर्जी
अतुल सुभाष सुसाइड मामले में आरोपित वाइफ निकिता सिंघानिया और ससुराल के अन्य सदस्यों ने गिरफ्तारी से बचने के लिए इलाहाबाद हाई कोर्ट में अग्रिम जमानत अर्जी दाखिल की थी। अग्रिम जमानत की अर्जी अतुल सुभाष मोदी की वाइफ निकिता सिंघानिया के साथ सास निशा सिंघानिया, साले अनुराग सिंघानिया और सुशील सिंघानिया ने दाखिल की थी।निकिता सिंघानिया का परिवार इस मामले में अर्जेंट बेसिस पर सुनवाई की मांग को लेकर सोमवार को केस मेंशन करने की तैयारी में थे। कोर्ट में केस मेंशन कर अग्रिम जमानत की अर्जी पर उसी दिन या फिर जल्द से जल्द सुनवाई की गुहार लगायी जाने की तैयारी थी। अनुमान लगाया जा रहा था अतुल सुभाष के परिवार की तरफ से सिंघानिया परिवार की अग्रिम जमानत अर्जी का विरोध किया जा सकता है। हालांकि शाम तक अतुल सुभाष के परिवार की ओर से कैविएट दाखिल नही की गयी थी।
बेंगलुरु से जौनपुर पहुंची थी पुलिस की टीम
अतुल सुभाष सुसाइड मामले की जांच के सिलसिले में जौनपुर आई बेंगलुरु की चार सदस्यीय पुलिस टीम शनिवार दोपहर लगभग एक बजे दीवानी न्यायालय स्थिति सीजेएम कोर्ट पहुंची। यहां से निकिता सिंघानिया की ओर से उनके खिलाफ कराए गए मुकदमों की पत्रावलियों की नकल लेकर लगभग एक घंटे बाद निकल गयी।
शनिवार का अवकाश होने के बाद भी लोक अदालत होने से न्यायालय से पत्रावलियों की नकल दी गयी। बेंगलुरु पुलिस टीम शुक्रवार को निकिता के घर जाकर नोटिस चस्पा कर तीन दिनों के भीतर बेंगलुरु के मराठाहल्ली पुलिस स्टेशन में हाजिर होने के लिए कहा था। इसके बाद पुलिस टीम कोर्ट जाकर अतुल सुभाष व उनके परिजन पर दर्ज मुकदमों की पत्रावलियों की नकल भी ली, लेकिन सभी मुकदमों से संबंधित पत्रावलियां नहीं मिल सकी थी।
बेटे की मौत के बाद सदमे में माता-पिता
अतुल सुभाष के सुसाइड कर लेने के बाद पिता पवन मोदी व मां अंजू सदमे में हैं। पिता ने कहा कि अब उनके पास मुकदमा लड़ने की हिम्मत नहीं है। वह कभी जौनपुर नहीं आयेंगे। अधिक प्रताड़ित किया गया तो बेटे की इच्छा के अनुसार राष्ट्रपति से इच्छा मृत्यु की मांग करेंगे। पवन ने बताया कि अतुल से उसकी वाइफ निकिता सिंघानिया ने 15 लाख रुपये की मांग की थी। बेटे ने पैसा उसके अकाउंट में डाल दिया था। इसके बाद वह कभी दो लाख, कभी पांच लाख तो कभी 10 लाख रुपये मांगती रहती थी।
निकिता हमेशा सुभाष से मांगती थी रुपये
निकिता ने मधारेटोला खोवा मंडी वाला मकान खरीदने के लिए 50 लाख रुपये मांगे थे। मेरे बेटे ने इतना पैसा देने से मना कर दिया। इसके बाद 2021 में निकिता ने दहेज उत्पीड़न व अन्य आरोप लगाते हुए तत्कालीन एसपी को प्रार्थना पत्र दिया।
वर्ष 2021 की बात याद कर फूट-फूटकर रोये अतुल के पिता
अतुल के पिता पवन मोदी ने बताया, पंकज ज्योति, जो पेशे से चार्टर्ड अकाउंटेंट हैं, उनके घर पर 2021 में एक समझौता हुआ था। समझौते में उनकी बहू निकिता, उसकी मां और उसके परिवार के लोग शामिल थे। परिवार के लोगों ने शादी तोड़नेर की बात कही थी और उसके बदले 20 लाख रुपये की मांग की थी. जिसका लिस्ट आज भी अतुल के पिता पवन के पास है। पवन मोदी ने बताया कि बहू निकिता की मां ने उस समय कहा था कि बेटी की शादी कहीं और कराना है। उस समय अतुल को लेकर काफी कुछ भला-बुरा कहा था। जब मैं उसपर कुछ कहना चाहा तो मुझे चुप करा दिया गया। बहू की कहीं और शादी कराने की बात पर मैंने कहा था कि ठीक है इससे दोनों परिवार खुश रहेंगे। शादी तोड़ने के बदले 20 लाख रुपये की मांग की।हाथ में लिस्ट थमा दिया गया. “पैसे की मांग पर अतुल ने कहा था कि आप पैसे दे देंगे, तब भी निकिता डाईवोर्स नहीं देगी, क्योंकि वो पैसों की भूखी है.”
पवन मोदी ने पोते की कस्टडी के लिए लगायी गुहार
अतुल सुभाष के पिता पवन कुमार मोदी ने अपने पोते की कस्टडी के लिए गुहार लगायी है। पवन ने पीएम नरेंद्र मोदी, बिहार के सीएम नीतीश कुमार और अन्य से अपने पोते की कस्टडी सुनिश्चित करने की अपील की है। पवन मोदी ने एएनआई से बातचीत में कहा कि हमें नहीं पता कि उसने हमारे पोते को कहां रखा है। क्या उसे मार दिया गया है या वह जीवित है? हम उसके बारे में कुछ नहीं जानते। मैं चाहता हूं कि मेरा पोता हमारे साथ रहे। मैं आरोपी को गिरफ्तार करने के लिए पुलिस का शुक्रिया अदा करता हूं। मुझे अभी भी न्याय नहीं मिला है क्योंकि मेरे खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। मेरे पोते के नाम पर भरण-पोषण के लिए मेरे खिलाफ एक नया मामला दर्ज किया गया है। हम पीएम मोदी, यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ, बिहार के सीएम नीतीश कुमार, आरजेडी नेता तेजस्वी यादव और अन्य नेताओं से अपील करते हैं कि वे सुनिश्चित करें कि मेरा पोता मेरे पास आए। एक दादा के लिए, उसका पोता उसके बेटे से ज्यादा मायने रखता है। पूरा समाज, लोग मेरे समर्थन में खड़े हैं।”