अनंत सिंह के खास मास्टर को मिली नीतीश कैबिनेट में जगह, राजभवन के बाहर लगे छोटे सरकार जिंदाबाद के नारे
बिहार में महागठबंधन की सरकार बनने के बाद मंगलवार को कैबिनेट विस्तार में बाहुबली अनंत सिंह उर्फ छोटे सरकार के खास कार्तिक कुमार सिंह उर्फ मास्टर को भी जगह दी गई है। कार्तिकेय ने जैसे ही शपथ ली राजभवन के बाहर छोटे सरकार जिंदाबाद का नारा गूंजने लगा।
पटना। बिहार में महागठबंधन की सरकार बनने के बाद मंगलवार को कैबिनेट विस्तार में बाहुबली अनंत सिंह उर्फ छोटे सरकार के खास कार्तिक कुमार सिंह उर्फ मास्टर को भी जगह दी गई है। कार्तिकेय ने जैसे ही शपथ ली राजभवन के बाहर छोटे सरकार जिंदाबाद का नारा गूंजने लगा।
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कार्तिकेय सिंह बने लॉ मिनिस्टर
अनंत सिंह फिलहाल जेल में हैं। सजायाप्ता होने के कारण मोकामा एमएलए रह अनंत सिंह कि विधायकी समाप्त हो चुकी है। कैबिनेट मिनिस्टर बने कार्तिकेय सिंह को अनंत सिंह का सबसे करीबी बताया जाता है। कार्तिकेय सिंह आरजेडी से एमएलसी हैं। नीतीश कैबिनेट में उन्हें लॉ मिनिस्टर बनाया गया है। हाल ही में आरजेडी ने प्रवक्ताओं की नई लिस्ट जारी की थी। इसमें मोकामा से एक्स आरजेडी एमएलए अनंत सिंह के करीबी बंटू सिंह को जगह नहीं दी गई थी। इसके बाद यह कयास लगने लगे थे कि क्या महागठबंधन की सरकार में अनंत के करीबी को जगह मिलेगी?
जाने कौन है कार्तिकेय सिंह
कार्तिकेय सिंह आरजेडी के एमएलसीद हैं। उन्होंने विधान परिषद चुनाव में जेडीयू कैंडिडेट को हराया थी। मोकामा के रहने वाले कार्तिकेय सिंह टीचर भी रह चुके हैं। अनंत सिंह इन्हें मास्टर साहब कहकर बुलाते हैं। अनंत सिंह के जेल में रहने पर कार्तिकेय मास्टर ही मोकामा से लेकर पटना तक उनके सारे काम को देखते हैं।
मोकामा से आरजेडी के टिकट पर नीलम देवी लड़ेंगी
अनंत सिंह को सजा होने के बाद मोकामा में उपचुनाव होने हैं। एनंत सिंह की वाइफ नीलम देवी वहां से चुनाव लड़ने का ऐलान कर चुकी हैं। उन्होंने कहा था कि तेजस्वी से इस मसले पर बात हो चुकी है। वहीं कार्तिकेय सिंह ने भी नीलम देवी की जीत का दावा किया था। हाल में ही कार्तिकेय सिंह नीलम देवी के साथ मोकामा में लोगों से मिलते देखे गये थे।
कार्तिकेय सिंह के मिनिस्टर बनने से ही इस बात का अंदाजा लगाया जा सकता है कि उनका प्रभाव और उनकी अहमियत बिहार की राजनीति में किस कदर है। अनंत सिंह ने जेल में रहकर भी अपना पावर दिखाया। कार्तिक मास्टर को मिनिस्टर की कुर्सी दिलवा दी।