Bihar BJP Chief: संजय सरावगी बने बिहार बीजेपी के नये अध्यक्ष, केंद्रीय नेतृत्व ने सौंपा संगठन की कमान

Bihar BJP Chief Sanjay Saraogi: दरभंगा शहरी सीट से छह बार विधायक संजय सरावगी को केंद्रीय नेतृत्व ने बिहार भाजपा का नया प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किया। जानें उनका राजनीतिक सफर, संगठनात्मक अनुभव और बड़ी जिम्मेदारी।

Bihar BJP Chief: संजय सरावगी बने बिहार बीजेपी के नये अध्यक्ष, केंद्रीय नेतृत्व ने सौंपा संगठन की कमान
संजय सरावगी (फाइल फोटो)।
  • दरभंगा शहरी सीट से लगातार छह बार विधायक
  • छात्र जीवन से ही ABVP से जुड़े रहे
  • पिछड़ा वर्ग से लगातार चौथे प्रदेश अध्यक्ष

पटना। बिहार बीजेपी को नया प्रदेश अध्यक्ष मिल गया है। केंद्रीय नेतृत्व ने दरभंगा शहरी सीट से विधायक संजय सरावगी को बिहार भारतीय जनता पार्टी की कमान सौंपी है। पार्टी के इस फैसले को आगामी राजनीतिक चुनौतियों और संगठनात्मक मजबूती के लिहाज से अहम माना जा रहा है।

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संजय सरावगी फिलहाल दरभंगा शहरी विधानसभा क्षेत्र से विधायक हैं और संगठन व सरकार—दोनों स्तरों पर लंबे अनुभव के लिए जाने जाते हैं। वे दिलीप जायसवाल की जगह बिहार बीजेपी के नए अध्यक्ष बनाये गये हैं।

छात्र राजनीति से संगठन तक का सफर

28 अगस्त 1969 को दरभंगा में जन्मे संजय सरावगी छात्र जीवन से ही राजनीति में सक्रिय रहे हैं। उन्होंने अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) के जरिए अपने राजनीतिक सफर की शुरुआत की। वर्ष 1995 में भाजपा की सदस्यता लेने के बाद उन्हें युवा मोर्चा में अहम जिम्मेदारियां दी गयी।

नगर निगम से विधानसभा तक मजबूत पकड़

संजय सरावगी ने पहली बार दरभंगा नगर निगम के वार्ड नंबर छह से पार्षद का चुनाव जीता। इसके बाद मार्च 2005 में उन्हें भाजपा ने दरभंगा शहरी सीट से विधानसभा चुनाव में उतारा और उन्होंने अपने पहले ही चुनाव में जीत दर्ज की। इसके बाद नवंबर 2005, 2010, 2015, 2020 और 2025 में लगातार जीत हासिल कर वे छह बार विधायक बने। 2025 के विधानसभा चुनाव में उन्होंने वीआईपी प्रमुख उमेश सहनी को बड़े अंतर से हराया।

संगठन में हर पायदान पर परखे गये

भाजपा संगठन में संजय सरावगी को नगर मंडल अध्यक्ष, जिला महामंत्री, प्रदेश कार्यसमिति सदस्य, गोवंश प्रकोष्ठ संयोजक, सदस्यता प्रभारी और कई जिलों के संगठन प्रभारी जैसे दायित्व मिले। संगठन के भीतर उनकी पहचान एक जमीन से जुड़े और कार्यकर्ता-प्रिय नेता की रही है।

शिक्षा और प्रशासनिक अनुभव

संजय सरावगी के पास एमकॉम और एमबीए की डिग्री है। वे 2018 में विधानसभा की प्राक्कलन समिति के सभापति भी रह चुके हैं। इसके अलावा दो कॉलेजों के शासी निकाय अध्यक्ष और दो विश्वविद्यालयों के अभिषद सदस्य के रूप में भी उन्होंने जिम्मेदारी निभाई।

