Bihar : मनीष वर्मा को नीतीश कुमार ने दी बड़ी जिम्मेदारी, बनाया JDU का राष्ट्रीय महासचिव
बिहार के सीएम और जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार ने मनीष कुमार वर्मा को पार्टी का नया राष्ट्रीय महासचिव मनोनीत किया है। पहले से यह चर्चा थी कि नीतीश कुमार उन्हें जेडीयू में बड़ी जिम्मेवारी देंगे। दो दिन पहले ही मनीष वर्मा विधिवत रूप से जदयू की प्राथमिक सदस्यता ग्रहण की थी।
पटना। बिहार के सीएम और जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार ने मनीष कुमार वर्मा को पार्टी का नया राष्ट्रीय महासचिव मनोनीत किया है। पहले से यह चर्चा थी कि नीतीश कुमार उन्हें जेडीयू में बड़ी जिम्मेवारी देंगे। दो दिन पहले ही मनीष वर्मा विधिवत रूप से जदयू की प्राथमिक सदस्यता ग्रहण की थी।
यह भी पढ़ें:Bihar: प्रशांत किशोर की पार्टी की लॉन्चिंग डेट दो अक्तूबर तय
2000 बैच के उड़ीसा कैडर के आईएएस अफसर रह चुके मनीष वर्मा वीआरएस लेकर नौकरी छोड़ दी। सीएम नीतीश कुमार के अतिरिक्त परामर्शी रहे मनीष वर्मा को लेकर लोकसभा चुनाव से पहले ही यह चर्चा थी कि वो सक्रिय राजनीति में आयेंगे। उनके नालंदा से चुनाव लड़ाने की भी चर्चा थी। पिछले दिनों राष्ट्रीय कार्यकारिणी की दिल्ली में हुई बैठक में भी उनके नाम की चर्चा थी।
कौन हैं मनीष वर्मा
2000 बैच के उड़ीसा कैडर के आईएएस अफसर रहे मनीष कुमार वर्मा मूल रूप से नालंदा के रहने वाले हैं। सीएम नीतीश कुमार की जाति से आने के साथ-साथ उनके करीबी रिश्तेदार भी बताये जाते हैं। मनीष कुमार वर्मा 2000 में ओडिशा कैडर के आईएएस अधिकारी बने और सबसे पहले वह ओडिशा के कालाहांडी में सब कलेक्टर बनाये गये थे। इसके बाद वह गुनपुर, रायगढ़ में एसडीएम के पद पर रहे.
सीएम नीतीश के सचिव के रूप में कर चुके हैं काम
मनीष कुमार वर्मा को नौकरी के पांच साल बाद पहली बार मलकानगिरी जिले का डीएम बनाया गया था। 2012 तक वह ओडिशा में कई जिलों के डीएम रहे, लेकिन 2012 के बाद ओडिशा को छोड़कर इंटरस्टेट डेपुटेशन में पांच साल के लिए बिहार आ गये।बिहार में पांच साल रहने के दौरान पटना का भी DM बनाया गया। मनीष कुमार वर्मा 2014 में पटना के डीएम रह चुके हैं। इसके बाद उन्हें पूर्णिया का भी डीएम बनाया गया था।सीएम के सचिव के रूप में भी काम करने का मौका दिया गया।
पटना और पूर्णिया के रह चुके हैं डीएम
मनीष कुमार वर्मा 23 मार्च 2018 को पांच साल पूरा हुआ तो भारत सरकार की मंत्रिमंडलीय नियुक्ति समिति की ओर से पत्र जारी किया गया। इन्हें वापस ओडिशा भेजा जाने लगा तो मनीष कुमार वर्मा ने इनकार कर दिया। बिहार में तेज-तर्राफ अफसर के रूप में पहचान बनाने वाले मनीष वर्मा ने 2018 में वीआरएस ले ली थी। उनके रिटायरमेंट लेने के बाद से ही उनकी राजनीति में एंट्री की चर्चा होने लगी थी। वीआरएस लेने के बाद नीतीश कुमार ने उन्हें बिहार राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण का सदस्य बनाया था। वह सीएम के आधारभूत संरचना सलाहकार भी बने।