बिहार: अब पुलिस पेट्रोलिंग की भी होगी अब जीपीएस से मानीटरिंग
बिहार के किसी भी जिले में क्राइम होने के बाद यह देखा जाएगा कि पुलिस पेट्रोलिंग कितनी देर बाद घटनास्थल पर पहुंची। इसके लिए जीपीएस युक्त गश्ती वाहनों की ट्रैकिंग की जायेगी। पेट्रोलिंग में लापरवाही करने वाले पुलिस अफसरों व पुलिसकर्मियों को सजा के साथ-साथ ट्रेनिंग भी दिया जायेगा कि उन्होंने कहां गलती की।
- वारंट रिजस्टर अपडेट नहीं होने पर थानेदार पर होगा एक्शन
पटना। बिहार के किसी भी जिले में क्राइम होने के बाद यह देखा जाएगा कि पुलिस पेट्रोलिंग कितनी देर बाद घटनास्थल पर पहुंची। इसके लिए जीपीएस युक्त गश्ती वाहनों की ट्रैकिंग की जायेगी। पेट्रोलिंग में लापरवाही करने वाले पुलिस अफसरों व पुलिसकर्मियों को सजा के साथ-साथ ट्रेनिंग भी दिया जायेगा कि उन्होंने कहां गलती की।
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पैदल पट्रोलिंग करने वाले पुलिस टीम की भी मानीटरिंग की जायेगी। बार-बार गड़बड़ी करने वालों पर सख्त कार्रवाई की जायेग। पुलिस हेडक्वार्टर के एडीजी जितेंद्र सिंह गंगवार ने डीजीपी एसके सिंघल की अध्यक्षता में वीडियो कांफ्रेंसिंग से ली जा रही जिलों सीनीयर पुलिस अफसरों की बैठक में यह निर्देश दिया।
वारंट रजिस्टर अपडेट नहीं होने पर थानेदार नपेंगे
सभी जिलों के एसपी को हिदायत दी गई कि पुलिस स्टेशन में वारंट रजिस्टर अपडेट रखी जाए। थानाध्यक्षों को इस बाबत स्पष्ट निर्देश जारी किया जाए। वारंट रजिस्टर अपडेट न रखने वाले थानाध्यक्षों पर कार्रवाई भी की जाए। स्पीडी ट्रायल में तेजी बरकरार रखते हुए लंबित कांडों के निष्पादन पर विशेष ध्यान दिया जाए। एडीजी हेडक्वार्टर ने पटना की तरह सभी एसएसपी व एसपी को जिला स्तर पर मीडिया सेंटर स्थापित करने भी निर्देश दिया।
पुलिस अफसर कानून के तहत ही कार्रवाई करें: डीजीपी
डीजीपी एसके सिंघल ने सभी क्षेत्रीय पुलिस पदाधिकारियों को नियम और कानूनी प्रक्रिया के अनुरूप ही कार्रवाई करने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि इसमें जहां भी कठिनाई जाए तो इस संबंध में कानूनी सलाह ली जाए। अनुशासनिक कार्रवाई करते समय प्राकृतिक न्याय के सिद्धांतों का हमेशा ख्याल रखना चाहिए। विभागीय कार्रवाई के आरोपित अफसरों व कर्मियों को अपना पक्ष रखने का मौका भी दिया जाए ताकि कार्रवाई पक्षपातपूर्ण न दिखे।
थाना भवन के लिए करें समतल व सुगम स्थलों का चयन
बिहार पुलिस भवन निर्माण निगम के डीजी विनय कुमार ने जिलों के पुलिस अफसरों को निर्देश दिया कि थाना के भवन निर्माण के लिए स्थल चयन समतल हो। जमीन की लंबाई-चौड़ाई पर्याप्त हो, साथ ही पहुंच स्थल भी सुगम हो। जहां भवन निर्माण हो चुका है, वहां उसका तत्काल अधिग्रहण किया जाए। भवन निर्माण के दौरान गुणवत्ता का भी ख्याल रखें। खासकर नींव एवं छत की ढलाई के समय थानाध्यक्ष और सीनीयरअफसर खुद निगरानी करें। सीआइडी के एडीजी जितेंद्र कुमार ने हत्या, डकैती, लूट एवं दंगा के कांडों की वृहद समीक्षा की और बताया कि पिछले साल की तुलना में इसमें कमी आई है। कार्तिक महीने में लगने वाले सोनपुर मेले में अपराध निरोध प्रदर्शनी के आयोजन पर भी विचार-विमर्श हुआ।