बिहार-झारखंड का इनामी नक्सली पिंटू राणा व करुणा को जमई पुलिस ने किया अरेस्ट, एके 47और SLR बरामद

बिहार में जमई पुलिस ने प्रतिबंदिथ नक्सली संगठन भाकपा माओवादी बिहार-झारखंड सीमांचल जोन के दो बड़े इनामी नक्सली करुणा व पिंटू राणा को अरेस्ट किया है। पिंटू राणा पर बिहार व झारखंड में 72 व करुणा दी पर 33 मामले दर्ज हैं। दोनों नक्सलियों के पास से एक एके 47, एक एसएलआर सहित कारतूस भी बरामद किया है। 

बिहार-झारखंड का इनामी नक्सली पिंटू राणा व करुणा को जमई पुलिस ने किया अरेस्ट, एके 47और  SLR बरामद

पटना। बिहार में जमई पुलिस ने प्रतिबंदिथ नक्सली संगठन भाकपा माओवादी बिहार-झारखंड सीमांचल जोन के दो बड़े इनामी नक्सली करुणा व पिंटू राणा को अरेस्ट किया है। पिंटू राणा पर बिहार व झारखंड में 72 व करुणा दी पर 33 मामले दर्ज हैं। दोनों नक्सलियों के पास से एक एके 47, एक एसएलआर सहित कारतूस भी बरामद किया है। 

यह भी पढ़ें:झारखंड: अरूप चटर्जी के खिलाफ एक और मामले में प्रोडक्शन वारंट, वीसी से होगी बंगाल के कोर्ट में पेशी

जमुई एसपी डॉ शौर्य सुमन ने प्रेस कांफ्रेस में यह जानकारी दी।  उन्होंने बताया कि पुलिस ने 25 लाख के इनामी नक्सली करुणा दी और 15 लाख के इनामी नक्सली पिंटू राणा को अरेस्ट किया है। एसपी ने बताया कि सूचना मिली थी कि गिद्धेश्वर पहाड़ी के खैरा पुलिस स्टेशन एरिया पहाड़ी और जंगली क्षेत्र में प्रतिबंधित नक्सली संगठन सीपीआइ माओवादी का हार्डकोर सदस्य पिंटू राणा आधुनिक हथियारों से लैस होकर किसी गंभीर घटना को अंजाम देने के उद्देश्य से आया हुआ है। इसी सूचना पर एसपी ऑपरेशन के नेतृत्व में एक स्पेशल टीम का गठन कर कार्रवाई के लिए दिशा निर्देश दिया गया।  
पुलिस टीम के द्वारा के गिद्धेश्वर पहाड़ी एवं जंगली क्षेत्र में सर्च ऑपरेशन चलाया गया। इस दौरान नक्सली संगठन के स्पेशल एरिया कमेटी मेंबर तथा 25 लाख की इनामी करुणा दी और जोनल कमांडर तथा झारखंड में 15 लाख एवं बिहार में 50 हजार का इनामी पिंटू राणा को पकड़ा गया।  उन्होंने बताया कि गिरफ्तार माओवादी के पास से छुपा कर रखा गया एक एके-47 एक एसएलआर, एके-47 की दो मैगजीन, एसएलआर की एक मैगजीन, एके-47 की 159 राउंड जिंदा कारतूस तथा एसएलआर का 88 राउंड जिंदा कारतूस बरामद किया गया है।
एसपु बताया कि बीते दिनों खैरा पुलिस स्टेशन में एनकाउंटर में सुरक्षा बलों ने पिंटू राणा दस्ते के सक्रिय हार्डकोर नक्सली मतलू तुरी को मार गिराया था। इसके बाद से नक्सल संगठन पूरी तरह से बैकफुट पर आ गया था। मतलु तूरी के मारे जाने के बाद शीर्ष नेतृत्व एवं अन्य हथियारबंद दस्ता दहशत में था। सभी गिद्धेश्वर पहाड़ी क्षेत्र से भागने की फिराक में थे।