मंत्रिमंडल से प्रदेश अध्यक्ष तक

26 फरवरी 2025 को उन्हें पहली बार भूमि सुधार एवं राजस्व विभाग का मंत्री बनाया गया था। हालांकि, हालिया मंत्रिमंडल विस्तार में उन्हें जगह नहीं मिली, लेकिन अब पार्टी ने उन्हें संगठन की सबसे बड़ी जिम्मेदारी देकर बड़ा भरोसा जताया है।

पिछड़ा वर्ग से लगातार चौथे प्रदेश अध्यक्ष

संजय सरावगी बिहार भाजपा के इतिहास में पिछड़ा वर्ग से आने वाले लगातार चौथे प्रदेश अध्यक्ष हैं। इससे पहले नित्यानंद राय, संजय जायसवाल और दिलीप जायसवाल इस पद पर रह चुके हैं। पार्टी के इस फैसले को सामाजिक संतुलन और संगठनात्मक रणनीति के रूप में देखा जा रहा है।

प्रदेश अध्यक्ष बनने पर क्या बोले सरावगी

प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किए जाने पर संजय सरावगी ने कहा, “पार्टी मेरी मां समान है। जो जिम्मेदारी मुझे दी गई है, उसे पूरी ईमानदारी और निष्ठा के साथ निभाकर संगठन को और मजबूत करूंगा।”


Bihar BJP Chief: संजय सरावगी बने बिहार बीजेपी के अध्यक्ष, केंद्रीय नेतृत्व ने सौंपी बड़ी जिम्मेदारी

केंद्रीय नेतृत्व ने संजय सरावगी को बिहार बीजेपी की कमान सौंपी है। सरावगी दरभंगा शहरी सीट से विधायक हैं। 28 अगस्त 1969 को जन्मे सरावगी छात्र जीवन से अख ...और पढ़ें


संजय सरावगी बने बिहार बीजेपी के अध्यक्ष

HighLights
संजय सरावगी बने बिहार बीजेपी के अध्यक्ष

केंद्रीय नेतृत्व ने सौंपी बड़ी जिम्मेदारी

सरावगी दरभंगा शहरी सीट से हैं विधायक

 पटना। बिहार बीजेपी को नया अध्यक्ष मिल गया है। केंद्रीय नेतृत्व ने बिहार बीजेपी की कमान संजय सरावगी को सौंपी है। संजय सरावगी दरभंगा शहरी सीट से विधायक हैं।

बता दें कि 28 अगस्त 1969 को जन्म लेने वाले सरावगी छात्र जीवन से अखिल भारतीय विधार्थी परिषद से जुड़े रहे। भाजपा की सदस्यता उन्होंने 1995 में ली। इसके बाद उन्हें युवा मोर्चा में जवाबदेही मिली।
कौ न हैं बि हा र बी जेपी के नए अध्यक्ष संजय सरा वगी , दरभंगा से 6 बा र रह चुके
वि धा यक

