Zakir Hussain: मशहूर तबला वादक उस्ताद जाकिर हुसैन की हालत गंभीर, ICU में हैं एडमिट

पद्म विभूषण से सम्मानित मशहूर तबला वादक उस्ताद जाकिर हुसैन की हालत गंभीर बनी हुई है। जाकिर कोसैन फ्रांसिस्को के हॉस्पिटल में एडंमिट कराया गया है, जहां उनका इलाज चल रहा है। हर्ट से जुड़ी परेशानी के बाद उन्हें दो सप्ताह पहले हॉस्पिटल में एडमिट कराया गया है।

Zakir Hussain: मशहूर तबला वादक उस्ताद जाकिर हुसैन की हालत गंभीर, ICU में हैं एडमिट
जाकिर हुसैन (फाइल फोटो)
  • पद्मश्री समेत कई सम्मानों से नवाजे गये
  • पांच ग्रैमी अवॉर्ड भी मिले

नई दिल्ली। पद्म विभूषण से सम्मानित मशहूर तबला वादक उस्ताद जाकिर हुसैन (73) की हालत गंभीर बनी हुई है। जाकिर कोसैन फ्रांसिस्को के हॉस्पिटल में एडंमिट कराया गया है, जहां उनका इलाज चल रहा है। हर्ट से जुड़ी परेशानी के बाद उन्हें दो सप्ताह पहले हॉस्पिटल में एडमिट कराया गया है।
यह भी पढ़ें:Atul Subhash Suicide Case: अतुल सुभाष केस में बड़ा एक्शन, वाइफ,सास व साला अरेस्ट

सैन फ्रांसिस्को के हॉस्लपिटल में चल रहा इलाज
हुसैन की मैनेजर निर्मला बच्चानी ने बताया कि उन्हें ब्लड प्रेशर की समस्या के चलते उन्हें हॉस्पिटल में एडमिट कराया गया है। हुसैन की मौत का दावा करने वाली खबरों के बीच उनकी मैनेजर ने प्रेट्र से पुष्टि की कि हुसैन का सैन फ्रांसिस्को हॉस्पिटल में इलाज चल रहा है और उनकी मौत नहीं हुई है।हुसैन की बहन खुर्शीद ने बताया कि उनके भाई की हालत बहुत गंभीर है लेकिन इस समय उनकी सांसें ठीक से चल रही हैं। हम भारत और दुनियाभर में उनके सभी प्रशंसकों से जाकिर के शीघ्र स्वस्थ होने के लिए प्रार्थना करने की अपील करते हैं। खुर्शीद ने कहा,"मैं सभी मीडिया से अनुरोध करना चाहता हूं कि वे जाकिर के निधन के बारे में गलत जानकारी पर ध्यान न दें। इंटरनेट मीडिया पर यह सब जानकारी देखकर मुझे बहुत बुरा लग रहा है। ये बड़ी गलत बात है।"इससे पहले सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने एक्स पर पोस्ट में जाकिर के निधन की बात कही थी लेकिन बाद में पोस्ट हटा ली।

जाकिर हुसैन का मुंबई में हुआ  जन्म
जाकिर हुसैन का जन्म वर्ष 1951 की नौ मार्च को मुंबई में भारत के दिग्गज संगीतकार उस्ताद अल्ला रक्खा के घर हुआ । उस्ताद अल्लाह रक्खा के बेटे जाकित ने अपने पिता के मार्गदर्शन में तीन साल की उम्र में तबला बजाना सीखना शुरू कर दिया। शास्त्रीय संगीत की परिवार की विरासत को आगे बढ़ाते हुए जाकिर ने महज 12 साल की उम्र में संगीत की दुनिया में कदम रखा छोटी उम्र से ही उन्होंने तबले की आवाज से जादू बिखेरना शुरू कर दिया। उन्होंने वर्ष 1973 में उनका पहला एलबम लिविंग इन द मैटेरियल वर्ल्ड आया था। 1979 से लेकर 2007 तक जाकिर हुसैन कई अंतरराष्ट्रीय समारोहों और एलबमों में अपने तबले का दम दिखाया।
उस्ताद को मिले सम्मान और पुरस्कार
जाकिर हुसैन को केवल 37 साल की उम्र में वर्ष 1988 में पद्म श्री से सम्मानित किया गया । वर्ष 2002 में संगीत के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए उन्हें पद्म भूषण का पुरस्कार दिया गया । 22 मार्च 2023 को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उन्हें पद्म विभूषण से सम्मानित किया। जाकिर हुसैन को 1992 और 2009 में संगीत का सबसे प्रतिष्ठित पुरस्कार ग्रैमी अवार्ड से सम्मानित किया गया। इस तरह से 1973 से लेकर 2007 तक एक्टिव करियर के दौरान जाकिर को कई नेशनल और इंटरनेशनल अवॉर्ड से सम्मानित किया गया था। जाकिर ने दुनिया भर में कई उपलब्धियां हासिल कीं।
फिल्मों में भी किया था अभिनय
जाकिर को बराक ओबामा ने आल-स्टार ग्लोबल कॉन्सर्ट में भाग लेने के लिए व्हाइट हाउस में आमंत्रित किया था। व्हाइट हाउस में कॉन्सर्ट में आमंत्रित किए जाने वाले वह पहले भारतीय संगीतकार हैं। जाकिर हुसैन ने फिल्मों में अभिनय भी किया है। इनमें ब्रिटिश फिल्म हीट एंड डस्ट शामिल है। उन्होंने 1998 की बॉलीवुड फिल्म साज में भी काम किया था। जाकिर हुसैन को फिल्म मुगल ए आजम में सलीम के छोटे भाई का रोल भी ऑफर हुआ था, लेकिन पिता को उस वक्त यह मंजूर नहीं था। वे चाहते थे कि उनका बेटा संगीत पर ही ध्यान दे।