बिहार: साइबर ठगों का गैंग लीडर निकला जेई मेंस क्वालीफाई स्टूडेंट, 33 लाख कैश, हीरे की चेन और अंगूठियां बरामद
तेलंगाना पुलिस की मदद से पटना पुलिस ने रविवार को साइबर ठगों के एक गैंग का खुलासा किया है। इस गैंग का लीडर जेई मेंस क्वालीफाई आकाश कुमार है। पुलिस ने आकाश के पास से 33 लाख कैश, हीरे की चेन और तीन अंगूठियां बरामद की हैं।
पटना। तेलंगाना पुलिस की मदद से पटना पुलिस ने रविवार को साइबर ठगों के एक गैंग का खुलासा किया है। इस गैंग का लीडर जेई मेंस क्वालीफाई आकाश कुमार है। पुलिस ने आकाश के पास से 33 लाख कैश, हीरे की चेन और तीन अंगूठियां बरामद की हैं।
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आकाश का गैंग एक साल में 25 करोड़ रुपयों की ठगी कर लेता है। इस गैंग के मेबर ठगी की रकम को जमीन में निवेश करते हैं। इसके बाद जो रुपये बचते हैं, उससे ऐशो-आराम की जिंदगी जीते हैं। गैंग अब तक बिहार के अलावा उत्तर प्रदेश, झारखंड, आंध्र प्रदेश, राजस्थान, दिल्ली, पंजाब समेत कई स्टेट के बिजनसमैन को चुना लगा चुका है। पत्रकार नगर थानाध्यक्ष मनोरंजन भारती ने बताया कि गैंग के अन्य सदस्यों की तलाश की जा रही है।
लोकेशन के आधार पर पहुंची तेलंगाना पुलिस
बताया जाता है कि कार की डीलरशीप दिलाने के नाम पर तेलंगाना के साइबराबाद निवासी बिजनसमैन चिलुका विजय कुमार से आकाश ने 29 लाख रुपये की साइबर ठगी की थी। मामला दर्ज तेलंगाना पुलिस ने आकाश का मोबाइल नंबर पता किया। उसकी टावर लोकेशन के आधार पर पत्रकार पुलिस स्टेशन पुलिस के साथ हनुमान नगर के सेक्टर पूर्वी स्थित एक मकान में छानबीन के बाद आकाश को दबोच लिया गया। मूलरूप से नालंदा के कतरीसराय स्थित गंगापुर गांव का निवासी यहां वह एक साल से किराये पर फ्लैट लेकर रह रहा था। पुलिस ने आकाश के कमरे से पांच मोबाइल भी जब्त किये हैं।
वेबसाइट से साइबर गैंग के संपर्क में आया
पुलिस पूछताछ में आरोपित ने बताया कि इंजीनियरिंग कालेज में एडमिशन नहीं होने के कारण वह पिछले साल विभिन्न वेबसाइट के माध्यम से नौकरी तलाश रहा था। इसके बाद वह साइबर ठग गैंग के संपर्क में आया। गैंग में कई और शातिर शामिल हैं, जो डीलरशिप, एजेंसी और फ्रेंचाइजी दिलाने का झांसा देकर ठगी करते हैं। रजिस्ट्रेशन, एनओसी और लाइसेंस मुहैया कराने के नाम पर भी बड़े बिजनसमैन से मोटी रकम ऐंठ लेते थे। शातिर दिमाग के कारण आकाश बिहार का लोकलसरगना बन गया। आकाश के अकाउंट में हर महीने दो करोड़ रुपये जमा होते हैं।
अच्छी रैंक नहीं होने के कारण मिला प्राइवेट कालेज
आकाश ने बताया कि उसे बचपन से ही इंजीनियर बनने का शौक था। उसने जेई मेंस क्वालीफाई करने के लिए पूरी ताकत झोंक दी थी, लेकिन अच्छा रैंक नहीं ला सका। यही कारण था कि उसे गवर्नमेंट कालेज में एडमिशन नहीं मिल पाया। उसके पिता किसान हैं, जो प्राइवेट कालेज की फीस के लिए रुपये नहीं जुगाड़ सके। नौकरी भी नहीं लगी तो उसने ठग गैंग का प्रोपोजल स्वीकार लिया। वह अब तक तीन दर्जन से अधिक लोगों को ठग चुका है।