बिहार बीजेपी मेंबड़ा बदलाव हुआ है। संजय सरावगी को भाजपा प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। अब बिहार बीजेपी की
कमान उनके हाथों मेंहोगी। वेदिलीप जायसवाल की जगह लेगें। नीतीश सरकार मेंउद्योग मंत्री जायसवाल अब अध्यक्ष का पद
छोड़ेंगे। बिहार चुनाव मेंएनडीए को मिली बड़ी जीत के बाद भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व का येबड़ा फैसला है। संजय सरावगी को
बिहार मंत्रिमंडल मेंइस बार जगह नहीं मिली थी। ऐसेमेंअब उन्हेंबड़ी जिम्मेदारी मिली है।
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संजय सरावगी भाजपा के वरिष्ठ नेताओं मेंएक है। वेदरभंगा विधानसभा सेलगातार छह बार के विधायक हैं। पहली बार वर्ष
2005 मार्चमेंविधायक बनेथे। सरावगी वैश्य समाज सेआतेहैंऔर बीजेपी मेंकई महत्वपूर्णजिम्मेदारियों को निभा चुके हैं।
मिथिला क्षेत्र मेंउनकी मजबूत पैठ मानी जाती है। संजय सरावगी का जन्म 28 अगस्त 1969 मेंदरभंगा मेंहुआ। उनके पिता का
नाम परमेश्वर सरावगी है।
शिक्षा की बात करेंतो सरावगी के पास एमबीए और एमकॉम की डिग्री है। छात्र राजनीति सेही वेभाजपा के छात्र संगठन अखिल
भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) का हिस्सा रहेहैं। सरावगी वार्ड पार्षद भी रह चुके हैं। 1995 मेंभाजपा मेंशामिल हुए। मार्चमार्च
2005, नवंबर 2005, 2010, 2015, 2020 और 2025 मेंभाजपा के टिकट पर दरभंगा सेविधायक बनतेआए हैं। अब उन्हें
भाजपा आलाकमान नेबिहार बीजेपी के अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी दी है।
बिहार भाजपा अध्यक्ष नियुक्त किए जानेपर संजय सरावगी नेकहा, कि पार्टी नेजो मुझेकाम दिया है, पार्टी मेरी मां समान हैऔर
मैंनिश्चित रूप सेईमानदारी के साथ पार्टी को मजबूत करनेके लिए काम करूंगा।

 बीजेपी से 2005 में मिला था टिकट
बता दें कि संजय सरावगी ने पहली बार दरभंगा नगर निगम के वार्ड छह से चुनाव लड़ा था और वह चुनाव जीत गए थे। इसके बाद धीरे-धीरे पार्टी में उनका कद बढ़ता चला गया।

पार्टी ने उन्हें 2005 के मार्च में विधानसभा चुनाव में दरभंगा शहरी सीट से चुनाव लड़ाया। अपने पहले ही विधानसभा चुनाव में संजय सरावगी ने जीत हासिल की।

खास बात यह है कि तब से लेकर अभी तक वह दरभंगा नगर से विधायक हैं। संजय सरावगी ने नवंबर 2010, 2015, 2020 और 2025 में लगातार जीत हासिल की। 2025 के विधानसभा चुनाव में संजय सरावगी ने उमेश सहनी को बड़े अंतर से हराया।
बिहार भाजपा के इतिहास में पिछड़े वर्ग से लगातार चौथे प्रदेश अध्यक्ष बने सरावगी, संयोग या प्रयोग?

भाजपा ने दरभंगा शहर सीट से विधायक संजय सरावगी को बिहार भाजपा का प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किया है। वह पिछड़ा वर्ग से आने वाले लगातार चौथे प्रदेश अध्यक्ष ...और पढ़ें
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दरभंगा सदर से लगातार पांच बार विधायक रहे संजय सरावगी को बिहार भाजपा की कमान सौंपी गई है। सरावगी, जो वैश्य समाज से हैं, दरभंगा शहर के निवासी हैं। छात्र ...और पढ़ें


संजय सरावगी बिहार भाजपा के अध्यक्ष नियुक्त

वे दरभंगा सदर से पांच बार विधायक रहे

सरावगी को भूमि सुधार एवं राजस्व विभाग का अनुभव

जागरण संवाददाता,  दरभंगा ।  दरभंगा सदर से लगातार पांच बार विधायक रहे, वैश्य समाज की मजबूत आवाज संजय सरावगी को बिहार भाजपा की कमान सौंपी गई है। जमीनी राजनीति से लेकर संगठन की बारीक समझ रखने वाले सरावगी का बिहार का अध्यक्ष बनना, प्रदेश की राजनीति में नए संतुलन और नए संदेश के रूप में देखा जा रहा है। 

