बिहार: पटना में IG विकास वैभव की पिस्टल गायब, पुलिस कस्टडी में होमगार्ड जवान के बेटा
आईजी होमगार्ड विकास वैभव के पटना पुलिस कॉलोनी स्थित निजी आवास से सरकारी 9 एमएम की पिस्टल चोरी हो गया है। आईजी की पिस्टल चोरी से पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया है। घर की सफाई करने वाले होमगार्ड जवान के बेटे पर चोरी कीआशंका जाहिर की गई है। गर्दनीबाग पुलिस स्टेशन की पुलिस होमगार्ड जवान के बेटे को कस्टडी में लेकर पूछताछ कर रही है।
- पुलिस स्टेशन में युवक को पड़े मिर्गी के दौरे
पटना। आईजी होमगार्ड विकास वैभव के पटना पुलिस कॉलोनी स्थित निजी आवास से सरकारी 9 एमएम की पिस्टल चोरी हो गया है। आईजी की पिस्टल चोरी से पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया है। घर की सफाई करने वाले होमगार्ड जवान के बेटे पर चोरी कीआशंका जाहिर की गई है। गर्दनीबाग पुलिस स्टेशन की पुलिस होमगार्ड जवान के बेटे को कस्टडी में लेकर पूछताछ कर रही है।
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बताया जाता है कि आइजी विकास वैभव के घर में सफाई का कार्य करने के लिए होमगार्ड जवान वीरेंद्र राम ने अपने बेटे सुधांशु को भेजा था। वीरेंद्र राम का पिछले दिनों आपरेशन हुआ था, इस कारण उसका बेटा ही सफाई का कार्य करता था। बेड रूम के बगल वाले रूम में टेबल के दराज से पिस्टल गायब था।
विकास वैभव को पुलिस मुख्यालस की तरफ से 9 MM का ग्लॉक पिस्टल आवंटित किया गया था।आइजी के आवास से गुरुवार को लाइसेंसी पिस्टल गायब हो गई। काफी छानबीन के बाद भी वह नहीं मिली। इस दौरान सुधांशु के चाल-चलन पर आइजी को शक हुआ। उन्होंबने उससे पूछताछ की लेकिन वह स्पीष्ट नहीं बता रहा था। लेकिन उसकी भाव भंलगिमा संदिग्ध थी। तब आइजी ने उसे पकड़ कर गर्दनीबाग पुलिस को सूचना दी।
आईजी सूचना पर पहुंची पुलिस ने सुधांशु को कस्टडी में ले लिया। सुधांशु के बारे में बताया जाता है कि वह मानसिक रूप से कमजोर है। उसे मिर्गी के दौरे आते हैं। पुलिस स्टेशन में ही उसे कई दौरे पड़ गये। पुलिस आइजी के आवास में लगे सीसीटीवी कैमरे को खंगाली है। मामले को लेकर गर्दनीबाग पुलिस स्टेशन में एफआइआर दर्ज की गई है। चोरी गयी पिस्टल 9 एमएम का है। 25 कारतूस की भी चोरी हुई है।
'ग्लॉक पिस्टल' की खासियत कर देगी दंग
बिहार के चर्चित आइपीएस अफसर सह होमगार्ड आईजी विकास वैभव का जो पिस्टल गायब हुआ है वो कोई आम आर्म्स नहीं बल्कि बेहद विशेष और असरदार 9MM 'ग्लॉक पिस्टल है। ऑस्ट्रियन कंपनी ग्लॉक जेस. एम.बी के द्वारा इस पिस्टल को तैयार किया जाता है। इसे बेहद भरोसेमंद आर्म्स माना जाता है। इंडिया में स्पेशल फोर्सेस, पैरा कमांडो, IPS, एनएसजी वगैरह को यह हथियार उपयोग के लिए दिया जाता है। इसमें छह से लेकर 33 राउंड तक मैगजीन का उपयोग हो सकता है। इंडिया में इस आर्म्स में 17 राउंड वाली मैगजीन का उपयोग किया जाता है। इसके मैगजीन में एक साथ 17 गोलियां आती हैं।
ग्लॉक पिस्टल की खासियत
ग्लॉक पिस्टल से साधा निशाना अचूक होता है। गोली 1230 फीट प्रति सेकेंड की स्पीड से चलकर शिकार बनाती है। इसकी रेंज भी 50 मीटर है। इसमें 9mm की कोई भी गोली लग जाती है। पॉलीमर से बनी यह पिस्टल बेहद हल्की होती है। गर्म वातावरण में भी आसानी से इसे हैंडल किया जा सकता है।यह एक सेमी ऑटोमेटिक पिस्टल है।
80 के दशक में मचाई धूम
ग्लॉक ने जब इस पिस्टल को तैयार किया था तो अस्सी के दशक में आस्ट्रिया की आर्मी इसका इस्तेमाल करके बेहद खुश थी। वहीं देखते ही देखते विश्व भर में इस आर्म्स की डिमांड बढ़ती गयी। इंडिया में इसका उपयोग आम तौर पर नहीं होता है। ये बैन है। समय के साथ-साथ ग्लॉक ने टेक्नोलॉजी के हिसाब से इसमें और खूबियां बढ़ाई। लेजर, स्कोप, फ्लैशलाइट से लैस अब ये ग्लॉक आर्म्स आने लगे हैं।