बोकारो: प्रिया दूबे ने जोनल आईजी का पदभार संभाला, दुमका में आज लेंगी प्रभार

आईपीएस अफसर प्रिया दूबे ने सोमवार को बोकारो के नये जोनल आईजी का पदभार संभाल लिया। श्रीमती दुबे ने बोकारो इस्पात नगर ऑफिस में विधिवत योगदान दे दिया।

बोकारो: प्रिया दूबे ने जोनल आईजी का पदभार संभाला, दुमका में आज लेंगी प्रभार


बोकारो। आईपीएस अफसर प्रिया दूबे ने सोमवार को बोकारो के नये जोनल आईजी का पदभार संभाल लिया। श्रीमती दुबे ने बोकारो इस्पात नगर ऑफिस में विधिवत योगदान दे दिया। मौके पर बोकारो एसपी चंदन  झा भी उपस्थित थे।

आईजी प्रिया दुबे ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा की साइबर क्राइम समेत अन्य सभी तरह की क्राइम पर अंकुश लगाना उनकी पहली प्राथमिकता होगी। उन्होंने कहा कि जोन में क्राइम न हो इसके लिए वे सभी एसपी को विशेष निर्देश देंगी। उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में साइबर क्राइम की घटनाओं में काफी वृद्धि हो रही है। इसे रोकना वर्तमान परिपेक्ष में जरूरी है। 

उन्होंने कहा कि नक्सल क्षेत्र सुचारू रूप से अभियान चलाकर नक्सलियों के मनोबल को तोड़ना हमारी प्राथमिकता होगी। वर्तमान समय में पुलिसिंग पब्लिक फ्रेंडली होनी चाहिए। इसलिए पुलिस स्टेशन से लेकर बड़े अफसरों तक पुलिसकर्मियों उनकी बातों को गंभीरता से सुनने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि लोग अगर अपनी समस्याओं को लेकर पुलिस स्टेशन व अफसर के पास जाएं तो उन्हें यह अहसास होना चाहिए कि उनकी समस्याओं को सुनकर निदान करने वाला कोई वहां बैठा हुआ है।उन्होंने कहा कि पुलिस अफसरों को अपने कार्यशैली में बदलाव लाना होगा।
छह साल बाद आईजी की हुई पोस्टिंग
लगभग छह साल बाद बोकारो जोन में आईजी की पोस्टिंग की गयी है। प्रिया दूबे आईजी की पोस्टिंग की गयी है। श्रीमती दूबे को दुमका आईजी का भी एडीशनल चार्ज दिया गया है। वह मंगलवार को दुमका में आईजी का चार्ज लेंगी। 
2016 में समाप्त हुआ था आइजी का पोस्ट
रघुवर दास की सरकार ने वर्ष 2016 में जोनल आइजी का पोस्ट समाप्त कर दिया था। उसके बाद से जोन में किसी आईजी की पोस्टिंग नहीं की गयी। पुलिस हेडक्वार्टर के आईजी को तीनों जोन का अलग-अलग एडीशन चार्ज दिया गया था। रांची से ही जोन के आइजी अपना कार्यालय संचालित करते थे। प्रिया दूबे बोकारो व दुमका का आईजी बनाया गया है।1998 बैच की आइपीएस अफसर  प्रिया दुबे कोयलांचल और संताल परगना से पूरी तरह वाकिफ हैं। वे बतौर एसपी 15 फरवरी, 2007 से 23 फरवरी, 2009 तक वह बोकारो में तैनात थीं। वह दुमका की डीआइजी भी रह चुकी हैं।