गांधी चौक से सियासत की शुरुआत
दरभंगा शहर के गांधी चौक, बड़ा बाजार निवासी संजय सरावगी मारवाड़ी वर्ग से आते हैं, जो वैश्य समाज का हिस्सा है। जन्म 28 अगस्त 1969 को हुआ। वे परमेश्वर सरावगी के पुत्र हैं।

पढ़ाई में भी आगे, सोच में भी
संजय सरावगी ने एमकॉम और एमबीए की डिग्री हासिल की। पढ़ाई के साथ-साथ नेतृत्व की सोच छात्र जीवन से ही दिखने लगी।

छात्र राजनीति से मिली दिशा
राजनीतिक सफर की शुरुआत अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से हुई। छात्र जीवन में ही संगठन से जुड़कर नेतृत्व की बुनियाद रखी।

1995 से भाजपा से जुड़ाव, जिम्मेदारियों की लंबी कतार
1995 में भाजपा की सदस्यता ली। इसके बाद युवा मोर्चा में अहम जवाबदेही मिली और संगठन में तेजी से भरोसा बढ़ता गया।

संगठन के हर पायदान पर परखा गया नेतृत्व

नगर मंडल अध्यक्ष, जिला महामंत्री, प्रदेश गोवंश प्रकोष्ठ संयोजक, प्रदेश कार्यसमिति सदस्य, कई जिलों में संगठन प्रभारी और सदस्यता प्रभारी—लगभग हर स्तर पर संगठन को साधा।

नगर निगम से विधानसभा तक का सफर
पहली दरभंगा नगर निगम के वार्ड छह से चुनाव लड़ा और जीत हासिल की। यहीं से विधानसभा की राह खुली।

2005 से विधानसभा में एंट्री, जीत की हैट्रिक से सिलसिला शुरू

मार्च 2005 में दरभंगा नगर से भाजपा का टिकट मिला और जीत दर्ज की। उसी साल नवंबर में फिर सफलता मिली।

हर चुनाव में भरोसे की मुहर
नवंबर 2010, 2015, 2020 और 2025—हर चुनाव में जनता ने भरोसा जताया। लगातार छह बार विधायक बनकर रिकॉर्ड कायम किया।

विधानसभा में भी अहम जिम्मेदारी
2018 में प्राक्कलन समिति के सभापति बने। इसके साथ ही दो कॉलेजों के शासी निकाय अध्यक्ष और दो विश्वविद्यालयों में अभिषद सदस्य रहे।

मंत्रिमंडल से प्रदेश अध्यक्ष तक
26 फरवरी 2025 को पहली बार भूमि सुधार एवं राजस्व विभाग का मंत्री बनाया गया। अब संगठन ने एक और बड़ी जिम्मेदारी दी—प्रदेश भाजपा अध्यक्ष की कमान।

बिहार भाजपा के इतिहास में पिछड़े वर्ग से लगातार चौथे प्रदेश अध्यक्ष बने सरावगी

 पटना। बिहार में भाजपा ने एक बार फिर सामाजिक संतुलन एवं संगठनात्मक रणनीति को साधते हुए पिछड़ा वर्ग से आने वाले दरभंगा शहर सीट के विधायक एवं पूर्व मंत्री संजय सरावगी को प्रदेश अध्यक्ष (Bihar BJP New President Sanjay Saraogi) की कमान सौंपी है। इसके साथ ही भाजपा ने स्पष्ट कर दिया है कि पार्टी की राजनीति में पिछड़ा वर्ग केवल वोट बैंक नहीं, बल्कि नेतृत्व की धुरी भी है।

56 वर्षीय सरावगी पिछड़ा वर्ग से आने वाले भाजपा के लगातार चौथे प्रदेश अध्यक्ष हैं, जो अपने आप में एक बड़ा राजनीतिक संदेश है। यादव समाज के नित्यानंद राय, कलवाड़ समाज के संजय जायसवाल एवं दिलीप जायसवाल के उपरांत अब वैश्य माड़वारी समाज के संजय बिहार भाजपा की बागडोर संभालेंगे।


