बिहार: दागी एसडीपीओ को मिला इलिगल बालू माइनिंग रोकने का जिम्मा, भ्रष्टाचार मामले में आरोपित हैं अफसर
बिहार में इलिगल बालू माइनिंग मामले में हटाये गये अफसरों की जगह भेजे गये नये अफसर भी दागी हैं। डेहरी आन सोन के एसडीपीओ विनोद कुमार राउत भ्रष्टाचार के मामले में पहले से आरोपित हैं। होम डिपार्टमेंट के निर्देश पर विजिलेंस को जांच सौंपी गई है।
पटना। बिहार में इलिगल बालू माइनिंग मामले में हटाये गये अफसरों की जगह भेजे गये नये अफसर भी दागी हैं। डेहरी आन सोन के एसडीपीओ विनोद कुमार राउत भ्रष्टाचार के मामले में पहले से आरोपित हैं। होम डिपार्टमेंट के निर्देश पर विजिलेंस को जांच सौंपी गई है।
सब-इंस्पेक्टर से प्रमोशन पाकर डीएसपी बने विनोद कुमार राउत एकीकृत बिहार में धनबाद में पोस्टेड थे। आरोप है कि धनबाद जिले के तोपचाची के थानेदार रहते भी उनपर गंभीर आरोप लगे थे। अभी विजीलेंस में विनोद कुमार राउत के खिलाफ जो जांच चल रही है वह मामला पांच साल पहले का है। उस सम वह जमुई जिले के झाझाके एसडीपीओ के पद पर तैनात थे। अनियमितता की शिकायत प्राप्त होने के बाद होम डिपार्टमेंट ग ने जांच का आदेश दिया था। इसके बाद झाझा एसडीपीओ के पद से हटाते हुए उन्हें स्पेशल ब्रांच में भेजा गया था। अब स्पेशल ब्रांच से उन्हें डेहरी का एसडीपीओ बनाकर भेजा गया है।
इलिगल बालू माइनिंग में हटाये गये 41 अफसरों में चार एसडीपीओ
बालू का इलिगल माइनिंग रोकने में विफल रहने पर पुलिस और प्रशासन के 41 अफसरों पर गाज गिरी है। इनमें भोजपुर व औरंगाबाद के तत्कालीन एसपी के अलावा पालीगंज, डेहरी आन सोन, आरा और औरंगाबाद सदर के एसडीपीओ भी शामिल थे। पुलिस हेडक्वार्टर ने 18 जुलाई को इन्हीं चार जगहों पर नये एसडीपीओ की तैनाती की है, इनमें डेहरी एसडीपीओ भी शामिल हैं।
इलिगल बालू माइनिंग मामले में तीन डीटीओ व दो एमवीआइ पर कार्रवाई की गयी है। एसीडीओ व सीओ को भी हटाया गया है।अफसरों केे के खिलाफ ईओयू की जंच चल रही है।