One Nation One Election प्रस्ताव को कैबिनेट की मंजूरी, लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ होंगे
एक देश एक चुनाव के प्रस्ताव को आज मोदी कैबिनेट से मंजूरी मिल गई है। पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में बनी कमेटी की रिपोर्ट के बाद इस प्रस्ताव को कैबिनेट में मंजूरी मिल गयी है। इससे देश में विधानसभा और लोकसभा के चुनाव एक साथ करवाने की राह अब आसान हो गयी है।
- नवंबर-दिसंबर में बिल आयेगा
- अगले 100 दिन में निकाय चुनाव
- रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में बनी कमेटी की रिपोर्ट के बाद प्रस्ताव को मंजूरी मिली
- 18 हजार 626 पन्नों की है कोविंद कमेटी की रिपोर्ट
नई दिल्ली। एक देश एक चुनाव के प्रस्ताव को आज मोदी कैबिनेट से मंजूरी मिल गई है। पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में बनी कमेटी की रिपोर्ट के बाद इस प्रस्ताव को कैबिनेट में मंजूरी मिल गयी है। इससे देश में विधानसभा और लोकसभा के चुनाव एक साथ करवाने की राह अब आसान हो गयी है।
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पीएम नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में इस प्रस्ताव को पेश किया गया, जिस पर सर्वसम्मति से कैबिनेट नेमुहर लगा दी। शीतकालीन सत्र में एनडीए सरकार यह बिल संसद में लेकर आयेगी।इस रिपोर्ट को कोविंद समिति ने लोकसभा चुनाव से ठीक पहलेइसी साल मार्च में सौंपा था।इसे लेकर कानून मंत्रालय काफी सक्रिय है। इस रिपोर्ट में बताया गया है कि एक देश एक चुनाव के क्या फायदे हो सकते हैं। कैसे इस पर अमल किया जा सकता है।
रिपोर्ट के अनुसार लोकसभा और विधानसभा केचुनाव एक साथ हो सकते हैं। बाद में स्थानीय निकाय चुनावों को भी इसमें शामिल किया जा सकता है। कमेटी की रिपोर्ट में सिफारिश की गई है कि लोकसभा और सभी राज्यों के विधानसभा चुनाव एक साथ कराये जा सकते हैं। इसके अलावा अगले 100 दिनों के अंदर ही पूरे देश में निकाय चुनाव हो सकते हैं। पैनल की ओर से इन सिफारिशों को लागू करने के लिए भी एक अलग समूह के गठन का सुझाव दिया गया है। पैनल का कहना है कि इससे संसाधनों की बचत हो सकेगी। जटिल प्रक्रिया को भी आसान किया जा सकेगा।
कोविंद समिति की सिफारिश
पैनल का कहना है कि इस फॉर्मूले को लागू करने के लिए सबसे जरूरी चीज यह है कि कॉमन इलेक्टोरल रोल यानी मतदाता सूची तैयार की जाए। इसी सूची को लोकसभा, विधानसभा और निकाय चुनावों में समान रूप से इस्तेमाल किया जाए। मौजूदा व्यवस्था में स्थानीय निकाय की मतदाता सूची अलग होती है। जबकि लोकसभा और विधानसभा की सूची अलग से तैयार होती है। फिलहाल केंद्रीय चुनाव आयोग की ओर से विधानसभा और लोकसभा के चुनाव कराये जाते हैं। वहीं स्थानीय निकाय और पंचायत के चुनावों का आयोजन राज्य निर्वाचन आयोग करते हैं। कोविंद समिति का कहना है कि एक देश एक चुनाव के लिए 18 संवैधानिक संशोधनों की जरूरत होगी, इनमें से ज्यादातर के लिए राज्यों की विधानसभा की मंजूरी लेने की जरूरत नहीं होगी।
जिन प्रावधानों के लिए जरूरी है आधे राज्यों की मंजूरी
इस तरह यदि लोकसभा और राज्यसभा से एक देश एक चुनाव वाले बिल को मंजूरी मिल जाये तो फिर देश भर में लोकसभा और विधानसभा के चुनाव एक साथ ही कराये जा सकेंगे। वहीं एक इलेक्टोरल रोल और सिंगल आईडी कार्ड के लिए देश के आधे राज्यों की विधानसभाओं से भी प्रस्ताव पारित कराना होगा। इस मामले में जल्दी ही विधि आयोग की ओर से भी एक रिपोर्ट पेश की जा सकती है।
18 हजार 626 पन्नों की है कोविंद कमेटी की रिपोर्ट
एक देश एक चुनाव के लिए पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में बनी कमेटी ने इसी वर्ष 2024 की 14 मार्च को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु को अपनी रिपोर्ट सौंपी थी। वन नेशन वन इलेक्शन की यह रिपोर्ट 18 हजार 626 पेज की है।