सरावगी पास संगठन एवं सरकार दोनों का है अनुभव होने के साथ ही छठी बार दरभंगा शहर सीट से विधायक चुने गए हैं।

भाजपा लंबे समय से बिहार की राजनीति में सामाजिक समीकरणों को साधने की रणनीति पर काम करती रही है। खासकर मंडल राजनीति के दौर में पिछड़ा वर्ग का प्रभाव बढ़ने के बाद पार्टी ने संगठन और सरकार दोनों स्तरों पर इस वर्ग को प्रतिनिधित्व देने पर जोर दिया है।

सरावगी की नियुक्ति इसी रणनीति की अगली कड़ी मानी जा रही है। इससे पहले भी भाजपा ने प्रदेश नेतृत्व में पिछड़ा वर्ग के नेताओं को आगे बढ़ाकर यह दिखाया है कि पार्टी सामाजिक न्याय और समावेशी राजनीति के सिद्धांत पर चल रही है।

संजय सरावगी की पहचान एक संगठननिष्ठ और जमीन से जुड़े नेता की रही है। पार्टी संगठन में उन्होंने विभिन्न दायित्वों का निर्वहन किया है और कार्यकर्ताओं के बीच उनकी स्वीकार्यता मजबूत मानी जाती है।

पिछड़ा वर्ग से आने के बावजूद उनकी छवि केवल जातिगत नेता की नहीं, बल्कि एक संतुलित और सभी वर्गों को साथ लेकर चलने वाले नेतृत्व की रही है। यही वजह है कि पार्टी नेतृत्व ने उन पर भरोसा जताया।

राजनीतिक जानकारों का मानना है कि सरावगी की ताजपोशी से भाजपा को कई स्तरों पर लाभ मिल सकता है। एक ओर इससे पिछड़ा वर्ग में यह संदेश जाएगा कि भाजपा उनके नेतृत्व को लगातार आगे बढ़ा रही है, वहीं, दूसरी ओर संगठन में स्थिरता और निरंतरता बनी रहेगी।

भाजपा की यह रणनीति विपक्ष की उस राजनीति को भी चुनौती देती है, जिसमें पिछड़ा वर्ग को परंपरागत रूप से अपने पाले में माना जाता रहा है। लगातार चौथे अध्यक्ष को इसी वर्ग से बनाकर भाजपा ने यह संकेत दिया है कि पिछड़ों की राजनीति पर उसका दावा कमजोर नहीं, बल्कि मजबूत हो रहा है।

पार्टी नेतृत्व का मानना है कि विकास, सुशासन एवं संगठनात्मक मजबूती के साथ जब सामाजिक प्रतिनिधित्व जुड़ता है, तो उसका असर व्यापक होता है।

सरावगी के सामने अब संगठन को और अधिक मजबूत करने, बूथ स्तर तक कार्यकर्ताओं को सक्रिय करने और विभिन्न सामाजिक समूहों को साथ लेकर चलने की बड़ी जिम्मेदारी होगी।

संजय सरावगी को पिछड़ा वर्ग से लगातार चौथा प्रदेश अध्यक्ष बनाकर भाजपा ने साफ कर दिया है कि उसकी राजनीति केवल सत्ता केंद्रित नहीं, बल्कि सामाजिक संतुलन और दीर्घकालिक रणनीति पर आधारित है।

संयोग या प्रयोग
भाजपा के शीर्ष नेतृत्व ने राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री पद पर रहते हुए दिलीप जायसवाल को प्रदेश अध्यक्ष बनाया था। इसके साथ उपरांत संजय सरावगी को राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री का दायित्व दिया गया था। अब पार्टी ने पूर्व राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री को प्रदेश अध्यक्ष बना दिया है।