CIMFR Dhanbad honorarium scam : 139 करोड़ के मानदेय घोटाले में CBI का एक्शन, एक्स डायरेक्टर का फ्लैट सील
देश की टॉप रिसर्च इकाइयों में शुमार कोयला राजधानी धनबाद के सिंफर (CIMFR) में हुए 140 करोड़ के मानदेय घोटाला मामले में CBI ने बड़ी कार्रवाई की है।
- सीबीआई की चार टीमों ने विभिन्न जगहों पर की रेड
- सिंफर के धनबाद व डिगवाडीह ऑफिस से जब्त किये गये दस्तावेज
धनबाद। देश की टॉप रिसर्च इकाइयों में शुमार कोयला राजधानी धनबाद के सिंफर (CIMFR) में हुए 140 करोड़ के मानदेय घोटाला मामले में CBI ने बड़ी कार्रवाई की है।
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सीबीआइ ने सिंफर के एक्स डायरेक्टर डॉ पीके सिंह के धैया स्थित फ्लैट को सील कर दिया है। सीबीआई ने सिंफर के चीफ साइंटिस्ट डॉ एके सिंह के सिंफर के डिगवाडीह कैंपस के आवास में भी रेड की है। चीफ साइंटिस्ट डॉ अशोक कुमार सिंह के रात तक पूछताछ की गयी। सिंफर में 1.39 अरब के मानदेय घोटाला में शुक्रवार को सीबीआई की चार टीमों ने अलग-अलग स्थानों रेड की है। इस दौरान सिंफर के एक्स डायरेक्टर डॉ प्रदीप कुमार सिंह के धैया स्थित सुंदरम अपार्टमेंट के फ्लैट नंबर 602 को सील कर दिया गया। डिगवाडीह में चीफ साइंटिस्ट डॉ अशोक कुमार सिंह के घर पर भी रेड व सर्च की गयी। सीबीआई टीम ने उनसे रात नौ बजे तक पूछताछ की। सीबीआई की टीम ने सिंफर के धनबाद व डिगवाडीह के ऑफिस में जांच की। कई कागजात जब्त किये। सीबीआई रेड के दौरान सिंफर के एक्स डायरेक्टर का फ्लैट बंद मिला। सीबीआई अफसरों ने आसपास के लोगों से जानकारी लेने के बाद बाद फ्लैट को बाहर से सील कर दिया। मानेय घोटाले में एफआइआर दर्ज होने के बाद से श्री सिंह का फ्लैट बंद है। वहां कोई आता-जाता नहीं है।
सीबीआई टीम डिगवाडीह ऑफिस से जब्त कागजात व कंप्यूटर साथ ले गयी। कोल इंडिया की तीन इकाइयों से पावर प्लांट को होने वाले कोयला डिस्पैच के सैंपलिंग का जिम्मा सिंफर को दिया गया था। इसमें भ्रष्टाचार का मामला प्रकाश में आने के बाद धनबाद सीबीआई की टीम ने शुक्रवार को एक्स डायरेक्टर व चीफ साइंटिस्ट एके सिंह के डिगवाडी आवास व ऑफिस में एक साथ लगभग 12 घंटे तक जांच की। सीबीआई एसपी पीके झा के नेतृत्व में टीम जांच दौरान आवास और ऑफिस से दस्तावेज, कंप्यूटर व लैपटॉप जब्त किये।
यह है मामला
सिंफर के एक्स डायरेक्टर डॉ प्रदीप कुमार सिंह और डिगवाडीह के चीफ साइंटिस्ट डॉ अशोक कुमार सिंह पर सीएसआइआर के नियमों का उल्लंघन कर मानदेय मद में राशि निकासी का आरोप है। सीबीआई ने इन दोनों के खिलाफ 25 जून को एफआइआर दर्ज किया था। सीबीआई के अनुसार कोयले की थर्ड पार्टी सैंपलिंग में विभिन्न कोल कंपनी और पावर कंपनियों से प्राप्त राशि को सिंफर के पूर्व निदेशक डॉ पी के सिंह और चीफ साइंटिस्ट डॉ एके सिंह ने मनमाने तरीके से हड़प ली थी।एक्स डायरेक्टर डॉ पीके सिंह पर 15 करोड़ 36 लाख 72 हजार रुपये तथा चीफ साइंटिस्ट एके सिंह पर नौ करोड़ चार लाख 31 हजार 337 रुपये मानदेय लेने का आरोप है। सीएसआईआर ने इसे घोटाला मानकर जांच का जिम्मा सीबीआई और सीवीसी को सौंप दिया था। सीबीआइ ने जांच पूरी कर 26 जून को एक्स डायरेक्टर डॉ पी के सिंह व चीफ साइंटिस्ट डॉ एके सिंह को समेत अन्य अज्ञात के खिलाफ एफआइआर दर्ज की है। सीबीआई के अनुसार, सिंफर में इस अनियमितता को वर्ष 2016 से 2021 के बीच अंजाम दिया गया था।