बिहार: भागलपुर ब्लास्ट केस: कंटेनर से होती थी बारूद की सप्लाई, पुलिस रिमांड में मास्टरमाइंड आजाद ने खोला राज
भागलपुर काजवली चक में हुए विस्फोट कांड का मास्टरमाइंड मुहम्मद आजाद पुलिस पूछताछ में कई अहम राज खोला है। पुलिस की तीन दिनों की रिमांड पर पूछताछ एसएसपी बाबूराम की की सख्ती के बाद बुधवार की देर रात पूछताछ में बारूद-पटाखा-विस्फोटक पदार्थों के गैरकानूनी धंधे में अपनी संलिप्तता कबूल कर ली। विस्फोट के पीछे की अहम जानकारियां दी। उसने पुलिस को बताया है कि कंटेनर से बारूद की सप्लाई होती थी।
भागलपुर। भागलपुर काजवली चक में हुए विस्फोट कांड का मास्टरमाइंड मुहम्मद आजाद पुलिस पूछताछ में कई अहम राज खोला है। पुलिस की तीन दिनों की रिमांड पर पूछताछ एसएसपी बाबूराम की की सख्ती के बाद बुधवार की देर रात पूछताछ में बारूद-पटाखा-विस्फोटक पदार्थों के गैरकानूनी धंधे में अपनी संलिप्तता कबूल कर ली। विस्फोट के पीछे की अहम जानकारियां दी है। उसने पुलिस को बताया है कि कंटेनर से बारूद की सप्लाई होती थी।
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लीलावती और उसके कुनबे में लगा रखी थी मोटी पूंजी
बताया जा रहा है कि पुलिस पूछताछ में आजाद ने यह स्वीकार की है कि उसके घर में अमोनियम नाइट्रेट, बारूद, सल्फर आदि का स्टॉक किया हुआ था। पटाखा के अवैध निर्माण और विस्फोटक पदार्थों के गैरकानूनी धंधे की उसे वर्षों से जानकारी थी। उसने लीलावती और उसके कुनबे में मोटी पूंजी लगा रखी थी। पटना रेफर किये गए जख्मी नवीन मंडल उर्फ नवीन आतिशबाज ने पहले ही पूछताछ में पुलिस को आजाद की संलिप्तता की ठोस जानकारी दे रखी थी। इस आधार पर आजाद से पूछताछ में सख्ती दिखा उसकी विस्फोट में संलिप्तता के एवीडेंस जुटाना शुरू कर दिया है। इसमें पुलिस को पूर्व में टेक्नीकल जांच में एवीडेंस मिले थे। रिमांड बाद विस्फोटकों की बरामदी ने एवीडेंस को और ठोस बना दिया है। आजाद से पुलिस पूछताछ में बताया है कि उसके घर मे अमोनियम नाइट्रेट समेत अन्य विस्फोटक पदार्थ कहां-कहां से लाये जाते थे। आजाद ने धंधे में इन्वेस्टमेंट,इसके नेटवर्क में शामिल बिहार-झारखं और पश्चिम बंगाल के सदस्यों की भी जानकारी दी है।
हुसैनाबाद, बबरगंज, मोजाहिदपुर और कजरैली से बारूद समेत अन्य निर्माण सामग्री बरामद
आजाद पहले दिन रिमांड पर पुलिस अफसरों की पूछताछ में खुद की संलिप्तता कबूल नहीं करते हुए इधर-उधर घुमाता रहा। उसकी कमजोर नसों के बारे में एसएसपी बाबूराम ने जख्मी नवीन मंडल उर्फ नवीन आतिशबाज ने पूछताछ में जानकारी ले रखी थी।आजाद के काजवलीचक स्थित घर में तीन मार्च की रात पटाखा बनाते समय विस्फोट हुआ था। नवीन आतीशबाज से मिली जानकारी के आधार पर पुलिस टीम ने गुरुवार को भी रेड कर हुसैनाबाद, बबरगंज, मोजाहिदपुर और कजरैली से बारूद समेत अन्य निर्माण सामग्री बरामद की है। पुलिस ने बुधवार को एक ट्रांसपोर्ट कंपनी के गोदाम से एक बोरी विस्फोटक सामग्री की बरामदगी की थी। इस बरामदगी में विस्फोट में म री आरती के पति संतोष यादव से मिले सुराग से सम्भव हो सका है। सन्तोष लीलावती के कुनबे से आजाद की नजदीकी का पुरजोर विरोध करता था।लेकिन उसकी पत्नी आरती और सास उसकी बातों और विरोध की परवाह न करके आजाद से नजदीकी बनाये हुए थी। कोतवाली पुलिस स्टेशन एरिया के उल्टा पल के नीचे दुकान चलाने वाले आशीष कुमार की गिरफ्तारी और ट्रांसपोर्ट कम्पनी के गोदाम से विस्फोटक की बरामदगी बाद उसे पुलिस अरेस्ट कर ली। पुलिस उसकी निशानदेही पर कई जगहों पर रेड की। पुलिस दर्जन भर लोगों को कस्टडी में लेकर पूछताछ कर रही है।
आशीष निकला बारूद सप्लायर
पुलिस गिरफ्त में आया आशीष कुमार मोजाहिदपुर एरिया का रहने वाला है। आशीष ने पुलिस पूछताछ में अहम जानकारी दी है। एसएसपी के अनुसार बारूद सप्लाई में इसकी अहम भागीदारी रही है। नवीन ने अपने स्वीकारोक्ति बयान में इसकी संलिप्तता कनूल की थी। आशीष गुप्ता ने अपनी संलिप्तता कबूल कर लिया है।उसकी निशानदेही पर उसके हुसैनाबाद-अलीगंज रोड स्थित घर पुलिस ने छापेमारी कर भारी मात्रा में बारूद बरामद किया है। पुलिस के पूछताछ में आशीष ने बताया कि बारूद से भरा एक कंटेनर भागलपुर आने वाला है। आजाद ने भी बारूद तस्करी की बात कबूल की है। आशीष ने जानकारी दी है कि कि समय नहीं रहने की वजह से उसे अभी भागलपुर नहीं ला सका था। पुलिस आने वाले इस कंटेनर की बरामदगी को लेकर और जानकारी जुटा ली है कि माल कहां और किसके पास से लाया जाता है।
26 मोबाइल नंबरों से हो रहा था बारुद का खेल
काजवलीचक विस्फोट के तह तक पहुंचने के लिए पुलिस टीम तकनीकी जांच कर है। एसएसपी बाबूराम के निर्देश पर डिस्ट्रिक्ट इंफारमेशन युनिट को टेक्नीकल जांच में लगाया गया है। लीलावती और उसके कुनबे का जमीन-मकान मालिक आजाद से रिश्ते, विस्फोटकों के धंधे में उसकी संलिप्तता और विस्फोटक पदार्थों की तस्करी के तगड़े नेटवर्क को खंगालने के लिए अबतक 26 मोबाइल नंबरों को जांच के दायरे में रखा गया है। इन नंबरों की डिटेल में पुलिस कई चौंकाने वाली जानकारियां हासिल करने में सफल हुई है। टेक्नीकल जांच में कई ऐसे एवीडेंस पुलिस को मिले जिसके बाद आजाद पुलिस की जांच को गलत दिशा देने में सफल नहीं सका। प्रारंभ में तो वह जांच टीम के किसी सवाल का सही जवाब देने की बजाय इधर-उधर भटकाता रहा। उसके समक्ष जब एवीडेंस प्रस्तुत किये तब उसने जानकारियां देनी शुरू कर दीं।