बोकारो: लुगुबुरु घांटाबाड़ी धोरोमगाढ़ में इस साल भी सम्मेलन व मेला नहीं, सिर्फ पूजा होगी
संतालियों की संस्कृति व परंपरा के उद्गम स्थल लुगुबुरु घांटाबाड़ी धोरोमगाढ़ में इस वर्ष भी कार्तिक पूर्णिमा पर सम्मेलन व मेला आयोजित नहीं होगा। पुनाय थान में सिर्फ समिति के द्वारा पूजा की जायेगी। बेरमो अनुमंडल प्रशासन व समिति की बुधवार को श्यामली गेस्ट हाउस टीटीपीएस ललपनिया में बैठक में यह निर्णय लिया गया।
बोकारो। संतालियों की संस्कृति व परंपरा के उद्गम स्थल लुगुबुरु घांटाबाड़ी धोरोमगाढ़ में इस वर्ष भी कार्तिक पूर्णिमा पर सम्मेलन व मेला आयोजित नहीं होगा। पुनाय थान में सिर्फ समिति के द्वारा पूजा की जायेगी। बेरमो अनुमंडल प्रशासन व समिति की बुधवार को श्यामली गेस्ट हाउस टीटीपीएस ललपनिया में बैठक में यह निर्णय लिया गया।
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एसडीओ अनंत कुमार ने कहा कि कोरोना अभी खत्म नहीं हुआ है। इसलिए पिछले साल के गाइडलाइन को ही अभी जारी रखा जायेगा।बैठक में प्रशासन की ओर से समिति से कहा गया कि विभिन्न राज्यों से आने वाले श्रद्धालुओं से संपर्क कर उन्हें कोरोना के चलते यहां नहीं आने का अनुरोध करें।परिसर में श्रद्धालुओं के लिए कोई व्यवस्था नहीं होगी। ऐसे भी अभी राज्य में मेला आदि पर प्रतिबंध जारी है। मौके पर समिति के अध्यक्ष बबूली सोरेन, सचिव लोबिन मुर्मू, उपाध्यक्ष बाहाराम हांसदा, जयराम हांसदा, रॉयल हांसदा, कालिदास मार्डी आदि थे।
अफसरों ने दोरबार चट्टानी का किया दौरा
एसडीओ बेरमो अनंत कुमार, एसडीपीओ बेरमो सतीशचंद्र झा, बीडीओ गोमिया कपिल कुमार, सीओ संदीप अनुराग टोपनो व अन्य अफसरों ने दोरबार चट्टानी का निरीक्षण भी किया। अफसरों के साथ समिति के पदाधिकारी व सदस्य सहित टीवीएनएल के एमडी अनिल कुमार शर्मा, टीटीपीएस के डीजीएम एचआर अशोक प्रसाद भी थे। एसडीओ ने समिति को कई दिशा-निर्देश दिये।सुरक्षा के लिहाज से एसडीपीओ ने भी निरीक्षण किया है। समिति की ओर से सीएम हेमंत सोरेन को 21वें अंतर्राष्ट्रीय संताल सरना महाधर्म सम्मेलन में बतौर चीफ गेस्ट आमंत्रित किया गया है। समिति के अनुसार ने आने की हामी भी भरी है।
हर वर्ष कार्तिक पूर्णिमा पर लुगुबुरु में आयोजित होने वाले दो दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय संताल सरना महाधर्म सम्मेलन में देश के कोने-कोने के अलावे पड़ोसी देशों से भी लाखों संताली श्रद्धालु अपने इस महान धर्मस्थल में मत्था टेकने पहुंचते हैं। लेकिन, कोरोना के कारण 20वें अंतर्राष्ट्रीय संताल सरना महाधर्म सम्मेलन में श्रद्धालुओं को पूजा की अनुमति नहीं दी गयी थी। प्रशासन तथा समिति द्वारा श्रद्धालुओं से नहीं आने की अपील की गयी थी।कोरोना काल में पिछली बार यहां श्रद्धालु नहीं के बराबर पहुंचे थे। जो श्रद्धालु पहुंच गये थे, उन्हें पूजा करने के बाद तुरंत लौटना पड़ा था।