बिहार: नीतीश कैबिनेट विस्तार में JDU के उपेंद्र कुशवाहा का पत्ता कटा, नाराज होकर दिल्ली गये!
बिहार में नीतीश कैबिनेट का मंगलवार (16 अगस्त) को विस्तार किया जायेगा। महागठबंधन ने संभावित मंत्रियों के नाम लगभग तय कर लिये गये हैं। इस बीच चर्चा है कि जेडीयू संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा का नाम मंत्रियों की लिस्ट से काट दिया गया है। हालांकि इस बारे में अभी तक जेडीयू की ओर से कोई ऑफिसियल बयान जारी नहीं किया गया है। अंतिम मौके पर बड़ा फेरबदल भी हो सकता है।
पटना। बिहार में नीतीश कैबिनेट का मंगलवार (16 अगस्त) को विस्तार किया जायेगा। महागठबंधन ने संभावित मंत्रियों के नाम लगभग तय कर लिये गये हैं। इस बीच चर्चा है कि जेडीयू संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा का नाम मंत्रियों की लिस्ट से काट दिया गया है। हालांकि इस बारे में अभी तक जेडीयू की ओर से कोई ऑफिसियल बयान जारी नहीं किया गया है। अंतिम मौके पर बड़ा फेरबदल भी हो सकता है।
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कहा तो यह भी जा रहा है कि उपेंद्र कुशवाहा पटना से बाहर चले गये हैं। माना जा रहा है कि वो दिल्ली गये हैं। दिल्ली से 19 अगस्त को वापस पटना आयेंगे। हालांकि उपेंद्र कुशवाहा ने ऐसी खबरों को गलत बताया है। कुशवाहा ने कहा है कि ऐसी कोई बात नहीं है। उन्होंने कहा कि मैं जेडीयू में जहां हूं, संतुष्ट हूं। कुशवाहा से जब यह सवाल किया गया कि आपको मंत्री पद की इच्छा है? तो उन्होंने साफ तौर पर कहा कि मुझे न तो कोई इच्छा है और न मैं चाहता हूं कि मुझे कोई पद दिया जाए।
राजनीतिक पंडितों का कहना है कि नई सरकार के गठन या फिर लालू यादव और नीतीश कुमार को करीब लाने में उपेंद्र कुशवाहा का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। चौबीस घंटे पहले तक यह तय माना जा रहा था कि नई सरकार में जेडीयू कोटे से उपेंद्र कुशवाहा मिनिस्टर बनेंगे। अब सवाल यह उठने लगा है कि आखिर उपेंद्र कुशवाहा को मंत्री क्यों नहीं बनाया जा रहा है? सभी जानते हैं कि उपेंद्र कुशवाहा और एक्स मिनिस्टर आरसीपी सिंह के बीच कभी नहीं बनी। इसके बाद भी यदि उपेंद्र कुशवाहा नई सरकार में मंत्री नहीं बन रहे हैं तो यह सोचने वाली बात होगी। राजनीति में कोई भी भविष्यवाणी करना गलत होता है और अंतिम समय में कुछ भी हो सकता है। अब तो यह 16 अगस्त को भी फाइनल होगी कि उपेंद्र कुशवाहा मंत्री बनेंगे या नहीं।
जेडीयू के कुशवाहा नेताओं ने उपेंद्र का किया विरोध
बताया जाता है कि 12 अगस्त की रात को राजधानी पटना के मौर्या होटल में कुशवाहा नेताओं की एक बैठक हुई। इस बैठक में जेडीयू में शामिल कई कुशवाहा जाति के एमएलए और एमपी के साथ कई लीडर नेता मौजूद थे। इस बैठक में जेडीयू के प्रदेश अध्यक्ष उमेश सिंह कुशवाहा भी शामिल हुए थे। इस बैठक में तय किया गया कि कुशवाहा समाज से जिन्हें भी मिनिस्टर बनाना हो, नीतीश कुमार बना सकते हैं, लेकिन उपेंद्र कुशवाहा को नहीं। अब सवाल उठता है कि इन नेताओं की उपेंद्र कुशवाहा से इतनी नाराजगी क्यों है? जेडीयू में एक गुट दल के उपेन्द्र कुशवाहा के खिलाफ मैदान में उतर गया है। नीतीश कुमार भले ही आरसीपी सिंह को बेदखल कर दिये हों लेकिन अब भी पार्टी के भीतर ही भीतर आग सुलग रही है। माना जा रहा है कि उपेंद्र कुशवाहा को लेकर कुशवाहा नेताओं में भारी नाराजगी है। जेडीयू के अंदर कुशवाहा समाज के नेताओं की उपेंद्र कुशवाहा के खिलाफ एकजुटता की वजह से नीतीश कुमार ने उन्हें मंत्री नहीं बनाने का निर्णय लिया है।
अपने खिलाफ समाज के ही नेताओं की गोलबंदी की भनक उपेंद्र कुशवाहा को भी
बताया जाता है कि अपने खिलाफ समाज के ही नेताओं की गोलबंदी की भनक उपेंद्र कुशवाहा को भी लग गई। जेडीयू के अंदर कुशवाहा समाज के नेता उपेंद्र कुशवाहा के बढ़ते कद से चिंतित हैं और इसीलिये पार्टी के नेता एक साथ आकर उपेंद्र कुशवाहा का रास्ता रोकने की तैयारी में हैं। ऐसे में नीतीश कुमार उन्हें कैबिनेट में शामिल नहीं करा रहे हैं। इस वजह से उपेंद्र कुशवाहा नाराज हैं। सीएम नीतीश कुमार ने उन्हें संगठन में ही काम करने को कहा है। उपेंद्र कुशवाहा काफी दिनों से इस आस में थे कि उन्हें सरकार में शामिल किया जायेगा। जेडीयू में अपनी पार्टी राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (रालोसपा) के विलय के बाद नीतीश कुमार ने उन्हें संसदीय बोर्ड का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया था। इसके बाद एमएलसी भी बनाया। तभी से यह चर्चा थी कि उपेंद्र कुशवाहा को नीतीश कैबिनेट में शामिल कराया जायेगा।